ज्यादातर लड़कियों को सैनिटरी नैपकिन (पैड्स) का उपयोग करना ज्यादा आरामदायक लगता है और संभवत: वो दूसरे उपलब्ध सैनिटरी उत्पादों का उपयोग करने के बारे में सोचती भी नहीं हैं। अधिकतर ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ज्यादातर उपलब्ध उत्पाद योनि में भीतर डाल कर उपयोग किये जाते हैं जिससे, हैमेन (Hymen) की परत के टूटने का डर रहता है, जो महिला की वर्जिनिटी (Virginity) के प्रमाण के तौर पर काम करती है।

सैनिटरी नैपकिन या पैड्स आसानी से उपलब्ध तो होते हैं, लेकिन उनमें कुछ कमियां भी होती हैं। लगातार घर्षण या रगड़ने के कारण, योनि की बाहरी त्वचा में जलन, लाल पड़ना और चकत्तों के साथ खुजली आदि समस्या हो जाती है। हालांकि सैनिटरी नैपकिन अन्य उत्पादों की तुलना में सस्ता होता है इसके अलावा इन्हें दोबारा उसी सामग्री से नहीं बनाया जा सकता (Non-biodegradable) और ये पर्यावरण के लिए हानिकारक भी होते हैं। आजकल, जूट और कपड़े से बने और पर्यावरण के अनुकूल सैनिटरी नैपकिन भी आते हैं आप उनका उपयोग कर सकती हैं।

सैनिटरी नैपकिन के विकल्प के रूप में टैम्पोन के उपयोग पर चर्चा की गयी है। तो आइये जानते हैं टैम्पोन उपयोग करने का तरीका, इसके फायदे और नुकसान।

टैम्पोन एक छोटा रुई का प्लग होता है जो पीरियड्स के रक्त को अवशोषित करता है। आपको इसे योनि में डालना होता है और यह रक्त को अवशोषित करने के लिए फैलता है (फूलों की तरह खुल जाता है), इसमें एक छोटा सा धागा होता है जो योनि के बाहर रहता है, जिससे आप टैम्पोन को आसानी से बाहर निकाल सकती हैं। टैम्पोन भारी या हल्के प्रवाह के लिए विभिन्न अवशोषण स्तर (absorbency levels) के साथ आते हैं और आप अपने हिसाब से एक का चयन कर सकती हैं।

टैम्पोन का उपयोग करने का एक अन्य सुविधाजनक पहलू यह है कि उन्हें लाने, ले जाने में आसानी होती है। वे आपकी तर्जनी (इंडेक्स फिंगर) से बड़े नहीं होते हैं और आसानी से आपकी जेब में आ जाते हैं। टैम्पोन सभी आकारों और अवशोषण क्षमता के साथ आते हैं। आप उन्हें केमिस्ट और जनरल स्टोर से खरीद सकती हैं।

आकार

अगर आप पहली बार टैम्पोन का उपयोग करना सीख रही हैं, तो "पतले" आकार के टैम्पन का उपयोग करना बेहतर होगा। जब आपके मासिक धर्म का प्रवाह मध्यम से अत्यधिक होता है, तब इसे योनि में डालना और भी आसान होता है क्योंकि इससे टैम्पोन अधिक आसानी से फिसलकर अंदर चला जाता है।

(और पढ़ें - योनि को साफ कैसे रखें)

  1. टैम्पोन का उपयोग कैसे करें - How to use tampon in Hindi
  2. टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम - Toxic shock syndrome in Hindi
  3. टैम्पोन के फायदे - Advantage of tampons in Hindi
  4. टैम्पोन के साइड इफेक्ट - Side effects of tampons in Hindi

टैम्पोन का उपयोग करने के चरण निम्नलिखित हैं -

  1. अपने हाथ साबुन और पानी से धोएं। शुष्क हाथों से, टैम्पोन को खोलें। यदि गलती से टैम्पोन फर्श पर गिर जाये, तो उसे फेंक दें और नए टैम्पोन का उपयोग करें।
  2. आरामदायक स्थिति में बैठें या खड़ी हों। कुछ महिलाएं टॉयलेट सीट या बाथ टब पर एक पैर रख कर खड़े होकर इसे योनि में डालना पसंद करती हैं, जबकि कुछ को बैठकर ऐसा करने में ज्यादा आराम महसूस होता है।
  3. अपने लिए आरामदायक स्थिति चुनने के बाद, जिस हाथ से आप लिखती हैं उस हाथ से टैम्पन को पकड़ें और अपनी तर्जनी (Index finger) से ऐप्लिकेटर (Applicator- उपयोग किया जाने वाला यन्त्र) ध्यान रखें कि धागा बाहर की ओर हो।
  4. अपने दूसरे हाथ से, लेबिया (Labia- योनि के चारों ओर की त्वचा) खोलें और टैम्पोन को चित्र 1 की तरह अंदर की तरफ बढ़ाएं।
  5. टैम्पोन तो तब तक अंदर की तरफ बढ़ाएं जब तक आपकी उंगलियां आपके शरीर को छूने न लगें। चित्र 2 की तरह उसे भीतर डालें।
  6. एक बार एप्लीकेटर या बाहरी ट्यूब आपकी योनि के अंदर चला जाये तब चित्र 3 के अनुसार भीतरी ट्यूब को धक्का देने के लिए अपनी तर्जनी उंगली का उपयोग करें।
  7. ध्यान रखें कि धागा आपकी योनि के बाहर ही रहे। बाद में, टैम्पोन को हटाने के लिए धागे को पकड़ कर धीरे-धीरे इसे नीचे की ओर खीचें।
  8. टैम्पोन डालने और निकालने के बाद साबुन से हाथ ज़रूर धोएं।

अगर टैम्पोन सही तरीके से भीतर चला गया है, तो आपको इसके अंदर होने का एहसास नहीं होगा। यदि आप किसी भी तरह से असुविधाजनक महसूस कर रही हैं, तो हो सकता है कि आपने टैम्पोन गलत तरीके से डाला हो या आपकी योनि में टैम्पोन दूर तक नहीं जा सकता है। यदि ऐसा हो, तो टैम्पोन को हटा दें और नया टैम्पोन डालें। परेशान न हों, याद रखें कि अभ्यास से ही कुशलता आती है। यदि आप इसे पहले प्रयास में नहीं कर पाती हैं, तो दूसरे प्रयास में ज़रूर आप ये कर पाएंगी। निराश होने से अच्छा है कि प्रयत्न कर लिया जाये।

यदि आप कई प्रयासों के बाद भी टैम्पोन योनि में डालने में सक्षम नहीं हैं, तो डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लें और इसका कारण जानने की कोशिश करें। हो सकता है कि आपकी योनि का छिद्र पैदाइशी बहुत छोटा हो जो आपको टैम्पोन डालने में दिक्कत कर रहा हो। हालांकि ऐसा केवल 2% किशोरावस्थाओं में होता है, लेकिन यह समस्या भी हो सकती है।

जब आप पहली बार टैम्पोन डालने की कोशिश करें तो शीशे का इस्तेमाल करना भी मददकारी साबित हो सकता है। आप टैम्पोन के छोर पर वैजिनल लुब्रिकेंट (Vaginal lubricant) का उपयोग भी कर सकती हैं जिससे कि उसे अंदर जाने में मदद मिल सके।

टैम्पोन की कीमत 80 रूपए से लेकर 300-500 या उससे भी अधिक होती है। कीमत उसके ब्रांड पर निर्भर करती है।

(और पढ़ें - पीरियड से जुड़े मिथक और तथ्य)

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टीएसएस अर्थात टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (Toxic Shock Syndrome) एक दुर्लभ लेकिन यदि हो जाये तो खतरनाक संक्रमण है जो टैम्पोन का उपयोग करने वाली लड़कियों को हो सकता है।

टैम्पोन स्वयं टीएसएस का कारण नहीं होते हैं। वास्तव में टीएसएस, बैक्टीरिया के कारण होता है, जिसे आमतौर पर स्टेफाइलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus) कहा जाता है। जब टैम्पोन आपकी योनि में होता है, तो यह बैक्टीरिया के बढ़ने के लिए स्टेफाइलोकोकस ऑरियस समेत विभिन्न प्रकार के जीवाणुओं के लिए उपयुक्त वातावरण बनाता है और ये बैक्टीरिया टॉक्सिन्स (Toxins) बनाते है जो गंभीर बीमारी का कारण बनते हैं।

(और पढ़ें - योनि में बैक्टीरियल संक्रमण)

  1. टैम्पोन आकार में बहुत छोटे होते हैं। आप आसानी से जेब में रखकर इन्हें बाथरूम में ले जा सकती हैं और उपयोग कर सकती हैं।
  2. बहुत अधिक रक्तस्राव होने पर आपको गीला गीला सा महसूस नहीं होता।
  3. टैम्पोन का उपयोग करने पर आओ आराम से कहीं भी भाग दौड़, घुड़सवारी, स्विमिंग आदि कर सकती हैं जो कि पैड्स का उपयोग करने पर आसान टास्क नहीं होता।
  4. आपको इनके अंदर होने का अनुभव नहीं होता। जबकि पैड्स का अनुभव और उन्हें बदलने की चिंता हर वक़्त बनी रहती है।

(और पढ़ें - जानें पीरियड्स में स्विमिंग करना सही है या नहीं?)

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  1. जैसा कि इसका ये फायदा, कि इसके अंदर होने का एहसास नहीं होता, कभी कभी इसके नुकसान में भी बदल जाता है। क्योंकि ऐसा होने पर अक्सर महिलाएं उसे बदलना भूल जाती हैं जिससे संक्रमण बन सकता है।
  2. कभी कभी यह टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम जैसे खतरनाक संक्रमण का कारण बन जाता है।
  3. हालांकि नार्मल आकार का टैम्पोन उपयोग के लिए सही होता है लेकिन कुछ महिलाओं को बहुत अधिक रक्तस्राव होने पर वे सही नहीं होते। या कभी कभी वो आवश्यक आकार से अधिक बड़ा हो जाता है।
  4. सबसे बड़ी कमी टैम्पोन में यही होती है कि इन्हें योनि में डालना थोड़ा कठिन होता है और कभी कभी तो दर्दनाक भी। और इसके गलत उपयोग से कभी कभी बहुत अधिक हानि भी हो सकती है।

(और पढ़ें - मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव)

संदर्भ

  1. Office on women's health [internet]: US Department of Health and Human Services; Your menstrual cycle
  2. Office on women's health [internet]: US Department of Health and Human Services; Pads and other ways to take care of your period
  3. National Health Service [internet]. UK; Can a tampon get lost inside me?
  4. US Food and Drug Administration (FDA) [internet]; The Facts on Tampons—and How to Use Them Safely
  5. Adika, V.O, Yabga, J, Apiyanteide, F.A, Ologidi, P.W and Ekpo, K.E. Perception and behaviour on use of sanitary pads during menstruation among adolescent school girls in Bayelsa State, Nigeria . Advances in Applied Science Research, 2011. ISSN: 0976-8610
  6. US Food and Drug Administration (FDA) [internet]; Menstrual Tampons and Pads: Information for Premarket Notification Submissions (510(k)s) - Guidance for Industry and FDA Staff
  7. National Health Service [internet]. UK; How soon can I use tampons after giving birth?
  8. Singh J, Mumford SL, Pollack AZ, Schisterman EF, Weisskopf MG, Navas-Acien A, Kioumourtzoglou MA. Tampon use, environmental chemicals and oxidative stress in the BioCycle study.. Environ Health. 2019 Feb 11. PMID: 30744632
  9. Medical Devices and Product Quality Division:Department of Health. Australia. Therapeutic Goods (Standard for Menstrual Cups) Order 2018 (Therapeutic Goods Order 99)
  10. Department of health: Australia. Retained tampon or other object
  11. The Royal Children's Hospital Melbourne [internet]: Victoria State Government. Toxic shock syndrome (TSS)
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