कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 के इलाज को लेकर चर्चा बटोर चुकी रेमडेसिवियर दवा का ट्रायल 'फ्लॉप' होने की खबर सामने आई है। दुनिया के प्रतिष्ठित अखबार 'फाइनैंशियल टाइम्स' (एफटी) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा 'अनजाने में' प्रकाशित किए गए ड्राफ्ट दस्तावेजों के हवाले से यह रिपोर्ट दी है। अखबार की मानें तो चीन में हुए इस दवा के पहले क्लिनिकल ट्रायल में कोविड-19 के मरीजों में इस दवा का कोई असर नहीं हुआ यानी उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं पाया गया। बता दें कि रेमडेसिवियर इबोला वायरस की रोकथाम से जुड़ी दवा है, जिसे अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित 'गिलीड साइंसेज' नाम की कंपनी बनाती हैं।

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यहां यह भी बता दें कि कुछ दिन पहले एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में बताया गया था कि कैसे अमेरिका के शिकागो स्थित एक अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों पर रेमडेसिवियर का परीक्षण काफी सफल रहा था। वहीं, यह चर्चा पहले से थी कि यह दवा कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 को खत्म कर सकती है, इसीलिए इसे उन चार दवाओं में शामिल किया गया, जिन पर डब्ल्यूएचओ 'सॉलिडेरिटी प्रोजेक्ट' के तहत परीक्षण कर रहा है। लेकिन एफटी को डब्ल्यूएचओ के जो दस्तावेज हाथ लगे हैं, वे इस उम्मीद को झटका देते हैं।

क्या कहती है अखबार की रिपोर्ट?
डबल्यूएचओ के दस्तावेजों के आधार पर एफटी ने बताया कि शोधकर्ताओं ने 237 मरीजों का अध्ययन किया था। इनमें से 158 मरीजों को रेमडेसिवियर दी गई थी और बाकी के 79 मरीजों से उनके स्वास्थ्य तुलना की गई। रिपोर्ट की मानें तो जिन मरीजों को रेमडेसिवियर दी गई थी, उनमें से कुछ में इसके दुष्प्रभाव दिखाई दिए थे। इसके चलते 18 मरीजों को ट्रायल से हटाना पड़ा था।

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इस बारे में जब अखबार ने डब्ल्यूएचओ से सवाल किए तो उसने कहा कि इस शोध की समीक्षा अभी की जा रही है और इसे 'गलती से' प्रकाशित कर दिया गया। बयान में डब्ल्यूएचओ ने कहा, 'यह ड्राफ्ट डॉक्युमेंट लेखकों (शोधकर्ताओं) द्वारा डब्ल्यूएचओ को मुहैया कराए गए थे और गलती से वेबसाइट पर पब्लिश हो गए। इस गलती का पता चलने के तुरंत बाद इन्हें हटा लिया गया।'

उधर, रेमडेसिवियर बनाने वाली कंपनी गिलीड साइंसेज ने चेतावनी देते हुए कहा है कि (डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर प्रकाशित) पोस्ट में अध्ययन को गलत तरीके से पेश किया गया था। कंपनी ने एक बयान में कहा है, 'यह अध्ययन कम मरीजों के चलते शुरू में हो खत्म कर दिया गया था। यह इतना सक्षम नहीं था कि आंकड़ों के आधार पर विचार करने योग्य निष्कर्ष निकाल सके। अध्ययन के परिणाम अधूरे हैं, हालांकि रेमडेसिवियर से जुड़ा डेटा बताता है कि इससे फायदा होने की संभावना है, खास तौर पर बीमारी की शुरुआत में।'

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 के इलाज के लिए चीन में रेमडेसिवियर दवा का ट्रायल 'फ्लॉप', डब्ल्यूएचओ ने 'गलती से' प्रकाशित की रिपोर्ट: फाइनैंशियल टाइम्स है

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