कोविड-19 संकट के बीच देश के सबसे बड़े अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने भारतीय प्रशासन सेवा की तर्ज पर इंडियन मेडिकल सर्विस (आईएमएस) की स्थापना की मांग कर दी है। चिकित्सक दिवस से ठीक एक दिन पहले की गई इस मांग को आरडीए ने मौजूदा समय की बड़ी जरूरत बताया है, जिसे देशभर में महसूस किया जा रहा है। आरडीए के मुताबिक, चिकित्सा सेवाओं और सुविधाओं से जुड़े अहम फैसले और उन्हें पूरा करने के गैप को भरने के लिए आईएमएस एक पुल का काम कर सकता है।

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कोविड-19 के बढ़ते मामलों और स्वास्थ्यगत ढांचे के अपर्याप्त विकेंद्रीकरण का हवाला देते हुए एम्स आरडीए ने कहा है कि कोविड-19 से निपटने के लिए सरकार और ब्यूरोक्रेसी के स्तर पर तमाम संभव प्रयास किए जाने के बाद भी कुछ कमियां अभी भी बाकी हैं। इस बाबत एक बयान जारी करते हुए आरडीए ने कहा है, 'मौजूदा महामारी के दौरान संयुक्त रूप से हेल्थकेयर योजना और उसकी डिलिवरी की जरूरत महसूस की गई है। एक विश्वसनीय मेडिकल बैकग्राउंड वाले प्रशासकों की टीम तकनीकी मुद्दों पर ज्यादा बेहतर तरीके से ध्यान दे पाएगी।'

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बयान में आगे लिखा है, 'देशभर के डॉक्टर काफी समय से इंडियन मेडिकल सर्विस को बड़ी जरूरत बताते रहे हैं। यह (चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े) फैसलों और उनकी आपूर्ति के गैप को भर सकती है। साथ ही इससे उन डॉक्टरों की मांगों को भी पूरा करने में मदद मिलेगी जो नागरिकों की चिकित्सा सेवा करते हुए अक्सर बहुत मुश्किल परिस्थितियों का सामना करते हैं।' डॉक्टर्स डे के मौके पर रखी गई इस मांग को लेकर एम्स आरडीए ने यह भी कहा कि वह इस 'नेक काम' के लिए देश की तमाम रेजिडेंट और प्रोफेशनल डॉक्टर्स एसोसिएशन्स से संपर्क करेगी और उनका समर्थन मांगेगी।

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