भारत के विदेश व्यापार निदेशालय (डीजीएफटी) ने पैरासिटामोल दवा के एक्टिव फार्मास्यूटिकल इन्ग्रेडिएंट (एपीआई) के निर्यात पर लगे प्रतिबंधों को हटा दिया है। कोरोना वायरस संकट के चलते देश में दवाओं की कमी न हो, इसलिए करीब तीन महीने पहले डीजीएफटी ने कई दवाओं और उन्हें बनाने में इस्तेमाल होने वाले एपीआई के निर्यात पर रोक लगा दी थी। 

यह वह समय था जब चीन में कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 से फैली कोविड-19 महामारी तेजी से बढ़ती जा रही थी। इसके चलते चीन में कई प्रकार के निर्यात पर रोक लगा दी गई थी। ऐसे में कई देशों में आम उत्पादों से लेकर कई जरूरी दवाओं और उनके एपीआई की सप्लाई बंद हो गई थी। भारत में भी इसका प्रभाव दवा की कमी के रूप में सामने न आए, इसलिए डीजीएफटी ने एहतियातन कुछ ड्रग्स और एपीआई के निर्यात पर रोक लगा दी थी।

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लेकिन अब यह रोक हटा ली गई है। इस बारे में डीजीएफटी का एक नोटिफिकेशन कहता है, 'पैरासिटामोल के एपीआई को तत्काल प्रभाव से निर्यात 'मुक्त' किया जाता है। इसके एक्सपोर्ट पर रोक लगाने वाले नोटिफिकेशन में संशोधन कर दिया गया है।' वहीं, इससे पहले पिछले महीने ही डीजीएफटी ने पैरासिटामोल के फॉर्म्युलेशन पर लगी रोकों को हटा लिया था। 

इसके अलावा, अन्य दर्जन भर ड्रग्स के व्यापार पर लगे प्रतिबंधों को भी वापल ले लिया गया था। गौरतलब है कि बीते मार्च में इन दवाओं पर रोक लगाई गई थी। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इन सभी दवाओं के एपीआई भी चीन से ही आयात किए जाते हैं। लेकिन चीन में कोविड-19 के चलते लगाए गए लॉकडाउन की वजह से इन एपीआई की आपूर्ति बंद हो गई थी। सरकार के एक अधिकारी का कहना है कि आयात के लिए अधिकतर प्रतिबंधित एपीआई को लेकर ज्यादा हंगामा नहीं हुआ, लेकिन पैरासिटामोल एक महत्वपूर्ण एंटी-पाइरेटिक दवा है, जिसे स्टॉक के रूप में बचा कर रखना जरूरी था।

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एपीआई क्या है?
किसी भी प्रकार का उत्पाद कई तरह की सामग्रियों का इस्तेमाल कर बनाया जाता है। आम बोलचाल में इस सामग्री को कच्चा माल कहा जाता है। चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े जानकार और विशेषज्ञ मेडिकल भाषा में इस कच्चे माल को एक्टिव फार्मास्यूटिकल इन्ग्रेडिएंट यानी एपीआई कहते हैं। इन ड्रग्स के फॉर्म्युलेशन से ही अलग-अलग प्रकार की ब्रैंडेड दवाएं तैयार की जाती हैं।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 संकट के चलते पैरासिटामोल के एपीआई के निर्यात पर लगाई गई रोक हटी है

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