दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से शुरू हुए सार्स-सीओवी-2 वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 ने करीब-करीब पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले रखा है। महज 3 महीने के अंदर ही दुनियाभर के 199 से ज्यादा देश के 9 लाख से ज्यादा लोग इस बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं और 47 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
कोविड-19 बीमारी फैलाने वाला वायरस सार्स-सीओवी-2 जितनी तेजी से दुनियाभर में फैल रहा है और वैज्ञानिकों या डॉक्टरों के द्वारा इसका कोई इलाज या टीका अब तक खोजा नहीं जा सका है, इसके मद्देनजर इस बीमारी से बचने का सिर्फ एक ही तरीका है और वह है- सावधानी बरतना। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO, सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन CDC और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ICMR जैसी स्वास्थ्य संस्थाओं की तरफ से जितने भी सुरक्षात्मक कदम उठाने के सुझाव दिए जा रहे हैं उन सभी का पालन करना चाहिए।
वैसे तो कोविड-19 इंफेक्शन किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें अगर यह इंफेक्शन हो जाए तो उनमें लक्षणों के गंभीर होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसमें वैसे लोग शामिल हैं जिन्हें पहले से कोई बीमारी जैसे- कैंसर, अस्थमा, डायबिटीज, हृदय रोग, किडनी की बीमारी आदि हो। इसके अलावा जिन लोगों की उम्र 60 साल से अधिक है या फिर बेहद छोटे बच्चों को भी कोविड-19 इंफेक्शन होने का खतरा अधिक है। ऐसे में नवजात शिशुओं या छोटे बच्चों के माता-पिता के लिए चिंतित होना लाजिमी है।
अब तक कोविड-19 के बारे में जितनी भी जानकारी मौजूद है, उन आंकड़ों पर एक नजर डालें तो पता चलता है कि दुनियाभर में ऐसे बेहद कम मामले सामने आए हैं जिसमें नवजात शिशु या छोटे बच्चों में कोविड-19 के गंभीर लक्षण देखने को मिले हैं। मार्च 2020 में सिर्फ 2 नवजात बच्चों की मौत का मामला सामने आया था और इसे भी असाधारण मामला माना जा रहा है। इसके अलावा बेल्जियम में एक 12 साल की लड़की और यूके में 13 साल के एक लड़के की कोविड-19 से मौत का मामला सामने आया था।
ऐसे में अगर आप भी नवजात शिशु या छोटे बच्चों के पैरंट्स हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि अपने बच्चे को कोविड-19 से सुरक्षित रखने के लिए आपको किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए-
- क्या बच्चों में कोविड-19 का खतरा अधिक है?
- क्या कोविड-19 मां से नवजात में आ सकता है?
- बच्चों को कोविड-19 से बचाने के लिए ये सावधानियां बरतें
- कोविड-19 महामारी के दौरान किन बच्चों को है ज्यादा देखभाल की जरूरत?
क्या बच्चों में कोविड-19 का खतरा अधिक है?
बच्चों में कोविड-19 होने के जितने भी मामले अब तक रिकॉर्ड हुए हैं उसके मुताबिक दुनियाभर में यह आकंड़ा काफी कम है। चीन से आने वाले शुरुआती आंकड़े बताते हैं कि चीन में कोविड-19 के जितने भी मरीज थे उनमें से बच्चों की तादाद सिर्फ 2.4 प्रतिशत थी। (1 अप्रैल से पहले तक चीन में अलक्षणी यानी asymptomatic मामलों को रिपोर्ट नहीं किया जा रहा था और ज्यादातर बच्चे जिन्हें यह इंफेक्शन होता है उनमें इसके या तो कोई लक्षण नजर नहीं आते या फिर बेहद हल्के-फुल्के लक्षण दिखते हैं)
अब तक इस बारे में हो चुकी सभी मौजूदा रिसर्च यही बताती है कि नवजात शिशु और छोटे बच्चों को निश्चित तौर पर कोविड-19 इंफेक्शन होने का खतरा तो है। लेकिन अगर वयस्कों और वैसे लोगों से तुलना करें जिन्हें पहले से कोई बीमारी है तो बच्चों में इस बीमारी का बेहद हल्का असर ही दिखता है। चूंकि कोविड-19 एक नई बीमारी है और इस बारे में अब तक बहुत कम रिसर्च हुई है इसलिए नवजात शिशु और बच्चों पर इस बीमारी का प्रभाव कम क्यों है, इसका कारण अब तक पता नहीं चल पाया है।
अमेरिका के इलिनॉयस राज्य में हाल ही में 1 साल से कम उम्र के एक नवजात शिशु की मौत का मामला भले ही पैरंट्स की चिंता बढ़ा दे लेकिन चीन में 10 महीने के शिशु की मौत पर हुई रिसर्च इस बात की ओर इशारा करती है कि नवजात शिशुओं की मौत रिकवरी की प्रक्रिया में होने वाली कॉम्प्लिकेशन की वजह से होती है न की कोविड-19 इंफेक्शन के गंभीर होने की वजह से। ऐसे में पैरंट्स के लिए बेहद जरूरी है कि वह खुद के लिए और अपने बच्चे के लिए भी सभी जरूरी सावधानियां बरतें ताकि उन्हें कोविड-19 इंफेक्शन होने का खतरा न रहे।
क्या कोविड-19 मां से नवजात में आ सकता है?
WHO, CDC और कई दूसरी स्वास्थ्य संबंधी एजेंसियों की मानें तो अब तक ऐसा कोई डेटा मौजूद नहीं है जो इस बात को साबित कर पाए कि कोविड-19 का संक्रमण, मां से सीधे बच्चे में आ सकता है। यहां तक की अगर संक्रमित मां बच्चे को अपना दूध पिलाए तब भी नहीं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि मां के गर्भ में मौजूद ऐमनियॉटिक फ्लूइड जिसमें 9 महीने तक बच्चा रहता है और मां के दूध में भी वायरस के पहुंचने का कोई सबूत नहीं मिला है।
यह बातें भले ही इस ओर इशारा करती हों कि मां से नवजात शिशु या मां का दूध पीने वाले बच्चे में सीधे कोविड-19 का इंफेक्शन नहीं पहुंचता, बावजूद इसके यह बात भी सच है कि अब तक कोविड-19 के बारे में काफी कम रिसर्च हुई है। लिहाजा मां से सीधे बच्चे में इंफेक्शन फैलने की आशंका को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता। यही वजह है कि अगर आपको अपने नवजात शिशु में कोविड-19 या अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत अपने डॉक्टर या आपातकालीन सेवाओं से संपर्क करें।
बच्चों को कोविड-19 से बचाने के लिए ये सावधानियां बरतें
कोविड-19 से बचने के लिए बच्चों और वयस्कों के लिए जो सावधानियां और ऐहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है, नवजात शिशुओं के लिए भी माता-पिता को वही सावधानियां अपनानी चाहिए। जैसे-
- इस बात का पूरा ध्यान रखें कि नवजात शिशु को जो कोई भी छू रहा हो वह पहले अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह से धो ले।
- अगर आपका बच्चा इतना बड़ा हो गया है कि वह चलने या जमीन पर घुटनों के बल खिसकने लगा हो तो उसके हाथों को भी नियमित रूप से जरूर साबुन-पानी से साफ करते रहें।
- नवजात शिशु और बच्चों के लिए एल्कोहल-बेस्ड सैनिटाइजर का इस्तेमाल न करें क्योंकि इससे उनकी त्वचा में खुजली और रैशेज हो सकते हैं। बच्चे की स्किन, कपड़े आदि के लिए सौम्य बेबी सोप इस्तेमाल करें।
- बच्चों को भीड़भाड़ वाली जगहों पर बिलकुल न लेकर जाएं।
- घर की सभी सतहों खासकर बच्चे के आसपास के हिस्सों को पूरी तरह से साफ और कीटाणुमुक्त रखें। बच्चे के खिलौने, कंबल और दूसरी चीजों को भी अच्छे से साफ करें।
- अगर घर में कोई बीमार हो तो नवजात शिशु को उससे कम से कम 6 फीट की दूरी पर रखें और ध्यान रखें कि बीमार व्यक्ति बच्चे या उससे जुड़ी किसी भी सतह को न छूएं।
- अगर बच्चे की उम्र 2 साल से अधिक है तो बच्चे को नियमित रूप से हाथ धोना और खांसते या छींकते वक्त अपने मुंह को ढंकना सिखाएं।
- नवजात शिशु और छोटे बच्चों के माता-पिता अगर तनाव या चिंता में हों तो बच्चे भी तनाव में आ सकते हैं। इसलिए ध्यान रहे कि आपकी मानसिक सेहत और आपकी भाषा बच्चे के सामने सही रहे। अगर बच्चे इतने बड़े हैं कि वह आपकी बात समझ सकें तो उन्हें बताएं कि सबकुछ ठीक हो जाएगा।
- अगर आपको बच्चे में कोविड-19 के कोई भी लक्षण नजर आए तो बच्चे को सबसे पहले दूसरों से अलग करें और तुरंत डॉक्टर या आपातकालीन सेवा में फोन करें। महामारी के दौरान मेडिकल सहायता लेने में देर न करें। साथ ही खुद से बच्चे को लेकर अस्पताल न जाएं। सरकारी हेल्पलाइन नंबर पर फोन करें।
कोविड-19 महामारी के दौरान किन बच्चों को है ज्यादा देखभाल की जरूरत?
अब तक आप यह बात जान गए हैं कि कोविड-19 इंफेक्शन के गंभीर मामले या मौत का मामला, नवजात शिशु और छोटे बच्चों में बहुत कम देखने को मिल रहा है। बावजूद इसके आपको यह याद रखना होगा कि कुछ मामलों में खतरा अधिक होता है। अगर आपके बच्चे को जन्म के बाद इनमें से कोई भी समस्या है तो आपको अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है-
- प्रीमच्योर बेबी
वैसे बच्चे जो समय से पहले पैदा हो जाते हैं वे आमतौर पर कम विकसित होते हैं और उनका वजन भी कम होता है। इसी वजह से उन्हें नियोनेटेल आईसीयू में रखा जाता है। ऐसे में अगर आपका बच्चा प्रीमच्योर है तो कोविड-19 महामारी के दौरान उन्हें खास देखभाल की जरूरत है। - अगर बच्चे को अस्थमा हो
चूंकि कोविड-19 ऊपरी श्वस्न तंत्र यानी अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है और बेहद संक्रामक इंफेक्शन है इसलिए अगर आपके बच्चे को पहले से अस्थमा या फिर फेफड़ों की कोई बीमारी है तो उनमें लक्षण गंभीर होने का खतरा रहता है। - अगर डायबिटीज हो
जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की मानें तो अब तक वैसे बच्चे जिन्हें डायबिटीज है उनमें कोविड-19 इंफेक्शन के गंभीर होने का कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन चूंकि डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित वयस्कों में कोविड-19 का खतरा अधिक है इसलिए बच्चों में भी अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। - जन्मजात दोष
नवजात शिशु या छोटे बच्चे जिनमें जन्मजात दोष जैसे स्पाइना बिफिडा जैसी कोई बीमारी है तो उनका इम्यून सिस्टम पहले से ही कमजोर होता है और ऐसे बच्चों को किसी भी तरह का इंफेक्शन होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में अपने डॉक्टर से सलाह लें कि बच्चे की देखभाल के लिए आपको क्या-क्या करना जरूरी है। - कैंसर या एचआईवी
अगर बच्चे को कैंसर या एचआईवी की बीमारी है तो इन बच्चों की भी इम्यूनिटी यानी बीमारियों से लड़ने की क्षमता पहले से ही बेहद कमजोर होती है। लिहाजा कोविड-19 जैसी महामारी के समय ऐसे बच्चों का भी खास ख्याल रखने की जरूरत है।
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नवजात शिशु और छोटे बच्चों को कोविड-19 से बचाने के लिए बरतें ये जरूरी सावधानियां के डॉक्टर

Dr Rahul Gam
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16 वर्षों का अनुभव

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संक्रामक रोग
उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें नवजात शिशु और छोटे बच्चों को कोविड-19 से बचाने के लिए बरतें ये जरूरी सावधानियां है
- Proctosedyl BD Cream - ₹108
- Anovate Cream - ₹140
- Pilo GO Cream - ₹80
- Covifor Injection - ₹3780
- Fabiflu 200 Mg Tablet - ₹1292
- Fabiflu 400 Tablet - ₹856
- Fabiflu (Favipiravir) 400 Mg Tablet - ₹1224
- Fabiflu (Favipiravir) 200 Mg Tablet - ₹1292
- Remdesivir Injection - ₹10500
- Molusafe Capsule - ₹457
- Movfor 200 Mg Capsule - ₹2490
- Molflu 200 Mg Capsule - ₹1400
- Molulife 200 Capsule - ₹1399
- Cipmolnu 200 Mg Capsule - ₹2000
- Molxvir 200 Mg Capsule - ₹1520
- Immunocin Alpha Plus 1.6mg Injection - ₹5998
- Alzumab Injection - ₹8229
- Imualfa 1.6mg Injection 1ml - ₹2628
- Molnutor 200 Mg Capsule - ₹2000
- Sotrovimab Injection - ₹165000
- Nirmatrelvir - ₹5000
- Molnupiravir 200 Mg Capsule - ₹1400
- Covihalt 200 Tablet - ₹465
- Ciplenza Tablet - ₹646
- Itolizumab Injection - ₹8220
संदर्भ
- Johns Hopkins Medicine [Internet]. The Johns Hopkins University, The Johns Hopkins Hospital, and Johns Hopkins Health System; Coronavirus in Babies and Children
- Nemours Children’s Health System [Internet]. Jacksonville (FL): The Nemours Foundation; c2017. Coronavirus (COVID-19)
- United Nations Children Fund [Internet] United Nations Organization. New York. United States; Coronavirus disease (COVID-19): What parents should know
- Centers for Disease Control and Prevention [Internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Pregnancy & Breastfeeding
- Centers for Disease Control and Prevention [Internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Coronavirus Disease 2019 (COVID-19): Frequently Asked Questions
- Wang, laishuan. et al. Chinese expert consensus on the perinatal and neonatal management for the prevention and control of the 2019 novel coronavirus infection (First edition). Ann Transl Med. 2020 Feb; 8(3): 47. PMID: 32154287
- Schwartz, David A. and Graham, Ashley L. Potential Maternal and Infant Outcomes From (Wuhan) Coronavirus 2019-nCoV Infecting Pregnant Women: Lessons From SARS, MERS, and Other Human Coronavirus Infections. Viruses , 12 (2). PMID: 32050635