महामारी एक ऐसी स्थिति होती है, जब अचानक से कोई बीमारी एक क्षेत्र में फैल जाती है। इस बीमारी का कोई इलाज न होने की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की मौत होने लगती है। महामारियां किसी नए माइक्रोब के आने पर फैलती है। कई बार पुराने माइक्रोब ज्यादा खतरनाक बनकर वापसी करते हैं। ये दूसरी जगह पहुंच कर पहले से भी ज्यादा ताकत के साथ हमला करते हैं और वहां के जनजीवन को नुकसान पहुंचाते हैं।

चीन में फैल रही महामारी
4 जनवरी को हॉन्ग कॉन्ग में हेल्थ अलर्ट जारी किया गया। चीन के एक शहर वुहान से लौट रहे कई यात्रियों में निमोनिया का नया रहस्यमयी वायरस पाया गया। इसी तरह के पांच मामले वहां देखे गए हैं। अभी तक वुहान में इस बीमारी से 59 लोग प्रभावित हो चुके हैं। इसमें से ज्यादातर लोग ह्युनान सीफूड मार्केट में काम किया करते थे। सात लोगों की हालत बहुत ही गंभीर है।

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जानवरों से फैल रही है ये बीमारी
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार अभी इंसानों से इंसानों में इस बीमारी के फैलने के कोई लक्षण सामने नहीं आए हैं। जिन लोगों को ये बीमारी हुई वो सब सीफूड मार्केट में काम किया करते थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन चीन में फैल रही इस बीमारी पर बराबर नजर बनाए हुए है। उनकी पूरी कोशिश है कि ये बीमारी महामारी में तब्दील न हो।

अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन के साथ किए जा रहे व्यापार और यात्रा पर रोक नहीं लगाई है। वैसे लोगों में फ्लू के लक्षण दिखते ही डॉक्टर को जरूर दिखाएं।

विश्व में महामारियों के आंकड़े
2014-15 में इबोला के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रिसर्च एंड डेवलपमेंट का एक ब्लूप्रिंट जारी किया था, जिसमें बीमारियों की रोकथाम के लिए जरूरी कदमों की एक लिस्ट जारी की थी। नॉर्वेजिअन इंस्टिट्यूट के साथ की गई रिसर्च से विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि विश्व अब भी नई महामारियों के लिए तैयार नहीं है। पैथोजन्स से फैलने वाली इन बीमारियों पर लगाम कसने के लिए समय से पहले उनकी पहचान करना जरूरी है।

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बीमारियों की समय पर पहचान उन्हें फैलने से रोक सकती है
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट कहती है कि इबोला वायरस अफ्रीका के ग्रामीण इलाकों में 1976 में ही खोज लिया गया था। 2014 में जब इबोला की महामारी फैली थी तो इससे पहले कभी शहर में इतनी बारी जनसंख्या में लोग मारे नहीं गए थे। कई हफ्तों तक इबोला अफ्रीकन देशों में घूमता रहा। जब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन को इस बीमारी का पता चलता, ये इतना फैल चुकी थी कि इसका उद्गम स्थान पता लगाना नामुमकिन हो गया था।

विश्व संगठन के अनुसार महामारी फैलाने वाली बीमारियां
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 11 इन्फेक्शियस बीमारियों की एक लिस्ट बनाकर रिसर्च और डेवलपमेंट को दी है। इन बीमारियों में चिकुनगुनिया, इबोला वायरस, जीका, सार्स-कोवी बीमारी और कांगो फीवर व अन्य हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर बीमारी के लिए 1.17 बिलियन डॉलर तक का फंड चाहिए।

भविष्य चुनौतियों से भरा है
विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2015 में हुई मीटिंग में ये बात साफ जाहिर कर दी गई थी कि किसी भी बीमारी को हराने के लिए सरकार की किसी भी रिपोर्ट पर निर्भर नहीं रहा जाएगा। जिस तरह से लोगों का आपस में कनेक्शन बढ़ता जा रहा है किसी भी बीमारी को एक देश तक रोककर रखना उसकी जांच करना और भी मुश्किल होता जा रहा है।

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