एप्पल विश्व की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक है, यह इकलौती ऐसी कंपनी है जिसका नेट वर्थ 1 ट्रिलियन डॉलर है। इसमें काम कर रहे कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है, जिसके अनुसार एप्पल में काम कर रहा हर व्यक्ति मुफ़्त में अपना जेनेटिक टेस्ट करवा सकता है। इस समय केवल अमेरिका में ही करीब 47 हजार लोग एप्पल में काम करते हैं। अमेरिका सहित विश्वभर में इसके कर्मचारियों की संख्या 70 हजार से भी अधिक है।

एप्पल के कर्मचारियों से हमेशा यह सुनने को मिला है कि उनको अन्य कंपनियों के मुकाबले अधिक सुविधाएं प्राप्त होती हैं। जैसे कि एप्पल के सभी कर्मचारियों को आइपैड, कंप्यूटर या आइपॉड खरीदने पर 25 फीसदी छूट मिलती है। इसके अलावा इन्हें सभी सॉफ्टवेयर पर 50 फीसदी डिस्काउंट मिलता है। गर्भवती महिलाओं को बच्चे के जन्म से पहले 4 हफ्तों और जन्म के बाद 14 हफ्तों का वैतनिक अवकाश मिलता है। नए कर्मचारियों को 12 दिन का वैतनिक अवकाश दिया जाता है। सभी कर्मचारियों को कंपनी की बियर पार्टी में मुफ़्त बियर व ऐपेटाइज़र मिलते हैं। इसके अलावा कंपनी सालाना 300 डॉलर जिम फीस भी देती है।

अब एप्पल अपने कर्मचारियों के लिए एक और नई सुविधा लेकर आया है। इस सुविधा में कर्मचारियों को कलर जेनॉमिक्स के क्लिनिक्स में मुफ़्त हेल्थकेयर प्राप्त होगी। इसके जरिए कर्मचारियों को अपने आनुवंशिक रोगों के बारे में पता चल सकेगा, जिससे वह भविष्य में होने वाली बीमारियों की रोकथाम कर सकेंगे।

जेनेटिक टेस्ट क्या है?
जेनेटिक टेस्ट (आनुवंशिक परीक्षणों) में डीएनए टेस्ट भी शामिल होता है। इस टेस्ट के जरिए आनुवंशिक रोगों का पता लगाया जाता है। परीक्षण में जीन की जांच होती है जो डीएनए के अनुदेश होते हैं। यह हमें अपने माता-पिता से मिले होते हैं।

जेनेटिक टेस्ट कराने से रोग या किसी स्वास्थ्य संबंधित स्थिति से जुड़ी समस्याओं का पता लगाया जा सकता है और उसके अनुसार उचित इलाज का चयन करने में आसानी होती है।

डीएनए टेस्ट कब करवाने की जरूरत होती है
किसी व्यक्ति में बढ़ रहे वंशानुगत रोग का पता लगाने के लिए जेनेटिक टेस्ट कराने की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को शिशु का डीएनए टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। डीएनए से यह तक पता चल सकता है कि आपके होने वाले बच्चे में किन-किन रोगों की आशंका हो सकती है। जैसे कि अगर पिता को कोई रोग है तो इसकी काफी आशंका होती है कि होने वाले बेटे में भी इसके लक्षण देखे जाएं, ठीक इसी तरह अगर माता किसी बीमारी से ग्रस्त होती हैं तो होने वाली बेटी में भी उस बीमारी की आशंका बढ़ जाती है। इसीलिए बच्चों की योजना बनाने से पहले एक बार यह टेस्ट करवा लेना बेहद आवश्यक होता है। 

डीएनए टेस्ट के प्रकार

  • नैदानिक (डायग्नोस्टिक) टेस्टिंग - विशिष्ट आनुवंशिक या गुणसूत्र संबंधी स्थिति की जांच के लिए।
  • जन्मपूर्व टेस्टिंग - बच्चे के जन्म से पहले भ्रूण के गुणसूत्र या जीन्स के बदलावों को पहचानने के लिए।
  • कैरियर आइडेंटिफिकेशन  - परिवार में लंबे समय से चली आ रही बीमारी के बारे में जानने के लिए। 

इस टेस्ट को करवाने से पहले जितनी हो सके उतनी अपने परिवार से जुड़ी जानकारी इकट्ठा कर लें और डॉक्टर को ध्यानपूर्वक सभी जानकारियां बता दें। अगर किसी विशेष रोग से पूरा परिवार ग्रस्त है तो टेस्टिंग से पहले डॉक्टर को इस विषय के बारे में भी बता दें।

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