एस्बेस्टॉसिस - Asbestosis in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

October 05, 2020

April 13, 2021

एस्बेस्टॉसिस
एस्बेस्टॉसिस

एस्बेस्टॉसिस फेफड़ों का एक रोग है। यह तब विकसित होता है, जब एस्बेस्टोस फाइबर फेफड़ों के ऊतकों में स्कार बनने लग जाते हैं। फेफड़ों में स्कार बनने के कारण फेफड़े ठीक से खुल नहीं पाते हैं, जिससे रक्त में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। एस्बेस्टॉसिस को इंटरस्टीशियल न्यूमोनाइटिस के नाम से भी जाना जाता है। यह रोग सालों तक धीरे-धीरे बढ़ता है और अंत में एक घातक स्थिति बन जाती है।

एस्बेस्टॉस 6 प्राकृतिक रूप से बनने वाले खनिजों का एक समूह होता है, जिसमें नरम व लचीले तंतु होते हैं जो गर्मी के प्रतिरोधी हैं।

(और पढ़ें - ऑक्सीजन की कमी के लक्षण)

एस्बेस्टॉसिस के लक्षण - Asbestosis Symptoms in Hindi

सालों तक एस्बेस्टॉस के संपर्क में आने पर भी इसके लक्षण पैदा नहीं होते हैं। आमतौर पर लगातार 10 साल तक एस्बेस्टॉस के संपर्क में आने के बाद इसके लक्षण शुरू होते हैं। कुछ मामलों में मरीज के 40 साल तक एस्बेस्टॉस के संपर्क में रहने पर लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसके लक्षण कई बार अत्यधिक गंभीर हो जाते हैं, जिनमें निम्न शामिल हो सकते हैं -

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि आप पहले कभी एस्बेस्टॉस के संपर्क में आए हैं और आपको सांस फूलने जैसी समस्याएं होने लगी हैं, तो डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए। यदि आप कहीं ऐसी जगह काम करते हैं, जहां आप नियमित रूप से एस्बेस्टॉस फाइबर के संपर्क में आते हैं, तो भी नियमित रूप से जांच करवाते रहना चाहिए।

(और पढ़ें - छाती में दर्द होने पर क्या करें)

एस्बेस्टॉसिस के कारण - Asbestosis Causes in Hindi

जब कोई व्यक्ति एस्बेस्टॉस के तंतुओं को सांस से साथ शरीर के अंदर ले जाता है, तो ये तंतु फेफड़ों में जाकर जमा होने लगते हैं। इनके जमा होने के कारण फेफड़ों के ऊतकों में स्कार बनने लग जाते हैं। स्कार बनने से फेफड़ों की सामान्य संरचना बिगड़ जाती है और वे ठीक से फूलने व सिकुड़ने की प्रक्रिया नहीं कर पाते हैं। ऐसे में मरीज के शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है।

यदि आप किसी ऐसी फैक्टरी में काम करते हैं जहां पर एस्बेस्टॉस से संबंधित उत्पादों का इस्तेमाल किया जाता है, तो आपको भी एस्बेस्टॉसिस होने का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि, आजकल फैक्टरियों में केमिकल व खनिज आदि के संपर्क में आने से बचाने के लिए उचित उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं। एस्बेस्टॉस का इस्तेमाल आमतौर पर भवन निर्माण व अग्निरोधक कार्यों में किया जाता है।

(और पढ़ें - फेफड़ों के रोगों का इलाज)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Bhringraj Hair Oil
₹599  ₹850  29% छूट
खरीदें

एस्बेस्टॉसिस के बचाव के उपाय - Prevention of Asbestosis in Hindi

एस्बेस्टॉस या उससे संबंधित किसी भी उत्पाद के संपर्क में आने से बचना ही एस्बेटॉसिस रोग होने से बचाव करने सबसे अच्छा तरीका है। इसके अलावा धूम्रपान न करना और अपनी जीवनशैली की आदतों में सुधार करने से भी एस्बेस्टॉसिस होने से बचाव किया जा सकता है।

(और पढ़ें - सिगरेट छोड़ने के घरेलू उपाय)

एस्बेस्टॉसिस का परीक्षण - Diagnosis of Asbestosis in Hindi

एस्बेस्टॉसिस का परीक्षण करना काफी मुश्किल हो जाता है, क्योंकि इसके लक्षण व संकेत अन्य श्वसन संबंधी समस्याओं से मिलते-झुलते हैं। इस स्थिति का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले मरीज का शारीरिक परीक्षण करते हैं। इसके अलावा कुछ अन्य टेस्ट भी किए जा सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं -

इमेजिंग टेस्ट

फेफड़ों के स्वास्थ्य की जांच करने के लिए कुछ अन्य टेस्ट

एस्बेस्टॉसिस का इलाज - Asbestosis Treatment in Hindi

एस्बेस्टॉसिस के लिए अभी तक कोई इलाज उपलब्ध नहीं हो पाया है और न ही इस रोग से क्षतिग्रस्त हो चुकी एल्वियोली को फिर से स्वस्थ किया जा सकता है। एस्बेस्टॉसिस के इलाज का मुख्य लक्ष्य रोग के लगातार बढ़ रहे लक्षणों व जटिलताओं को कम करना होता है।

एस्बेस्टोसिस के इलाज में मुख्य रूप से निम्न दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है -

  • ब्रोंकोडायलेटर्स
  • द्रवों को पतला करने वाली दवाएं
  • एंटीबायोटिक दवाएं
  • दर्द निवारक दवाएं
  • ऑक्सीजन थेरेपी

साथ ही इन दवाओं से इलाज के दौरान नियमित रूप से एक्स रे या सीटी स्कैन किया जाता है, ताकि रोग के लक्षणों पर नजर रखी जा सके और यह पता लगाया जा सके कि दवाएं ठीक से काम कर रही हैं या नहीं।

यदि एस्बेस्टॉसिस के लक्षण गंभीर हैं, तो डॉक्टर सर्जरी करने पर विचार कर सकते हैं। सर्जरी की मदद से क्षतिग्रस्त फेफड़ों को ठीक करने की कोशिश की जाती है और कुछ गंभीर मामलों में फेफड़ों का प्रत्यारोपण भी किया जा सकता है।

(और पढ़ें - फेफड़ों के स्वस्थ रखने वाले आहार)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Power Capsule For Men
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें