दुनियाभर में सार्स-सीओवी-2 वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए वैज्ञानिक भी इस संक्रामक बीमारी को रोकने की हर संभव कोशिश में जुटे हैं और नए-नए तरीके खोज रहे हैं। कोविड-19 बीमारी के फैलने की स्पीड का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महज 3 महीने के अंदर दुनियाभर में अब तक करीब 11 लाख से ज्यादा लोग इस बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं और 60 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

वैज्ञानिक इस संक्रामक बीमारी को रोकने के लिए इसका इलाज और वैक्सीन बनाने के काम में जुटे हैं। इसके साथ-साथ कुछ वैज्ञानिक ऐसे भी हैं जो कोविड-19 को फैलने से रोकने की कोशिश में लगे हैं खासकर उन देशों में जहां कोविड-19 का संक्रमण अभी शुरुआती स्टेज में ही है। हम बात कर रहे हैं यूके की क्रैनफील्ड यूनिवर्सिटी की जहां के अनुसंधानकर्ताओं ने वेस्टवॉटर टेस्ट बनाया है। इस टेस्ट के जरिए वायरस से संक्रमित समुदाय में पाए जाने वाले वेस्टवॉटर यानी अपशिष्ट जल में सार्स-सीओवी-2 इंफेक्शन की मौजूदगी का पता लगाया जाता है।

यूके की क्रैनफील्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का मानना है कि वेस्टवॉटर पर आधारित महामारी विज्ञान (एपिडेमोलॉजी) जिसे पेपर ऐनालिटिकल डिवाइस के जरिए किया जाता है, की मदद से इलाके में वायरस के फैलने की आशंका है या नहीं, इसकी सटीक जानकारी मिल जाती है। इस टेस्ट में वेस्टवॉटर सिस्टम में जो मल-मूत्र आकर मिल रहा है, उसके नमूने लिए जाते हैं और यह जानने की कोशिश की जाती है कि इसमें बीमारी फैलने वाले वाहक हैं या नहीं।

यह टेस्ट आमतौर पर उन लोगों के लिए किया जाता है जो अलक्षणी यानी asymptomatic हैं लेकिन उन्हें यह पता ही नहीं है कि वे कोविड-19 से संक्रमित हैं या नहीं। इस वेस्टवॉटर के जरिए इलाके के अधिकारियों को भी यह जानने में मदद मिलेगी कि कोई खास समुदाय या इलाके में कोविड-19 बीमारी फैलाने वाले वाहक हैं या नहीं। इस टेस्ट के जरिए समय रहते स्क्रीनिंग को बढ़ाया जा सकेगा, इलाके को क्वारंटाइन किया जा सकेगा और कोविड-19 के मद्देनजर सभी जरूरी ऐहतियाती कदम भी उठाए जा सकेंगे। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस उपकरण की मदद से किसी इलाके की आबादी की सेहत का बिलकुल सही आंकड़ा मिल पाएगा।

  1. आखिर क्या करता है वेस्टवॉटर टेस्ट?
  2. क्या कोविड-19 के लिए वेस्टवॉटर टेस्ट असरदार है?
  3. कोविड-19 के लिए कैसे किया जाता है वेस्टवॉटर टेस्ट?
  4. क्या कोविड-19 के लिए वेस्टवॉटर टेस्ट, दूसरे टेस्ट की तुलना में ज्यादा असरदार है?
  5. कोविड-19: बीमारी की जल्द पहचान के लिए वेस्टवॉटर टेस्ट के डॉक्टर

वेस्टवॉटर पर आधारित महामारीविज्ञान एक ऐसी तकनीक है जिसमें वैज्ञानिक वेस्टवॉटर सिस्टम में आने वाले मल-मूत्र की जांच कर यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि किसी खास क्षेत्र के इंसान किसी रोगाणु या दूषित तत्व के संपर्क में हैं या नहीं। वेस्टवॉटर बेस्ड एपिलेमोलॉजी (WBE) एक ऐसे जरूरी टूल की तरह काम करता है जो निम्नलिखित चीजों के बारे में जानकारी देता है-

  • ड्रग्स या दवाइयों का इस्तेमाल
  • कीटनाशक दवाइयां (पेस्टिसाइड्स)
  • पर्सिस्टेंट ऑर्गैनिक पॉल्यूटेंट (पीओपी)
  • रोगाणु जैसे- ई-कोलाई और क्लोस्ट्रिडियल पेरफ्रिन्जेन्स
  • निजी इस्तेमाल की चीजें जैसे- साबुन या शैंपू
  • कुछ बीमारियों के सबूत जैसे- डायबिटिज, ऐलर्जी, ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस और कैंसर भी
  • डोपिंग से जुड़े तत्व जैसे- ऐनाबॉलिक स्टेरॉयड, ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन और डाइयूरेटिक्स
  • इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रॉडक्ट्स

जहां तक कोविड-19 का सवाल है तो- वैसे मरीज जो अलक्षणी हैं वे भी इस बीमारी को दूसरों में फैला सकते हैं। इस टेस्ट के जरिए वायरस के हॉटस्पॉट का पता लगाया जा सकता है। हॉटस्पॉट वैसे क्षेत्र हैं जहां से कोविड-19 बीमारी के फैलने का खतरा सबसे ज्यादा है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

वेस्टवॉटर टेस्ट ने इससे पहले भी कई संक्रामक बीमारियों जैसे- मलेरिया, रोटावायरस ए, जीका वायरस और एचआईवी का पता लगाने में बेहतरीन नतीजे दिए हैं। ये आमतौर पर पेपर-बेस्ड किट्स होती हैं जिनका भारत में पुशचिकित्सा डायग्नोसिस करने के लिए सफलतापूर्वक इस्तेमाल होता है और यूगांडा में ग्रामीण आबादी के बीच मलेरिया का पता लगाने के लिए इस टेस्ट का इस्तेमाल हुआ है।

यूके स्थित क्रैनफील्ड वॉटर साइंस इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने इस बार इस तकनीक का इस्तेमाल कोविड-19 से प्रभावित इलाकों की जानकारी हासिल करने के लिए किया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर इस WBE टेस्ट की मदद से किसी खास समुदाय विशेष में शुरुआती स्टेज में ही कोविड-19 का पता चल जाए तो उस इलाके के लोगों की गतिविधियों पर रोक लगाकर इस कोविड-19 इंफेक्शन को बाकी लोगों के बीच फैलने से रोका जा सकता है।

वेस्टवॉटर टेस्ट को एक बेहद आसान पेपर टेस्टिंग डिवाइस की मदद से किया जाता है जिसे पहले फोल्ड किया जाता है और फिर उस फोल्ड को खोलकर वेस्टवॉटर के सैंपल में रोगाणु और न्यूक्लिइक ऐसिड (डीएनए और आएनए) की मौजूदगी की जांच की जाती है। इस टेस्टिंग पेपर में पहले से ही रीएजेंट्स (एक रासायनिक पदार्थ को दूसरे तत्त्वों के अन्वेषण में सहायता देता है) होते हैं जिनकी वजह से बायोकेमिकल रिऐक्शन होता है और यह पता चलता है कि वेस्टवॉटर के सैंपल में सार्स-सीओवी-2 (कोविड-19 वायरस) का न्यूक्लिइक ऐसिड है या नहीं।

इस टेस्ट के नतीजे बिलकुल साफ होते हैं क्योंकि पेपर पर अगर हरे रंग का गोलाकार बने तो इसका मतलब है कि रिजल्ट पॉजिटिव है और अगर नीले रंग का गोलाकार बने तो इसका मतलब है कि रिजल्ट नेगेटिव है। वैज्ञानिकों ने पहले ही एक खास तरह का पेपर डिवाइस बनाकर विकसित कर लिया है ताकि वेस्टवॉटर से कोविड-19 वायरस के जेनेटिक मटीरियल का टेस्ट किया जा सके।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

वेस्टवॉटर टेस्ट दूसरे टेस्ट्स की तुलना में ज्यादा असरदार है क्योंकि:

  • इस टेस्ट की मदद से किसी खास क्षेत्र में बीमारी को फैलने से पहले ही रोका जा सकता है क्योंकि यह टेस्ट कोविड-19 की जांच मरीजों में लक्षण दिखने से पहले ही कर देता है।
  • इस टेस्ट को करने के लिए बहुत कम उपकरण और रिसोर्स की जरूरत होती है। इसे बेहद आसान पेपर डिवाइस की मदद से किया जा सकता है।
  • इन टेस्ट किट को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना और स्टोर करके रखना बेहद आसान है। इसी वजह से इन टेस्ट किट को अलग-अलग देशों के मार्केट तक पहुंचाना भी आसान है।
  • इस टेस्ट के लिए इस्तेमाल होने वाला डिवाइस भी बेहद सस्ता है और इसकी कीमत 1 पाउंड यानी भारतीय करेंसी में इसकी कीमत 93 रुपये है।

Dr Rahul Gam

संक्रामक रोग
8 वर्षों का अनुभव

Dr. Arun R

संक्रामक रोग
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Neha Gupta

संक्रामक रोग
16 वर्षों का अनुभव

Dr. Anupama Kumar

संक्रामक रोग

और पढ़ें ...
ऐप पर पढ़ें