भारत में कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 से सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 4,000 के पार चला गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोविड-19 से अब तक 109 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, इस बीमारी ने 4,067 लोगों को अपना शिकार बनाया है। इनमें से अभी तक 292 लोगों को बचा पाने में कामयाबी मिली है। शेष 3,666 मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

सरकार के मुताबिक, अब देश के 30 राज्य नए कोरोना वायरस की चपेट में हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, बिहार, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के अलावा आंध्र प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, ओडिशा, लद्दाख, पुदुचेरी, उत्तराखंड व अन्य राज्यों में भी कोरोना वायरस के मामलों की पुष्टि की गई है। इन तीस राज्यों में से 16 में मरीजों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।

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महाराष्ट्र में 45 मौतें, दिल्ली में 500 से ज्यादा मामले
कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है। यहां कुल मरीजों की संख्या 690 हो गई है। इनमें से 45 की मौत हो गई है, जबकि बचाए गए मरीजों की संख्या पिछले कुछ दिनों से 42 ही बनी हुई है। हालांकि यह स्वास्थ्य मंत्रालय का आंकड़ा है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे की मानें तो अब तक राज्य में 56 लोगों को बीमारी से रिकवर होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। खबरों के मुताबिक, पूरे महाराष्ट्र में अब तक जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें से 400 से ज्यादा अकेले मुंबई से हैं। रविवार को महाराष्ट्र की राजधानी में 29 नए केस सामने आए। वहीं, राज्य के अलग हिस्सों से भी 26 मामलों की पुष्टि की गई। इनमें 17 मामले पुणे से हैं। शेष मामले पिंपरी चिंचवाड़, अहमदनगर और औरंगाबाद से हैं।

उधर, देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस से बीमार होने वाले लोगों की संख्या 503 हो गई है। ताजा अपडेट्स के मुताबिक, इनमें से सात लोगों की मौत हो चुकी है और 18 को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। रविवार को सातवीं मौत की पुष्टि की गई और करीब 60 नए मामले दर्ज किए गए। दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने यह भी बताया कि राजधानी में कोरोना वायरस के कुल मामलों में से 320 मामले तबलीगी जमात के धार्मिक जलसे में शामिल हुए लोगों से जुड़े हैं।

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तबलीगी जमात के कारण बढ़े केस: केंद्र
देश में कोरोना वायरस के मामलों में आई हालिया तेजी तबलीगी जमात से जुड़ी है, यह बात अब केंद्र सरकार ने भी कही है। रविवार को कोरोना वायरस संकट को लेकर मीडिया को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि अगर तबलीगी जमात का कार्यक्रम नहीं हुआ होता, तो दिनों के हिसाब से देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की दर 7.4 दिन होती, लेकिन यह मामला सामने आने के बाद यह दर 4.1 दिन हो गई है।

'अगले कुछ दिन बहुत अहम'
भारत में कोरोना वायरस के मामलों में आई बढ़ोतरी के बीच यह बहस तेज हो गई है कि क्या 14 अप्रैल को देशभर में लगा लॉकडाउन खत्म होगा। इस बारे में लोगों की राय बंटी हुई है। लेकिन आने वाले दिन भारत में कोविड-19 के नियंत्रण के मद्देनजर काफी अहम हैं। केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिए एक संदेश में यह बात कही है। इस संदेश में केंद्रीय सचिव ने सभी राज्य सरकारों से कहा है कि वे वायरस को रोकने के लिए योजना तैयार करें और इसका इस्तेमाल कम्युनिटी ट्रांसमिशन को रोकने के लिए करें।

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मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, राजीव गौबा ने राज्यों से कहा, 'आने वाले दिन सभी के लिए बहुत अहम हैं। हमें (वायरस के) नियंत्रण से जुड़े हमारे प्रयास जारी रखने हैं और जरूरत के हिसाब से सभी उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल करने की जरूरत है।' राजीव गौबा ने कहा कि जिला स्तर की निगरानी और रेस्पॉन्स टीमों को पूरी तरह अलर्ट रखा जाए और बिना देर किए हरेक संदिग्ध का पता कर उसकी जांच सुनिश्चित की जाए।


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