स्टोन फ्लॉवर एक लाइकेन (वानस्पति) है, जिसे छड़ीला, दगड या पत्थर फूल के नाम से भी जाना जाता है. यह एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो पेड़ों, दीवारों और चट्टानों पर पाया जाता है. इसके पिछले भाग का रंग श्यामला होता है और निचला हिस्सा सफेद रंग का होता है. स्टोन फ्लॉवर को आमतौर पर भोजन के स्वाद को बढ़ाने के लिए मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है.

आयुर्वेद के अनुसार, स्टोन फ्लॉवर अपने मूत्रवर्धक गुण के कारण मूत्र के उत्पादन को बढ़ाकर मूत्राशय या गुर्दे में होने वाली पथरी के जोखिमों को कम करने में उपयोगी हो सकता है. यह सूखा मसाला होता है, जिसमें काफी तीव्र मिट्टी की सुगंध होती है. इसलिए, कई भारतीय व्यंजनों में इसका इस्तेमाल मुख्य मसालों के रूप में किया जाता है. स्टोन फ्लॉवर हिमाचल प्रदेश से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारत के कई विभिन्न हिस्सों में उगाए जाते हैं.

आज इस लेख में स्टोन फ्लॉवर क्या है, इसके फायदे, नुकसान और उपयोग के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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दगड फूल के फायदे, उपयोग और नुकसान के डॉक्टर

स्टोन फ्लॉवर को उगने के लिए किसी अतिरिक्त प्रयास या उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती है. यह मूल रूप से बिना किसी खेती के अपने आप बढ़ता है. यह एक खाद्य कवक है, जो मसाले के रूप में दक्षिण भारतीय व्यंजनों में खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों को एक अनूठा स्वाद और रंग देता है. यह महाराष्ट्र के व्यंजनों में विशेष 'गोड़ा मसाला' का एक हिस्सा है. 

प्राचीन पारंपरिक चिकित्सक इसके उपचार गुणों में विश्वास करते हैं और कई मेडिकल रिसर्च स्टडी ने इसके उपचारीय गुणों का प्रामाणिक उल्लेख भी है. स्टोन फ्लॉवर पाउडर घाव भरने को बढ़ावा देने में प्रभावी है क्योंकि इसमें जीवाणुरोधी और एंटी-फ्लमेटरी गुण होते हैं.

स्टोन फ्लॉवर की पहचान हर क्षेत्र में अलग-अलग नाम से होती है. इसके कुछ प्रमुख नाम- रॉक मॉस, चारेला, छरीला, छडीला, सीताशिव, सिलापुस्पा, शैलाज, पत्थर फूल, छदिलो, शिलापुष्पा, कल्लुहू, शेलियम, कल्पपुवु, दगड फूल, औस्नेह, कल्पशी व रतिपुवु हैं.

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स्टोन फ्लॉवर स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी वानस्पति है, जिससे शरीर से जुड़ी विभिन्न प्रकार की समस्याओं, जैसे - किडनी स्टोन व गुर्दे के संक्रमण के उपचार में मदद मिल सकती है. आइए, विस्तार से जानते हैं स्टोन फ्लॉवर के फायदों के बारे में -

किडनी स्टोन से करे बचाव

स्टोन फ्लॉवर गुर्दे की पथरी को कम करने में मदद करता है. प्राचीन काल से ही चिकित्सक किडनी स्टोन के इलाज के लिए इस जड़ी-बूटी या मसाले को देते थे. इसमें एंटी लिथियाटिक गुण होता है, जो गुर्दे की पथरी को रोकने में मदद करता है और गुर्दे के संक्रमण को भी कम करता है.

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सूजन व घाव करे कम

स्टोन फ्लॉवर सूजन को कम करने में मददगार हो सकता है. दगड फूल से बना एसेंशियल ऑयल घावों को भरने में मददगार होता है. यह सूजन को कम करने में असरदार है. दरअसल, इसके एसेंशियल ऑयल में एंटी बैक्टीरियल व एंटी फंगल गुण होते हैं, जो घावों को भरने और सूजन कम करने में मददगार हो सकते हैं. ऐसे में सूजन और घाव की परेशानी होने पर स्टोन फ्लॉवर ऑयल का इस्तेमाल करना लाभकारी हो सकता है.

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सर्दी-खांसी से बचाव

सर्दी और खांसी को कम करने में भी स्टोन फ्लॉवर मददगार हो सकता है. इससे बनने वाला पाउडर सर्दी और खांसी को कम करने में लाभकारी हो सकता है. सर्दी-खांसी की परेशानी होने पर इसका सेवन शहद व गर्म पानी के साथ किया जा सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है.

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स्किन के लिए फायदेमंद

स्टोन फ्लॉवर न सिर्फ स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी को दूर करने में लाभकारी है, बल्कि यह स्किन के लिए भी फायदेमंद होता है. यह त्वचा की बनावट को समृद्ध करता है. साथ ही यह स्किन को हेल्दी और चमकदार बनाए रखने में लाभकारी है.

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पाचन को रखे दुरुस्त

फ्लॉवर स्टोन के इस्तेमाल से पेट का स्वास्थ्य भी अच्छा हो सकता है. यह पेट के लिए बेहतरीन दवा है, क्योंकि यह तेजी से पाचन में मदद करता है और मल त्याग प्रक्रिया को बढ़ाता है.

फ्लॉवर स्टोन के इस्तेमाल से होने वाले अन्य फायदे निम्न प्रकार से हैं-

  • इसके एंटी सेप्टिक और हीलिंग गुणों के कारण इसका उपयोग कई बार घावों और चोटों को ठीक करने के लिए किया जाता है.
  • स्टोन फ्लॉवर अपने कफ-वात संतुलन गुणों के कारण अस्थमा को रोकने करने में मदद करता है. ये गुण श्वसन पथ में रुकावट को दूर करने में भी मदद करते हैं, जिससे सांस लेना आसान हो जाता है.
  • यह प्रतिरक्षा को बनाए रखने के लिए बहुत व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली वानस्पति है.

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स्टोन फ्लॉवर के प्रमुख रूप से चिकित्सीय उपयोग ही सामने आते हैं. हालांकि, इसके अन्य उपयोग भी हैं, जो इस प्रकार हैं - 

  • स्टोन फ्लॉवर से बनने वाला मसाला, किसी भी खाने में अनूठी सुगंध प्रदान करता है. इसका इस्तेमाल कई तरह के डिशेज में मिलाकर किया जा सकता है. किसी भी तरह की सब्जी, बिरयानी या फिर अन्य तरह के डिश को बनाते समय इसका इस्तेमाल तेल में भूनकर होता है, जो खाने का अतिरिक्त स्वाद और महक बढ़ाता है.
  • दगड फूल का इस्तेमाल दक्षिण भारतीय व्यंजनों में खासतौर पर मांसाहारी भोजन को तैयार करते समय काफी ज्यादा उपयोग किया जाता है. इसके अलावा, महाराष्ट्र का बहुत प्रसिद्ध काला मसाला या गोड़ा मसाला में यह मुख्य घटक के रूप में होता है.
  • इसे किसी भी सूप में टॉपिंग के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जो इसमें अद्भुत रंग और सुगंध लाता है.

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स्टोन फ्लॉवर कई आयुर्वेदिक औषधीय गुणों से भरपूर होता है. हालांकि, इसके इस्तेमाल से कुछ लोगों को परहेज करने की आवश्यकता होती है, ताकि इससे होने वाले नुकसान से बचा जा सके. जैसे-

  • स्टोन फ्लॉवर का मसाला शरीर के चयापचय पर तुरंत प्रभाव डालता है और शरीर के तापमान में वृद्धि का कारण हो सकता है. 
  • कमजोर आंत और संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को इसका उपयोग करते समय बहुत सावधान रहना चाहिए.
  • गर्भवती महिलाओं को किसी भी तरह के डिशेज में इस मसाले का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टरों से परामर्श लेना चाहिए, क्योंकि इससे शरीर में गर्मी की मात्रा बढ़ सकती है.
  • स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी मसाले का उपयोग करते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है. 
  • अतिसंवेदनशील व्यक्तियों को इस मसाले का उपयोग करने से एलर्जी हो सकती है.

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स्टोन फ्लॉवर का इस्तेमाल करने से विभिन्न तरह के स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं. यह एक मसाले के तौर पर भी उपयोग होता है, जिसका इस्तेमाल भारत के कई राज्यों के व्यंजनों में होता है. हालांकि, गर्भवती महिलाओं और एलर्जी से ग्रस्त लोगों को इसका उपयोग करने से परहेज करना चाहिए. वहीं, अगर आप किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, तो इसका इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर या एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें, ताकि इससे होने वाले नुकसान से बचा जा सके.

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