मेडिकल शोधकर्ताओं ने एक ऐसी डिवाइस बनाई है जो अच्छी गुणवत्ता वाले रक्तदाता (ब्लड डोनर) की पहचान कर सके। खबर के मुताबिक इस डिवाइस को 'माइक्रोफ्लुइडिक' नाम दिया गया है। इसे यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया (यूबीसी) के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। माना जा रहा ह कि इसके इस्तेमाल से जरूरतमंद को अच्छी गुणवत्ता का खून मिल सकेगा।

अच्छी गुणवत्ता वाला रक्त किसे कहते हैं?
कई लोगों की रक्त कोशिकाओं में शरीर के बाहर आने के बाद भी लंबे वक्त तक जीवित रहने की क्षमता होती है। इसका संबंध कोशिकाओं की उस क्षमता से है जिसमें वे एक स्तर तक अपने आकार को सिकोड़ लेती हैं, लेकिन इसके बावजूद नष्ट नहीं होतीं। इस क्षमता को 'डिफॉर्मेबिलिटी' कहते हैं। केमिकल या कोल्ड स्टोरेज से रक्त कोशिकाओं की यह क्षमता कमजोर हो सकती है। वहीं, इस स्थिति में भी जिन रक्त कोशिकाओं के आकार बदलने की क्षमता बनी रहती है, वे रक्तसंचार में लंबे समय तक बने रह सकती हैं। माइक्रोफ्लुइडिक डिवाइस से पहले डोनेट किए गए ऐसे रक्त को पहचानने का कोई विश्वसनीय तरीका डॉक्टरों के पास नहीं था।  

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क्या है माइक्रोफ्लुइडिक्स?
माइक्रोफ्लुइडिक्स तरल पदार्थों को नियंत्रित करने और तोड़ने-मरोड़ने से जुड़ा विज्ञान है। इसमें तरल पदार्थों को अलग-अलग आकार और प्रकार की डिवाइसों में इस तरह डाला जाता है कि उनसे वांछित परिणाम प्राप्त किया जा सके। इसके लिए डिवाइसों में डाले जाने के बाद तरल पदार्थों के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है। जीवविज्ञान में इस तकनीक का काफी प्रयोग किया जाता है।

कैसे बनाई गई नई डिवाइस?
यूबीसी के शोधकर्ताओं की टीम ने विशेष रूप से तैयार की गई माइक्रोफ्लुइडिक डिवाइस के माध्यम से आठ अलग-अलग डोनर्स की लाल रक्त कोशिकाओं को फिल्टर किया। यह देखने के लिए कि स्टोरेज के दौरान उनकी डिफॉर्मेबिलिटी को कैसे नियंत्रित या बनाए रखा जा सकता था। इस दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि बाकी छह लोगों की तुलना में दो रक्तदाताओं के खून के नमूने ज्यादा स्थिर थे। 

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अध्ययन पर बात करते हुए एक शोधकर्ताओं ने कहा, 'हमने पाया है कि दो डोनेर्स के खून के नमूने ज्यादा स्थिर थे। स्टोरेज के दौरान इन लोगों की लाल रक्त कोशिकाएं बाकी डोनेर्स की तुलना में ज्यादा डिफॉर्मेबल थीं।' अध्ययन के परिणाम के आधार पर शोधकर्ताओं ने कहा कि अभी और शोध करने की आवश्यकता है, लेकिन प्राप्त नतीजे बताते हैं कि इस डिवाइस के जरिये उन डोनर्स की पहचान करने में मदद मिलेगी, जिनकी लाल रक्त कोशिकाओं को लंबे समय तक जीवित रखा जा सकता है। फिलहाल शोधकर्ताओं की टीम की योजना है कि बेहतर डिवाइस विकसित करने के लिए ज्यादा से ज्यादा ब्लड टेस्ट किए जाएं।

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इस तकनीक से उन लोगों को काफी फायदा हो सकता है जिन्हें एक समय के बाद खून की जरूरत होती है। शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने में इन लाल रक्त कोशिकाओं की भूमिका अहम होती है। यह डिवाइस एक तरीका है, जिससे लाल रक्त कोशिकाओं का तेजी से टेस्ट कर उनकी क्षमता को पहचाना जा सकता है। इससे बेहतर और अच्छे ब्लड सेल्स जरूरतमंद व्यक्ति या मरीज को मिल सकेंगे।

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