इबोला वायरस - Ebola Virus in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

September 06, 2018

February 02, 2024

इबोला वायरस
इबोला वायरस

इबोला वायरस क्या है?

इबोला और मारबर्ग वायरस एक जैसे वायरस हैं जिनके संक्रमण से रक्तस्राव वाला (हेमरेजिक) बुखार हो सकता है। इनसे होने वाली बीमारी में अत्यधिक रक्तस्राव होता है, शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं और ज्यादातर रोगी की मृत्यु हो सकती है। ये दोनों वायरस अफ्रीका में जन्मे हैं, जहाँ कई दशकों से इस बीमारी का छिटपुट प्रकोप होता रहा है।

इबोला और मारबर्ग वायरस जानवरों के शरीर में रहते हैं और संक्रमित जानवर के संपर्क में आने से यह बीमारी हो सकती है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति के खून, पसीना, आदि शरीर के या इससे निकलने वाले तरल पदार्थों (बॉडी फ्लूइड) या दूषित सुई के संपर्क में आने से यह बीमारी हो सकती है। 

अब तक इन दोनों में से किसी भी वायरस के इलाज की दवा नहीं बनी है। इबोला या मारबर्ग वायरस से पीड़ित व्यक्ति में इस संक्रमण के कारण पैदा हुए मुश्किलों का ही इलाज हो पता है। वैज्ञानिक इन खतरनाक बीमारियों के इलाज की दवा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

इबोला वायरस कैसे फैलता है - How does Ebola Virus spread in Hindi

इबोला वायरस कैसे फैलता है?

समझा जाता है कि इबोला वायरस टेरोपॉडीडे किस्म के मुख्यतः फल और परागकण खाने वाले चमगादड़ों (फ्रूट बैट) के शरीर में रहता है। इंसानों में इबोला, वर्षा वनों में पाए जाने वाले चिम्पांजी, गोरिल्ला, फ्रूट बैट और बन्दर जैसे संक्रमित बीमार या मृत जानवरों के खून, मल, मूत्र, अंगों या अन्य स्रावों से संपर्क में आने से फैलता है। 

त्वचा या श्लेष्मा झिल्ली (म्यूकस मेम्ब्रेन) फटी हो तो संक्रमित व्यक्ति के शरीर से खून या अन्य किस्म के स्राव और इन स्रावों से दूषित स्थान और बिस्तर कपड़े जैसी चीजों के संपर्क में आने से इबोला एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है।

(और पढ़ें - संक्रमण का इलाज)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

इबोला वायरस के संक्रमण के लक्षण - Ebola Virus Symptoms in Hindi

इबोला वायरस के लक्षण क्या हैं?

इबोला या मारबर्ग वायरस के संक्रमण के लक्षण पांच से 10 दिन के अंदर अचानक दिखने शुरू होते हैं। शुरुआती लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं: 

 थोड़े समय बाद लक्षण गंभीर होने लगते हैं और ये दिक्कतें उभरने लगती हैं:

(और पढ़ें - सिर दर्द से छुटकारा पाने के उपाय)

वजन घटाने का सही उपाय-मोटापे से परेशान? वजन कम करने में असफल? myUpchar आयुर्वेद मेदारोध फैट रेड्यूसर जूस द्वारा अब आसानी से वजन नियंत्रित करें। आज ही शुरू करें और स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाएं।

इबोला वायरस के कारण - Ebola Virus Causes and risk factors in Hindi

इबोला वायरस से संक्रमण कैसे होता है?

इबोला वायरस अफ्रीकी बंदरों, चिम्पांजी और अन्य प्राइमेट में पाया गया है। इबोला का कम गंभीर रूप फिलिपीन में बंदरों और सूअरों में पाया गया है। मारबर्ग वायरस अफ्रीका में बंदरों, चिम्पांजी और फ्रूट बैट में पाया गया है।

(और पढ़ें - हर्पीस के लक्षण

जानवरों से इंसानों में संक्रमण -

विशेषज्ञों का मानना है कि ये दोनों वायरस संक्रमित जानवरों के शरीर से होने वाले विभिन्न किस्म के स्राव से फैलते हैं। जैसे:

  • खून-
    संक्रमित जानवरों को काटने या खाने से संक्रमण फैलता है। जिन विशेषज्ञों ने अध्ययन के लिए जानवरों की चीर-फाड़ की थी उन्हें भी संक्रमण हो गया है। 
     
  • अपशिष्ट-
    अफ्रीका की कुछ गुफाओं में जाने वाले पर्यटक और खानकर्मी मारबर्ग वायरस से संक्रमित हुए हैं और आशंका है कि ऐसा इनके संक्रमित चमगादड़ों के मल-मूत्र से संपर्क में आने के कारण हुआ होगा।

(और पढ़ें - निपाह वायरस के लक्षण)

एक व्यक्ति से दूसरे को संक्रमण होना-

संक्रमित व्यक्ति से यह बीमारी तब तक दूसरे को नहीं लगती जब तक उसके लक्षण दिखने न शुरू हो जाएं। परिवार के सदस्य अक्सर इससे पीड़ित हो जाते हैं क्योंकि वे बीमार की देखभाल करते हैं या बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के शव को अंतिम संस्कार के लिए तैयार करते हैं।

इबोला या मारबर्ग वायरस के कीड़ों के काटने से  फैलने के साक्ष्य अब तक नहीं मिले हैं। 

गौरतलब है कि पश्चिम अफ्रीका में 45,000 भारतीय रहते हैं और आने वाले समय में अगर सावधानी न बरती जाए तो संक्रमण फैल सकता है। 

इबोला या मारबर्ग होने का खतरा, आम तौर पर, कम होता है लेकिन निम्न परिस्थितियों में इसका जोखिम बढ़ सकता है :

  • अफ्रीका यात्रा-

          इबोला या मारबर्ग होने का खतरा अधिक होता है यदि आप ऐसी जगह गए हों या काम करते हों जहाँ यह संक्रमण फैला हो।

  • जानवरों पर अध्ययन-
    अफ्रीका या फिलिपीन से आयातित बंदरों पर अध्ययन करने वालों को इबोला या मारबर्ग वायरस के संक्रमण का खतरा होता है। 
     
  • संक्रमित व्यक्ति की चिकित्सकीय या व्यक्तिगत देखभाल-
    संक्रमित व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को अक्सर यह  बीमारी लग जाती है क्योंकि वे उनकी देखभाल करते हैं। अनिवार्य तौर पर मास्क, दस्तानों और अन्य सुरक्षा उपायों का इस्तेमाल न करने पर डॉक्टरों  और अन्य चिकित्साकर्मियों को भी इसके संक्रमण का खतरा रहता है।
     
  • रोगी की शव के अंतिम संस्कार की तैयारी-
    इबोला या मारबर्ग पीड़ितों के शव से भी संक्रमण का जोखिम होता है। इन शवों को अंतिम संस्कार के लिए तैयार करने वालों को भी इसके संक्रमण का खतरा रहता है।

(और पढ़ें - जीका वायरस के लक्षण)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Bhringraj Hair Oil
₹599  ₹850  29% छूट
खरीदें

इबोला वायरस से बचाव - Prevention of Ebola Virus in Hindi

इबोला वायरस से कैसे बचें?

इबोला वायरस के संपर्क से बचाव इसकी रोकथाम का सबसे अच्छा तरीका है। निम्न एहतियात बरतने से इसका संक्रमण और इसे फैलने से रोक सकते हैं। 

  • इस बीमारी के प्रकोप वाली जगह पर न जाएं -
    अफ्रीका जाने से पहले, वहां फैली ताजा महामारियों के बारे में पता करें। 
     
  • नियमित रूप से हाथ धोते रहें-
    अन्य संक्रामक बीमारियों की तरह ही इबोला से बचने का भी एक महत्वपूर्ण तरीका है नियमित रूप से अपने हाथ धोते रहें। हाथ धोने के लिए साबुन और पानी का इस्तेमाल करें या साबुन व पानी उपलब्ध न होने पर अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइजर-रब का उपयोग करें जिनमें कम से कम 60 प्रतिशत अल्कोहल का मिश्रण हो।

(और पढ़ें - एचपीवी के लक्षण)

  • जंगली जानवरों का मीट न खाएं-

          अफ्रीका जाने के बाद अफ्रीकी देशों में स्थानीय बाजारों में मिलने वाले चिम्पांजी, गोरिल्ला जैसे प्राइमेट समेत जंगली जानवरों का मीट खरीदने या खाने से बचें।

  • संक्रमित लोगों से दूर रहें-
    मरीज की देखभाल करने वालों को विशेष रूप से उनके खून, लार समेत अन्य किस्म के स्रावों के संपर्क में आने से बचना चाहिए। इबोला या मारबर्ग बीमारी अंतिम चरण में सबसे अधिक संक्रामक हो जाती है।

(और पढ़ें - वायरल इन्फेक्शन का इलाज)

  • संक्रमण-नियंत्रण के प्रक्रिया का पालन करें-
    यदि आप स्वास्थ्य कर्मी हैं तो जैसे दस्ताने, मास्क, गाउन (पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े) और आई शील्ड (आँखों के बचाव का उपकरण) आदि जरूर पहनें । संक्रमित रोगियों को दूसरों से दूर रखें। सूइयों को नष्ट कर दें और अन्य उपकरणों को भी कीटाणु-मुक्त करें। 
     
  • इबोला संक्रमित व्यक्ति के शव को ना छुएं-
    इबोला या मारबर्ग पीड़ितों के शव भी संक्रमित होते हैं। इनका अंतिम संस्कार विशेष तौर पर संगठित और प्रशिक्षित टीम द्वारा उचित सुरक्षा उपकरणों के जरिये किया जाना चाहिए। 

 टीका तैयार करना-

वैज्ञानिक इबोला और मारबर्ग वायरस से बचाव के लिए टीका बनाने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ आशाजनक परिणाम सामने आये हैं लेकिन और जांच की जरूरत है।

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस बी का इलाज)

इबोला वायरस का निदान - Diagnosis of Ebola Virus in Hindi

इबोला वायरस का निदान कैसे होता है?

इबोला और मारबर्ग हेमरेजिक बुखार का निदान मुश्किल होता है क्योंकि इसके शुरूआती लक्षण टाइफाइड और मलेरिया जैसी बीमारियों की तरह ही होते हैं। अगर डॉक्टर को लगता है कि आप इबोला या मारबर्ग वायरस से पीड़ित हैं तो वो जल्द से जल्द खून की निम्न जांच कराने को कहते हैं:

  • "एंजाइम लिंक्ड इम्म्यूनोसॉरबेन्ट एसे" (Enzyme-linked immunosorbent assay ; एलीसा)
  • "रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज पॉलीमरेज चेन रिऎक्शन" (Reverse transcriptase polymerase chain reaction ; पीसीआर)

(और पढ़ें - इन्फ्लूएंजा क्या है)

इबोला वायरस का इलाज - Ebola Virus Treatment in Hindi

इबोला वायरस के संक्रमण का इलाज क्या है?

एंटी वायरल दवाइयां इनमें से किसी भी वायरस से होने वाले संक्रमण को ठीक नहीं कर पाती हैं। अस्पतालों में चिकित्सकीय देखभाल इस प्रकार की जाती है :

  • तरल पदार्थ पिलाना - (और पढ़ें - nariyal pani ke fayde)
  • ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखना (और पढ़ें - bp kam karne ka upay)
  • आवश्यकता अनुरूप ऑक्सीजन प्रदान करना 
  • शरीर में खून की कमी पूरी करते रहना (और पढ़ें - खून की कमी का इलाज)
  • बीमारी के समय अन्य होने वाले संक्रमण का इलाज करना 

(और पढ़ें - बैक्टीरियल संक्रमण के लक्षण)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Power Capsule For Men
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

इबोला वायरस की जटिलताएं - Ebola Virus Complications in Hindi

इबोला से क्या जटिलताएं पैदा हो सकती हैं?

ज्यादातर मामलों में इबोला पीड़ितों की मृत्यु हो जाती है। बीमारी बढ़ने के साथ ये समस्याएं उभर सकती है-

ये वायरस जानलेवा इसलिए है क्योंकि यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है। लेकिन अब तक वैज्ञानिक यह नहीं समझ पाए हैं कि कुछ लोग इबोला से ठीक हो जाते हैं और कुछ नहीं पाते। 

जो इबोला से बच जाते हैं उनके स्वास्थ्य में सुधार धीरे-धीरे होता है। उन्हें वजन और ताकत बढ़ाने में महीनों लग जाते हैं और वायरस उनके शरीर में कई हफ्तों तक सक्रिय रहता है। उन्हें इन मुश्किलों से भी गुजरना पड़ सकता है:                                 :

(और पढ़ें - कमजोरी दूर करने के उपाय)



संदर्भ

  1. Shevin Jacob, et al. Ebola Virus disease. Nat Rev Dis Primers 6, 13 (2020). PMID: 32080199.
  2. Sarathi Kalra, et al. The Emergence of Ebola as a Global Health Security Threat: From ‘Lessons Learned’ to Coordinated Multilateral Containment Efforts. J Glob Infect Dis. 2014 Oct-Dec; 6(4): 164–177. PMID: 25538455.
  3. Mahmoud Tawfik Khalafallah, et al. Ebola virus disease: Essential clinical knowledge Avicenna J Med. 2017 Jul-Sep; 7(3): 96–102. PMID: 28791241
  4. CDC [Internet]. Centers for Disease Control and Prevention; Ebola (Ebola Virus Disease)
  5. WHO [Internet]. World Health Organization; Pregnancy and breastfeeding during an Ebola virus outbreak
  6. WHO [Internet]. World Health Organization; Democratic Republic of the Congo begins first-ever multi-drug Ebola trial