सार्स-सीओवी-2 वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 की शुरुआत दिसंबर 2019 में चीन के वुहान से हुई थी, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने 11 मार्च 2020 को महामारी घोषित कर दिया। इतना ही नहीं WHO ने कोरोना वायरस संक्रमण को दुनियाभर के लिए पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी भी घोषित कर दिया है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो भारत में अब तक देशभर में कोरोना 640 केस ऐक्टिव हैं, कोरोना संक्रमण की वजह से अब तक भारत में 17 लोगों की मौत हो चुकी है, 66 मरीजों का इलाज हो चुका है और वह पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। वैश्विक आंकड़ों की बात करें तो दुनियाभर के 199 देशों में कोविड-19 इंफेक्शन फैल चुका है, 5 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और 23 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

भारत में कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 24-25 मार्च की रात से 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है। लेकिन इस लॉकडाउन की सबसे बड़ी विडम्बना ये है कि इसकी वजह से लोगों के बीच ज्यादा पैनिक की स्थिति बन गई है। सोशल मीडिया और वॉट्सऐप मेसेज के जरिए लोगों के बीच कोविड-19 बीमारी के फैलने और इलाज को लेकर कई तरह के भ्रम फैलाए जा रहे हैं। ऐसे में इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बता रहे हैं कोविड-19 संक्रमण से जुड़े सबसे कॉमन 32 सवाल और उनका जवाब। साथ ही इस वायरल इंफेक्शन से जुड़े मिथकों की हकीकत क्या है, आप खुद को इस संक्रमण से कैसे बचा सकते हैं और अगर आपके घर पर कोविड-19 का मरीज हो तो उसकी देखभाल कैसे करें।

  1. क्या मास्क को इस्तेमाल करने का कोई सही तरीका है?
  2. कोविड-19 इंफेक्शन से बचने के लिए क्या मुझे हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन लेना चाहिए?
  3. कोविड-19 महामारी के दौरान क्या सेक्स करना सेफ है?
  4. मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं, क्या मुझे अडवांस में ही कोविड-19 का टेस्ट करवाना चाहिए?
  5. क्या गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 का खतरा अधिक है?
  6. कोविड-19 से बचने के लिए अपने घर को कैसे साफ रखें?
  7. मैं अपने बच्चे को कोविड-19 संक्रमण से कैसे बचा सकता हूं?
  8. मैं अभी-अभी छुट्टियां मनाकर आया हूं, लेकिन मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं, क्या मुझे खुद को क्वारंटाइन करना चाहिए?
  9. किसे सेल्फ-क्वारंटाइन में जाना चाहिए?
  10. क्या भारत में गर्मी का मौसम आने पर कोविड-19 संक्रमण खत्म हो जाएगा?
  11. चीन या दूसरे देश जहां कोविड-19 के केस और मौत ज्यादा हो रही हैं क्या वहां से पैकेज मंगवाना सेफ है?
  12. दरवाजे का हैंडल और टेबल जैसी सतहों पर क्या वायरस जिंदा रह सकता है?
  13. क्या मुझे घर के बाहर की चीजें खाना बंद कर देना चाहिए?
  14. क्या मेरे पालतू जानवर को भी कोविड-19 इंफेक्शन हो सकता है?
  15. कोविड-19 के लक्षणों को दिखने में कितना समय लगता है?
  16. कोविड-19 संक्रमण से बचने के लिए सबसे अच्छा मास्क कौन सा है?
  17. कोरोना वायरस आखिर है क्या?
  18. कोविड-19 से बचने के लिए क्या मुझे मास्क पहनना चाहिए?
  19. क्या हाथों को लगातार धोने की बजाए सैनेटाइज करना ठीक है?
  20. मुझे किस तरह का सैनिटाइजर इस्तेमाल करना चाहिए?
  21. कोविड-19 से अपना बचाव कैसे कर सकता हूं?
  22. क्या कोविड-19 का कोई इलाज या टीका है?
  23. बीमारी से बचने के लिए क्या मैं एंटीबायोटिक्स जैसी कोई दवा ले सकता हूं?
  24. क्या कोविड-19 SARS की तरह ही है?
  25. मुझे पहले से कोई बीमारी है, मुझे इस इंफेक्शन का खतरा कितना है?
  26. मैं युवा हूं और पूरी तरह से स्वस्थ हूं, क्या मुझे कोविड-19 संक्रमण को लेकर परेशान होने की जरूरत है?
  27. आखिर कैसे फैलता है कोविड-19 संक्रमण?
  28. कोविड-19 के लक्षण, सामान्य फ्लू से कैसे अलग हैं?
  29. अगर घर के किसी सदस्य में कोविड-19 के लक्षण दिखें तो क्या करना चाहिए?
  30. कोविड-19 बीमारी के लक्षण क्या हैं?
  31. इस इंफेक्शन को कोविड-19 नाम क्यों दिया गया?
  32. कोविड-19 क्या है?
कोविड-19 को लेकर पूछे जा रहे कई प्रश्न; जानें 32 आम प्रश्नों के जवाब के डॉक्टर

मास्क स्वास्थ्य कर्मचारियों, सांस से संबंधी बीमारी वाले लोगों, खांसी और बुखार जिन्हें हो और ऐसे बीमार लोगों का जो ध्यान रख रहे हों, सिर्फ उनके लिए जरूरी है। मास्क को पहनने और फिर फेंकने के भी कुछ जरूरी नियम हैं -

  • मास्क को पहनने से पहले अपने हाथों को साबुन-पानी या सैनिटाइजर से अच्छी तरह से साफ कर लें।
  • ध्यान रहे कि सिंगल यूज मास्क का रंगीन वाला हिस्सा बाहर की तरफ हो और सफेद वाला हिस्सा अंदर की तरफ।
  • मास्क के जिस तरफ मेटल स्ट्रिप लगी हो वह ऊपर का हिस्सा है।
  • मास्क को अपनी नाक और मुंह पर रखें और उसके बाद उसके फीते को सिर के पीछे बांध लें।
  • अब उस मेटल स्ट्रिप को अपनी नाक के ब्रिज पर अच्छे से अडजस्ट कर लें। ध्यान रहे कि यह मेटल स्ट्रिप नाक की शेप ले ले।
  • अब मास्क के नीचे वाले हिस्से को मुंह और ठुड्डी पर रखें और मास्क के निचले फीते को गर्दन के पास बांधें।
  • अगर आपके मास्क में इलास्टिक लगा है तो आप उसे सीधे अपने कान के पीछे रख सकते हैं।
  • इस्तेमाल के बाद जब आपको मास्क को हटाना हो तो पीछे सिर और गर्दन के पास बंधे फीते को खोलें और मास्क के आगे के हिस्से को हाथ से न छूएं।
  • मास्क को उसके फीते, धागे या इलास्टिक से पकड़ें और तुरंत एक बंद डस्टबिन में फेंक दें।
  • मास्क को फेंकने के बाद फिर से अपने हाथों को साबुन-पानी या एल्कोहल वाले सैनेटाइजर से अच्छी तरह से साफ कर लें।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ICMR ने आम जनता के लिए एंटी-मलेरिया की दवाई- हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन लेने की सलाह नहीं दी है। हालांकि, अगर किसी व्यक्ति को इस वायरस का संक्रमण हो जाता है तो डॉक्टर उसे यह दवा दे सकते हैं, साथ ही उन लोगों को भी जो संक्रमित मरीज की देखभाल कर रहे हों, ताकि उन्हें इंफेक्शन न हो। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के कई साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं जैसे- सिर दर्द, चक्कर आना, उल्टी आना, पेट में दर्द होना, भूख न लगना, चिड़चिड़ाहट महसूस होना, त्वचा में खुजली होना, बाल गिरना आदि।

ऐसे समय में आप सेक्स ना ही करें तो बेहतर होगा। कोविड-19 बॉडी फ्लूइड जैसे- थूक या स्पर्म से भी फैल सकता है। शरीर में अगर वायरस का प्रवेश हो गया है तो उसे दिखने में 2 से 14 दिन का वक्त लगता है। ऐसे में आपको जब तक पता चले कि आपका पार्टनर बीमार है काफी देर हो सकती है।

आपको खुद में जब तक कोई लक्षण नजर नहीं आते या फिर जब तक स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी आपसे टेस्ट करवाने को न कहें, आपको अपना कोविड-19 का टेस्ट करवाने की कोई जरूरत नहीं है। कोविड-19 का टेस्ट पीसीआर मॉलिक्यूलर टेस्ट होता है, जिसमें नाक, कंठ और छाती में मौजूद सैंपल को रुई के फाहे में लेकर टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट को सिर्फ उन लोगों के लिए ही किया जाता है, जिनमें कोविड-19 के लक्षण नजर आते हैं।

डॉक्टरों के पास इस बात का कोई सबूत नहीं है, लेकिन वे मानते हैं चूंकि गर्भवती महिलाओं के शरीर में शारीरिक रूप से कई तरह के बदलाव हो रहे होते हैं और इस दौरान उनकी इम्यूनिटी कमजोर रहती है इसलिए उन्हें कोविड-19 जैसे वायरस इंफेक्शन का खतरा रहता है। वैज्ञानिक अब भी इस बारे में रिसर्च कर रहे है कि अगर कोई गर्भवती महिला को कोविड-19 का संक्रमण हो जाता है तो क्या वह उसके होने वाले बच्चे तक भी पहुंच सकता है।

घर में साफ-सुथरा और स्वच्छ माहौल बनाए रखने के लिए इन बातों का ध्यान रखें -

  • टेबल, दरवाजे का हैंडल और कुंडी, लाइट का स्विच, किचन का स्लैब, रिमोट कंट्रोल, फोन, कीबोर्ड, टॉइलेट, सिंक, नल आदि ऐसी चीजें जिसे परिवार के सभी सदस्य छूते हैं उन्हें अच्छी तरह से साफ और कीटाणुमुक्त रखें।
  • जहां तक संभव हो घर के हर कोने में हैंड वॉश और सैनिटाइजर रख दें।
  • बर्तन और कपड़े साफ करने वाले डिटर्जेंट में भी डिसइन्फेक्टेंट डाल दें।

बच्चे को कोविड-19 इंफेक्शन से बचाने के लिए इन बातों का ध्यान रखें -

  • अपने बच्चे को घर के बाहर दूसरे बच्चों के साथ खेलने न भेजें
  • बच्चों को सिखाएं कि वह भी नियमित रूप से अपने हाथों को धोते रहें
  • अपने बच्चों के खिलौनों को कीटाणुमुक्त करने वाले सलूशन से साफ करें।

चूंकि, बच्चों में भी कोविड-19 के वही लक्षण दिखते हैं जो वयस्कों में इसलिए अगर बच्चे में कोई लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर को फोन करें।

अगर आप किसी ऐसी जगह से आए हैं जहां यह संक्रमण फैला हुआ है तो आपके अंदर लक्षण दिखें या न दिखें आपको खुद को 14 दिन के लिए सेल्फ आइसोलेट करना चाहिए। अगर आपको वायरस का संक्रमण हुआ होगा तो यह 14 दिन के अंदर नजर आने लगेगा। अगर आपको खुद में सांस लेने में तकलीफ, खांसी या बुखार जैसे लक्षण दिखें तो पैनिक होने की बजाए खुद को घर के बाकी सदस्यों से अलग कर लें और डॉक्टर से फोन पर बात करें व उनकी सलाह लें। डॉक्टर सुझाव दें या फिर लक्षण गंभीर होने लगे तभी अस्पताल जाएं। सेल्फ क्वारंटाइन के दौरान इन बातों का ध्यान रखें-

  • अलग रूम में रहें और अलग बाथरूम का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से परिवार के दूसरे सदस्यों को भी इंफेक्शन होने का खतरा कम हो जाएगा।
  • हर दिन कम से कम 2 बार शरीर का तापमान चेक करते रहें कि कहीं आपको बुखार तो नहीं है।
  • खांसी या छींक आए तो चेहरे को टीशू पेपर से ढक लें, उसके बाद इस्तेमाल किए टीशू को तुरंत डस्टबिन में फेंकें और हाथ को साबुन पानी से धो लें।
  • किसी भी सतह को छूने के बाद अपने हाथ को एल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइजर से साफ कर लें।

सेल्फ-क्वारंटाइन का मतलब है कि कोई शख्स या लोगों के समूह को पूरी तरह से दूसरों से अलग रखा जाता है, क्योंकि इस बात की आशंका होती है कि वे इस खतरनाक और संक्रामक बीमारी के संपर्क में आए हों। हालांकि, उनमें अभी किसी तरह के लक्षण नहीं दिखते। सेल्फ-क्वारंटाइन इसलिए जरूरी है क्योंकि फिलहाल तो इन लोगों में कोई संक्रमण नहीं दिख रहे हैं, लेकिन अगर इनके अंदर वायरस है तो ये बीमारी को दूसरे लोगों तक फैला सकते हैं। सेल्फ-क्वारंटाइन आमतौर पर 14 दिन का होता है। यही वह समय है जब वायरस शरीर में अपने लक्षण दिखाना शुरू करता है।

कुछ वायरस खासकर वैसे जिनकी वजह से सर्दी-जुकाम और फ्लू होता है वह आमतौर पर सर्दी के मौसम में फैलते हैं। इसलिए यह बात मानी जा रही है कि कोविड-19 का संक्रमण भी रुक जाएगा या फिर कम हो जाएगा जैसे ही मौसम में गर्मी बढ़ने लगेगी। हालांकि, वैज्ञानिकों ने अब तक इस बात की पुष्टि नहीं की है। वैज्ञानिक अब भी इस वायरस और बीमारी के फैलने के बारे में और जानकारी जुटाने में लगे हैं।

किसी भी तरह के पैकेज से इंफेक्शन फैलने का खतरा बेहद कम है। कर्मिशल सामानों पर लंबे समय तक वायरस जीवित रह सकता है यह सोचना नामुमकिन जैसा है। ऐसे में वैसे देश जहां कोविड-19 संक्रमण फैला है वहां से पैकेज मंगवाने या रिसीव करने में कोई परेशानी नहीं है।

हां, निर्जीव चीजों और सतहों पर भी वायरस जिंदा रह सकता है। हालांकि, वैज्ञानिकों को ये नहीं पता कि इन सतहों पर यह कोविड-19 बीमारी फैलाने वाला वायरस कितनी देर तक जीवित रह सकता है। कुछ स्टडीज की मानें तो कोरोना वायरस कुछ सतहों पर कुछ घंटों तक तो कहीं कई-कई दिनों तक जीवित रह सकता है। इसका उपाय- दरवाजे का हैंडल, कुंडी, फ्रिज का दरवाजा, सिंक जैसी जगहें जिन्हें बार-बार छूआ जाता है उन्हें अच्छी तरह से हर दिन साफ करें। इन जगहों को छूने के बाद अपने हाथ को साबुन पानी या सैनिटाइजर से साफ कर लें। अपनी नाक, आंख और मुंह को न छुएं।

अगर खाना अच्छी तरह से पका हुआ है तो वायरस के फैलने का खतरा नहीं होता। कच्चा मीट, कच्चा दूध या जानवरों के अंग को छूते वक्त सावधानी बरतें। क्योंकि कच्चा खाना और जानवरों के प्रॉडक्ट्स को कच्चा यूज करने से संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति जिसे कोविड-19 का संक्रमण हुआ हो वह आपके खाने को बनाता है तो इस बात की आशंका रहती है कि आपका खाना भी दूषित हो जाए।

इस बात के कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं कि आपके पालतू जानवर कुत्ता या बिल्ली को भी कोविड-19 का संक्रमण फैल सकता है। कोविड-19 का संक्रमण सिर्फ तभी फैलता है जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है और उसमें से छोटी-छोटी वायरस वाली बूंदें निकलती हैं। खुद को और अपने पालतू जानवर को बचाने के लिए, अपने हाथों को साफ रखें और कोहनी से मुंह को ढक कर खांसें या छींकें। अगर आप बीमार हैं तो पालतू जानवर से भी दूरी बना लें।

कोविड-19 बीमारी का इन्क्यूबेशन पीरियड यानी बीमारी के लक्षण दिखने का समय 14 दिन है। इसका मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति कोविड-19 वायरस के संपर्क में आता है तो उस व्यक्ति में 1 से 14 दिन के अंदर बीमारी के लक्षण जैसे बुखार, खांसी, सांस लेने में दिक्कत नजर आने लगेगा।

अगर किसी शख्स में कोविड-19 इंफेक्शन के लक्षण नजर आएं तो वह इन 2 तरह से मास्क का इस्तेमाल कर सकता है-

  • सर्जिकल मास्क - इन्हें फेस मास्क या माउथ मास्क भी कहा जाता है। मास्क वातावरण में मौजूद हानिकारक तत्वों और आपके मुंह व नाक के बीच एक तरह की दीवार का काम करता है। ये सिंगल यूज मास्क होते हैं और एक बार इस्तेमाल के बाद इन्हें फेंक देना चाहिए।
  • एन95 रेस्पिरेटर - इन मास्क में हवा में मौजूद पार्टिकल्स को भी फिल्टर करने की क्षमता होती है। ये हमारी नाक और मुंह के लिए एक तरह से सील का काम करते हैं। बहुत से लोग कपड़े वाला मास्क भी लगाते हैं कि लेकिन यह सिर्फ बड़े आकार के पार्टिकल्स को अंदर जाने से रोकते हैं, हवा में मौजूद पार्टिकल्स को नहीं।

कोरोना वायरस, विषाणुओं के बहुत बड़े परिवार का सदस्य है जो जानवरों और इंसान दोनों को प्रभावित करता है। कोरोना का अर्थ है- क्राउन यानी मुकुट। वायरस के इस परिवार को यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इनकी सतह पर नुकीली कील जैसी चीज निकलती होती है और इस वजह से ये देखने में मुकुट जैसा लगता है। 

कोरोना वायरस की 7 नस्ल हैं जो इंसान के शरीर को प्रभावित करती है। इनमें से पहली 4 नस्ल- 229E, NL63, OC43 और HKU1 की वजह से अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इनफेक्शन यानी नाक और नेजल पैसेज से जुड़ा संक्रमण होता है। जबकी बाकी 3 नस्ल- मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम MERS, सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) और कोविड-19 कोरोना वायरस के सबसे गंभीर रूप हैं, जिनकी वजह से फेफड़ों में होने वाले इंफेक्शन जैसे- ब्रॉन्काइटिस और निमोनिया तक का खतरा रहता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO की मानें तो अगर किसी व्यक्ति में कोविड-19 के कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं तो उसे मास्क पहनने की जरूरत नहीं है। वैसे लोग जिन्हें कोविड-19 का संक्रमण है या वैसे लोग जो संक्रमित व्यक्ति के साथ रह रहे हैं, उन्हें मास्क पहनना जरूरी है। इसके अलावा अगर आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करते हैं तो आपको मास्क पहनना चाहिए, हालांकि इस महामारी के दौरान पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर ना ही करें तो बेहतर होगा। स्वास्थ्य अधिकारी भी दुनियाभर में लोगों से यही अपील कर रहे हैं कि वे बेवजह मास्क यूज न करें, क्योंकि मास्क की वैसे ही भारी कमी है।

अगर आपके आसपास साबुन-पानी न हो तो आप एल्कोहल-बेस्ड सैनेटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं। सैनेटाइजर, हाथों की सतह पर मौजूद बैक्टीरिया और वायरस को हटाने का काम करता है, लेकिन अगर आप साबुन-पानी से हाथ धोते हैं तो यह वायरस को पूरी तरह से मारने का काम करता है। इसलिए आपको अपने हाथों को कम से कम 20 सेकंड तक साबुन-पानी से धोना चाहिए।

चूंकि, ज्यादातर सैनेटाइजर एल्कोहल बेस्ड होते हैं, इसलिए वे हाथों में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस को मारने में मदद करते हैं। ज्यादातर सैनिटाइजर में एथनॉल, इसोप्रोपेनॉल, पानी और ग्लिसेरॉल होता है। एक असरदार हैंड सैनेटाइजर में 60 से 95 प्रतिशत तक एल्कोहल कन्टेंट होना चाहिए। सैनेटाइजर में मौजूद एल्कोहल, बैक्टीरिया और वायरस की बाहरी दीवार को खत्म करते हैं, जबकी हाइड्रॉक्सिल का ग्रुप, वायरस के अंदरूनी मेमब्रेन को तोड़ने का काम करता है। इसका इस्तेमाल करने से वायरस मर जाते हैं और किसी तरह का इंफेक्शन नहीं फैला पाते।

खुद को और आसपास मौजूद लोगों को कोविड-19 संक्रमण से बचाने के लिए इन जरूरी बातों का ध्यान रखें -

  • अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन-पानी से धोते रहें। आप चाहें तो अपने हाथों को एल्कोहल वाले सैनेटाइजर से भी साफ कर सकते हैं। (सैनेटाइजर में कम से कम 60 प्रतिशत एल्कोहल होना चाहिए) हाथों में मौजूद वायरस को मारने का यह सबसे अच्छा तरीका है।
  • अगर किसी व्यक्ति को खांसी या छींक आ रही हो तो उससे कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाकर रखें। यह दूरी बनाए रखना इसलिए जरूरी है, क्योंकि जब कोई खांसता या छींकता है तो उनके नाक और मुंह से इंफेक्शन वाली छोटी-छोटी बूंदें निकलती हैं जिसमें वायरस होता है। अगर यह दूरी बनाकर न की जाए तो आप भी कोविड-10 इंफेक्शन वाली बूंदों को सांस के जरिए शरीर के अंदर ले सकते हैं।
  • हमारे हाथ बहुत सी सतहों को छूते हैं और इसलिए हाथों में वायरस के चिपके रहने का खतरा भी अधिक होता है। गंदे हाथ, आंख, नाक और मुंह के जरिए वायरस को शरीर के अंदर पहुंचा सकते हैं। इसलिए अपनी आंख, नाक और मुंह को बार-बार छूने से बचें।
  • जब भी आपको खांसी या छींक आए तो अपने मुंह को टीशू पेपर या अपनी कोहनी से पूरी तरह से ढक लें। ऐसा करने से सर्दी-खांसी, फ्लू और यहां तक कि कोविड-19 जैसी बीमारी के वायरस वाली बूंदें हवा में नहीं फैलेंगी और बीमारी को फैलने से रोका जा सकेगा। दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।
  • अगर आपको खुद में कोविड-19 के कोई लक्षण महसूस हों तो घर पर ही रहें, बाहर न निकलें। अपने डॉक्टर को फोन करें और उन्हें अपनी मौजूदा स्थिति के बारे में बताएं। अपने डॉक्टर या स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देशों का पालन करें। अस्पताल जाने से पहले वहां पर सूचित कर दें। ऐसा करने से स्वास्थ्य अधिकारी आपको सही जगह तक पहुंचाने में आपकी मदद करेंगे।
  • कहीं भी यात्रा करना और भीड़ में जाने से बचें, खासकर अगर आप बुजुर्ग व्यक्ति हैं या फिर आपको पहले से कोई बीमारी है जैसे- हाई बीपी, डायबिटीज या हृदय रोग।

नहीं, मौजूदा समय में कोविड-19 का कोई इलाज या टीका अब तक खोजा नहीं जा सका है। अब तक जितने भी कोविड-19 के मरीज हैं, उनका इलाज एंटीवायरल दवाइयों, ऑक्सीजन थेरेपी और कई दूसरी तरह की दवाइयों से किया जा रहा है ताकि वायरस की वजह से मरीज के शरीर के बाकी अंगों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।

नहीं, ऐसी कोई एंटीबायोटिक नहीं है जो वायरस के खिलाफ काम कर सके। क्योंकि एंटीबायोटिक सिर्फ बैक्टीरिया से होने वाले इंफेक्शन के खिलाफ काम करती है। कोविड-19 से बचने के लिए सुरक्षात्मक उपाय के तौर पर एंटीबायोटिक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

नहीं, सार्स यानी सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम और कोविड-19 दोनों एक ही नहीं है। लेकिन दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए जरूर हैं, क्योंकि दोनों ही बीमारियां एक ही वायरस परिवार का हिस्सा हैं, जिसका नाम है कोरोना वायरस। सार्स का पहला मामला फरवरी 2003 में एशिया महाद्वीप में सामने आया था। यह बीमारी ज्यादा जानलेवा लेकिन कम संक्रामक थी। साल 2003 के बाद सार्स का कोई मामला सामने नहीं आया। हालांकि, कोविड-19 बेहद संक्रामक यानी फैलने वाली बीमारी है और दिसंबर 2019 से लगातार दुनियाभर में फैल रही है।

इस बारे में वैसे तो अब तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पायी है लेकिन दुनियाभर के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी है जैसे- हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारी या कैंसर है उनमें दूसरों की तुलना में कोविड-19 बीमारी के गंभीर होने का खतरा अधिक है।

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जो लोग पूरी तरह से स्वस्थ हैं, उन्हें भी यह बीमारी होने का खतरा है। हालांकि, युवा वयस्कों और बच्चों में कोविड-19 इंफेक्शन का असर बेहद कम होता है। लेकिन यह किसी भी समय जानलेवा साबित हो सकता है। आप खुद को, अपने परिवार के सदस्यों को और अपने समुदाय को इस इंफेक्शन से बचा सकते हैं, सिर्फ आपको कुछ जरूरी दिशा-निर्देशों का पालन करने की जरूरत है- नियमित रूप से हाथों को साबुन-पानी से धोते रहना, घर से बाहर न निकलना, कहीं भी यात्रा न करना, जब तक बेहद जरूरी न हो किसी भी तरह की मीटिंग या गेट-टुगेदर का हिस्सा न बनना।

कोविड-19 सीधे संपर्क में आने से फैलता है। कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो वायरस वाली संक्रमित बूंदें हवा में फैल जाती हैं और अगर इस संक्रमित हवा को कोई स्वस्थ व्यक्ति सांस के जरिए शरीर के अंदर ले तो यह बीमारी उसे भी हो जाती है। इतना ही नहीं, हवा में मौजूद ये संक्रमित बूंदें बीमार व्यक्ति के आसपास मौजूद चीजों और सतहों पर भी गिर जाती हैं। ऐसे में जब कोई स्वस्थ व्यक्ति उन चीजों या सतहों को छूता है, जिस पर संक्रमित बूंदें गिरी थीं और उसके बाद अपने गंदे हाथो से आंख, नाक या मुंह को छूता है तो वह वायरस स्वस्थ व्यक्ति के शरीर के अंदर पहुंच जाता है।

इतना ही नहीं यह वायरस वातावरण में लंबे समय तक कायम रहता है और बेहद तेजी से फैलता है इसलिए इसके सामुदायिक स्तर पर फैलने यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा भी काफी अधिक है। कम्युनिटी ट्रांसमिशन, बीमारी के उस चरण को कहते हैं, जिसमें स्थानीय स्तर पर बीमार लोग जो संक्रमित होते हैं उन्हें यह इंफेक्शन कैसे और किससे हुआ इसका पता नहीं चलता।

कोविड-19 के ज्यादातर लक्षण, फ्लू से मिलते जुलते हैं। लेकिन इन दोनों के बीच सबसे बड़ा अंतर यह है कि जिस व्यक्ति को सामान्य फ्लू होता है उसे सांस लेने में दिक्कत महसूस नहीं होती, लेकिन जिस मरीज को कोविड-19 का इंफेक्शन होता है उसे सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगती है। हालांकि, बीमारी की पुष्टि लैब में किए जाने वाले टेस्ट के बाद ही हो सकती है।

अगर आपके घर में परिवार के किसी सदस्य में कोविड-19 के लक्षण नजर आते हैं तो आपको घबराने की जरूरत नहीं। सबसे पहले उस व्यक्ति को घर में ही आइसोलेट करें यानी परिवार के बाकी सदस्यों से पूरी तरह से अलग कर दें। अगर आपको लग रहा है कि बीमार सदस्य को डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है तो तुरंत क्लिनिक या अस्पताल में फोन करें। डॉक्टर के पास जाने से पहले आप और बीमार सदस्य दोनों ही मास्क जरूर पहन लें। हर वक्त अपने फैमिली डॉक्टर या फिर नजदीकी अस्पताल के संपर्क में रहें और उन्हें परिवार के बीमार सदस्य की हालत के बारे में बताते रहें। अगर परिवार के सदस्य में कोविड-19 के लक्षण दिखें तो इन जरूरी बातों का ध्यान रखें -

  • बेहद जरूरी है कि आप उस बीमार और आइसोलेट व्यक्ति के संपर्क में कम से कम 2 हफ्ते तक न आएं, वरना यह बीमारी आपको भी हो सकती है। आप उन्हें मोबाइल फोन और लैपटॉप दे सकते हैं ताकि वह हमेशा आपके संपर्क में रहें।
  • घर के बर्तन, तौलिए, बिस्तर, साबुन आदि को बीमार और आइसोलेटेड व्यक्ति के साथ शेयर न करें। घर में डेली यूज होने वाली इन चीजों पर वायरस कई-कई घंटों और दिनों तक जिंदा रह सकता है। ऐसे में इन चीजों को शेयर करने से बीमारी फैल सकती है।
  • बीमार और आइसोलेटेड व्यक्ति के गंदे कपड़े या झूठे बर्तन साफ करते वक्त ग्लव्स जरूर पहनें। उस बीमार व्यक्ति की सभी चीजें कपड़े, बर्तन, बिस्तर आदि सब पूरी तरह से अलग रखें। आप चाहें तो बीमार व्यक्ति के इस्तेमाल किए गए कपड़े, बर्तन साफ करने के लिए आप कीटाणुनाशक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बीमार इंसान को तब तक आइसोलेशन में रहना चाहिए जब तक उनका इंफेक्शन पूरी तरह से ठीक न हो जाए।

डॉक्टर कोविड-19 संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति को बीमारी से मुक्त तब घोषित करते हैं

  • जब बुखार की दवा दिए बिना ही व्यक्ति का बुखार पूरी तरह से ठीक हो जाए
  • व्यक्ति में बीमारी के कोई लक्षण न दिखें, जिसमें खांसी भी शामिल है
  • 24 घंटे के अंतराल पर लिए गए बीमार व्यक्ति के 2 सैंपल पूरी तरह से नेगेटिव न आएं यानी उसमें वायरस की कोई पुष्टि न हो

कोविड-19 के सबसे सामान्य लक्षण हैं -

वैसे तो ये लक्षण हल्के-फुल्के ही होते हैं और धीरे-धीरे मरीज के शरीर में नजर आते हैं। हालांकि, कुछ मरीजों को शरीर में दर्द और डायरिया भी महसूस होता है। जब मामला गंभीर हो जाता है तो मरीज के शरीर के अंग भी क्षतिग्रस्त (ऑर्गन डैमेज) हो सकते हैं।

इस नई महामारी कोरोना वायरस को कोरोना वायरस डिजीज 2019 या कोविड-19 नाम विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दिया है, जिसकी पहचान पहली बार चीन के वुहान शहर में साल 2019 में हुई थी। कोविड-19 के 'को' का अर्थ है कोरोना, 'वी' का वायरस और 'डी' का डिजीज यानी बीमारी।

कोविड-19 हद से ज्यादा संक्रामक यानी छुआछूत से फैलने वाला इंफेक्शन है, जिसमें वैसे तो सामान्य फ्लू जैसे लक्षण होते हैं, जैसे- बुखार, खांसी और सांस लेने में दिक्कत होना। हालांकि, कोविड-19 से संक्रमित कई मरीजों ने बताया कि उन्हें चीजों को सूंघने में दिक्कत होना और हद से ज्यादा थकान महसूस होना जैसे लक्षण भी महसूस हुए। कोविड-19 इंसान से इंसान में फैलने वाला एक तरह का कोरोना वायरस इंफेक्शन है। यह सार्स-सीओवी-2 नाम के वायरस से फैलता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के पास इस इंफेक्शन का पहला मामला 31 दिसंबर 2019 को चीन के हुबेई प्रांत स्थित वुहान शहर से सामने आया था। तभी से यह वायरस दुनिया के 85 प्रतिशत हिस्से में फैल चुका है और WHO ने इसे वैश्विक महामारी भी घोषित कर दिया है। चूंकि, कोविड-19 बीमारी एक नए कोरोना वायरस की वजह से होती है, इसलिए अब तक इसका इलाज खोजा नहीं जा सका है। बीमार मरीज के इलाज में लक्षणों को कंट्रोल करना, एंटीवायरल दवाइयां देना और ऑक्सीजन थेरेपी शामिल हैं।

संदिग्ध कोविड-19 के मरीज के रोग की पहचान (डायग्नोसिस) करने के लिए उसकी पूरी ट्रैवल हिस्ट्री पूछी जाती है। मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी ली जाती है। आरटी-पीसीआर टेस्ट या फिर कई बार फेफड़ों की बायोप्सी भी की जाती है। चीन में जब यह बीमारी अपने चरम पर थी तो उस दौरान डॉक्टर मरीजों का सीटी स्कैन भी कर रहे थे। हालांकि, यह कॉमन प्रैक्टिस नहीं है।

नवजात शिशु, 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और वैसे लोग जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है उन्हें इस इंफेक्शन का खतरा सबसे अधिक है। बीमारी से बचने के सुरक्षात्मक उपायों की बात करें तो इसमें सोशल डिस्टेंसिंग यानी लोगों से दूरी बनाकर रखना, हाथों को लगातार 20 सेकंड तक साबुन-पानी से धोते रहना और अपनी कोहनी से मुंह को ढक कर खांसना और छींकना शामिल है। इंफेक्शन से बचने के लिए स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारियों, मरीजों और घर पर मरीज की देखभाल करने वाले केयरटेकर को मेडिकल मास्क या एन95 मास्क लगाना जरूरी है।

इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए दुनियाभर के देश अपने-अपने स्तर पर हर तरह के कदम उठा रहे हैं। उदाहरण के लिए - दुनिया के अधिकतर देशों ने अपने यहां अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगा दी है। ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि कोविड-19 इंफेक्शन से प्रभावित देशों के लोग दूसरे देशों में यात्रा न कर सकें।

Siddhartha Vatsa

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सामान्य चिकित्सा
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Dr. Harshvardhan Deshpande

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संदर्भ

  1. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Q&A on coronaviruses (COVID-19)
  2. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Frequently Asked Questions
  3. United Nations [Internet]. New York. United States; COVID-19 FREQUENTLY ASKED QUESTIONS
  4. US Food and Drug Administration (FDA) [internet]; N95 Respirators and Surgical Masks (Face Masks)
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