भारत चिकित्सा अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के अनुसार, कैंसर के कारण हर दिन 1300 से अधिक भारतीय अपनी जान गवां देते हैं। यदि देश में सिर्फ महिलाओं की बात करें, तो इनमें स्तन कैंसर सबसे सामान्य है। महिलाओं में होने वाले सभी प्रकार के कैंसर में से 14 फीसदी मामले स्तन कैंसर के होते हैं। भारत में 2018 में स्तन कैंसर के 1,62,468 नए मामले सामने आए थे, जिनमें से 87,090 लोगों की मृत्यु हो गई थी। बहरहाल, क्या आपको पता है कि स्तन कैंसर से सिर्फ महिलाएं ही नहीं, बल्कि पुरुष भी अछूते नहीं है।

पुरुषों में स्तन कैंसर के बढ़ते मामले
हाल ही में भारत के झारखंड राज्य के कोल्हान संभाग में पुरुषों में स्तन कैंसर के हर साल औसतन दो मामले सामने आ रहे हैं। इस खबर की वजह से कुछ पुरुष परेशान हैं तो, वहीं डॉक्टर्स भी हैरान हैं।

यह तो तय है कि पुरुषों में स्तन कैंसर के मामले बहुत कम ही सामने आते हैं, लेकिन अखबारों में छपी खबर के अनुसार झारखंड के इस इलाके से पिछले 10 साल में 20 मामले ऐसे दर्ज हुए हैं, जिनमें पुरुषों में स्तन कैंसर की पुष्टि हुई है। हालांकि, इस मामले पर रिसर्च जारी है, जिसमें मरीजों की फैमिली हिस्ट्री (परिवार में किसी को ये बीमारी रही हो) की जांच की जा रही है। डॉक्टर्स को शक है कि इसके पीछे का कारण दोषपूर्ण जीन बीआरसीए 1 एवं 2 हो सकता है।

जिन पुरुषों में बीआरसीए 1 नामक जीन में गड़बड़ी होती है, उनमें जीवनभर स्तन कैंसर का  1 फीसदी खतरा बना रहता है, जबकि बीआरसीए 2 नामक जीन में गड़बड़ी होने पर 6 फीसदी तक खतरा हो सकता है। बता दें, कि ऐसे पुरुष जो स्तन कैंसर से ग्रस्त हैं उनकी बेटियों में ब्रेस्ट कैंसर की आशंका 40 से 80 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।

myUpchar से जुड़ी डॉ. अर्चना निरुला ने बताया कि, "बीआरसीए 1 और 2 जीन में गड़बड़ी के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें पानी में मैटल की मात्रा, अल्कोहल का सेवन, खान-पान और रेडिएशन शामिल हैं।"

पुरुषों में होने वाला स्तन कैंसर क्या है?
पुरुषों में निप्पल के पास जब एक सख्त गांठ बन जाती है, तो इस गांठ के कैंसर में परिवर्तित होने की आशंका होती है। इस गांठ व अल्सर के कारण निप्पल सिकुड़ या अंदर की तरफ मुड़ सकते हैं। कभी-कभी निप्पल से डिस्चार्ज भी हो सकता है, जोकि एक सामान्य लक्षण है। इसके अतिरिक्त एक या दोनों तरफ बगल में सूजन भी स्तन कैंसर का संकेत हो सकता है।

क्या है बीआरसीए 1 और 2
यहां बीआर (BR) का मतलब ब्रेस्ट जबकि सीए (CA) का कैंसर से है। बीआरसीए 1 और बीआरसीए 2 मनुष्यों में पाए जाने वाले जीन हैं। यह ऐसे प्रोटीन का उत्पादन करते हैं, जो ट्यूमर को रोकता है। ये प्रोटीन खराब डीएनए को सही करने में मदद करते हैं। जब इनमें से किसी भी जीन में गड़बड़ी होती है (जैसे कि प्रोटीन का उत्पादन ठीक से नहीं होना या सही तरीके से इनका काम नहीं करना) तो ऐसी स्थिति में यह खराब डीएनए को सही नहीं कर पाता है। इसका नतीजा यह होता है कि कोशिकाओं में तेजी से अनुवांशिक परिवर्तन होने की आशंका बढ़ जाती है, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं।

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