कोविड-19 महामारी को लगभग एक साल पूरा होने को है। लेकिन बीमारी से जुड़े लक्षणों को लेकर अब भी नई-नई रिसर्च सामने आ रही हैं। शुरुआत में खांसी, बुखार और गले में खराश को कोरोना के लक्षणों में से सबसे आम बताया गया। इसके बाद स्वाद और सूंघने की क्षमता की कमी को भी कोरोना के लक्षणों की लिस्ट में जोड़ा गया। वहीं अब वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसिक भ्रम यानी मेंटल कन्फ्यूजन भी सार्स-सीओवी-2 के शुरुआती लक्षणों में से एक है। स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़ी प्रमुख पत्रिका "जर्नल ऑफ क्लीनिकल इम्यूनोलॉजी एंड इम्यूनोथेरेपी" में प्रकाशित एक शोध में इस बात का पता चला है। 

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अध्ययन की समीक्षा के अनुसार, बुखार के साथ डिलेरियम या मानसिक भ्रम कोविड-19 का प्रारंभिक लक्षण हो सकता है। विशेषकर बुजुर्ग रोगियों में ये लक्षण देखा जा सकता है। शोध से पता चलता है कि स्वाद और सूंघने की क्षमता में कमी के साथ-साथ सिरदर्द, खांसी और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण व्यक्ति के संक्रमित होने के शुरू के दिनों में दिखाई देते हैं। लेकिन अब कुछ रोगियों में मानसिक भ्रम जैसी समस्या भी सामने आ रही है। रिसर्च के दौरान कुछ बुजुर्ग मरीजों में तेज बुखार के साथ मेंटल कन्फ्यूजन के लक्षण देखने को मिले हैं। इस लक्षण को कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण के तौर पर देख सकते हैं।

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मस्तिष्क पर भी पड़ता है कोरोना का प्रभाव
स्पेन में यूनिवर्सिटेट ओबेरटा डी कैटलुन्या (यूओसी) से जेवियर कोर्रिया ने बताया कि "डिलेरियम एक तरह की मानसिक भ्रम की स्थिति है, जिसमें व्यक्ति वास्तविकता से बाहर महसूस करता है, जैसे कि वह सपना देख रहा हो।" फ्रांस में यूनिवर्सिटी ऑफ बोर्डो में की गई अपनी एक रिसर्च के आधार पर शोधकर्ता कोर्रिया कहते हैं विशेषकर इस महामारी की स्थिति में हमें सतर्क रहने की जरूरत है। वो इसलिए क्योंकि जिस व्यक्ति में मेंटल कन्फ्यूजन से जुड़े लक्षण दिखाई देते हैं वो कोरोना वायरस से संक्रमित भी हो सकता है। कोर्रिया ने यूओजी शोधकर्ता डिगो रेडोलर रिपोल के साथ एक रिसर्च की समीक्षा की, जिसके अनुसार कोविड-19 का प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर भी पड़ता है। रिसर्च से पता चलता है कि सार्स-सीओवी-2 वायरस का प्रभाव हमारी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (नर्व सिस्टम) पर पड़ता है, जिस कारण सिरदर्द और कन्फ्यूजन जैसी समस्या पैदा होती है।

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दिमाग को कैसे प्रभावित करता है कोरोना वायरस?
शोधकर्ता कोर्रिया के मुताबिक रिसर्च में पता चला है कि कोविड-19 संक्रमण हमारे मस्तिष्क को तीन संभावित कारणों के तहत प्रभावित करता है। इसमें हाइपोक्सिया या न्यूरोनल ऑक्सीजन की कमी और साइटोकिन की वजह से मस्तिष्क के ऊतकों (टिशूज) में आने वाली सूजन शामिल हैं। इसके साथ एक सच ये भी है कि वायरस हमारे दिमाग में खून की आपूर्ति को बाधित करता है। शोधकर्ताओं ने आशंका जताई कि इन्हीं तीन प्रमुख कारणों की वजह से डिलेरियम यानी मेंटल कन्फ्यूजन जैसी स्थिति सामने आती है। 

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रिपोर्ट में बताया गया है कि हाइपोक्सिया से संबंधित मस्तिष्क क्षति के सबूत उन रोगियों से मिले जो संक्रमण से मर चुके थे। इसके बाद वायरस को मस्तिष्क के ऊतकों से अलग करना संभव हो गया है। शोधकर्ताओं के अनुसार, डिलेरियम या मानसिक क्षमता में आने वाली कमी (कॉग्रनेटिव डेफिसिट) के साथ व्यवहार में बदलाव संभावित रूप से शरीर के अंग में सूजन की वजह बना। इसकी वजह से ही हाइपोक्सिया की स्थिति पैदा हुई। 


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें वैज्ञानिकों का दावा, तेज बुखार के साथ मेंटल कन्फ्यूजन भी हो सकता है कोविड-19 का शुरुआती लक्षण है

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