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सेक्स के जहां तमाम तरह के शारीरिक लाभ होते हैं तो वहीं सेक्स नहीं करने से कई प्रकार के नुकसान भी हो सकते हैं। अगर महिलाओं के नजरिए से देखा जाए तो स्त्रियों के जीवन में सेक्स का न होना केवल समस्या ही नहीं, बल्कि इसकी वजह से शरीर में कई प्रकार से नकारात्मक परिवर्तन की शुरुआत हो सकती है।

क्या कहती है रिसर्च?
एक नई रिसर्च से यह खुलासा हुआ है कि महिलाओं के लिए एक प्रकार से फीकी और नीरस सेक्स लाइफ (यौन जीवन) का मतलब मासिकधर्म की परेशानी से जुड़ा है। यौन जीवन और मासिकधर्म की समस्या के बीच इस संबंध को जानने के लिए ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने 10 सालों तक लगभग 3 हजार अमरिकी महिलाओं के यौन जीवन और मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) स्थिति की जांच की।

इस दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन महिलाओं के जीवन में सेक्स का अभाव था। मतलब जो महिलाएं यौन संबंधों को कम महत्व देती थी, उन महिलाओं को कम उम्र में ही मासिक धर्म बंद होने यानि रजोनिवृत्ति की शुरुआत हो गई।

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विशेषज्ञों की राय
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में एंथ्रोप्लॉजी में पीएचडी उम्मीदवार और शोध की प्रमुख लेखक मेगन अर्नोट का कहना है, हमारे शोध के जरिए मिले प्रमाण या निष्कर्ष निकलता है कि अगर कोई महिला संभोग नहीं करती है तो गर्भधारण की भी कोई संभावना नहीं होती, ऐसे में शरीर ओव्युलेशन यानि अंडों को गर्भाशय ले जाने के कार्य में ऊर्जा खपत नहीं करना चाहता, क्योंकि यह व्यर्थ है।”

वहीं, अमेरिकी के न्यूयॉर्क शहर में लेनॉक्स हिल हॉस्पिटल के अंदर गयनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर जेनिफर वू का कहना है कि नियमित रूप से सेक्स लाइफ में एक्टिव रहने के काफी लाभ होते हैं। जेनिफर बताती हैं कि एक उम्र के पड़ाव पर (50 साल की उम्र) आने से पहले महिलाओं में मासिकधर्म का बंद ना होने का मतलब है कि आपकी हड्डियां मजबूत हैं और आपका कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बेहतर रह सकता है।

जेनिफर का कहना है कि रिसर्च के अनुसार मासिकधर्म का बंद होना यौन गतिविधियों में शामिल नहीं होने से जुड़ा है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि ओरल सेक्स, फोन्डलिंग (फॉर प्ले), मास्टरबेशन (हस्तमैथुन) के जरिए बिना साथी वाली महिलाएं भी रजोनिवृत्ति को आगे बढ़ाकर ऐसे लाभ उठा सकती हैं।

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कैसे की गई रिसर्च?
अध्ययन के दौरान रिसर्च की लेखक मेगन अर्नोट के समूह ने करीब 3 हजार महिलाओं से जुड़े डाटा का विशलेषण किया, जिन्होंने पहली बार साल 1996-1997 के दौरान 45 साल की उम्र में इंटरव्यू दिया था। इस बीच किसी भी महिला के मासिकधर्म प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं था, मतलब उनका मासिकधर्म आना बंद नहीं हुए था, लेकिन 46 प्रतिशत महिलाओं में पेरिमेनोपॉजल यानि रजोनिवृत्ति के प्राथमिक लक्षण शुरू हो गए थे। जैसे कि इन महिलाओं के पीरियड्स का चक्र बदलने लगा। मतलब पीरियड्स आगे-पीछे होने लगे थे, जबकि 54 प्रतिशत महिलाओं में पेरिमेनोपॉज के कोई लक्षण नहीं दिखाई दिए।

10 साल से ज्यादा के फॉलो-अप के बाद 45 प्रतिशत महिलाओं में प्राकृतिक रूप से मासिकधर्म आना बंद हो गया, जिनकी औसत उम्र 52 साल थी।

रिसर्च के जरिए शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष निकाला कि जो महिलाएं महीने में औसतन एक बार से भी कम सेक्स क्रिया में शामिल हुई थीं, उनकी तुलना में जिन्होंने हफ्ते में एक बार सेक्स किया था, उनमें कम उम्र में रजोनिवृत्ति शुरू होने की आशंका 28 प्रतिशत तक कम थी। जबकि जो महिलाएं महीने में कम से कम एक बार सेक्स में शामिल रहीं, उनमें जल्दी रजोनिवृत्ति की आशंका 19 प्रतिशत कम थी।

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इस रिपोर्ट के आधार पर पता चलता है कि कैसे सेक्स गतिविधियां आपको शारीरिक रूप से कई प्रकार के लाभ पहुंचाती हैं। विशेषकर महिलाओं में सेक्स उनके पीरियड्स की अवधि को आगे बढ़ा सकता है और इससे महिलाओं का कई तरह की परेशानियों से बचाव होता है। समय से पहले पीरियड्स का कम या बंद होना कई तरह की शारीरिक समस्याओं से जुड़ा है। जैसे- बालों का झड़ना या फिर त्वचा संबंधी विकार पैदा हो सकते हैं। इसके साथ बांझपन और हड्डियों में कमजोरी की समस्या आ जाती है।

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