दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में कोविड-19 का पहला मामला सामने आया था और तब से लेकर अब तक 3 महीने का वक्त हो चुका है। बताया जा रहा है कि इस नए कोरोना वायरस ने अपना रूप बदल लिया है और अब यह दुनिया के 199 देशों में फैल चुका है। 1 अप्रैल 2020 को दोपहर 12 बजे तक 8 लाख 59 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 42300 से ज्यादा लोगों की मौत चुकी है।
कोरोना वायरस नया नहीं है, बल्कि इससे पहले भी कई बार यह वायरस दुनिया के सामने आ चुका है जिसमें सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) और मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) जैसी बीमारियां शामिल हैं। हालांकि, यह नया कोरोना वायरस जिसे सार्स-सीओवी-2 नाम दिया गया है, वह अब तक दुनियाभर में जंगल की आग की तरह तेजी से फैल चुका है। दुनिया के मजबूत से मजबूत देश और अर्थव्यवस्थाएं भी हर तरह के कठोर कदम उठा रही हैं, ताकि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके।
बेहद संक्रामक बीमारी कोविड-19 की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित देश इटली और स्पेन हैं जहां अब तक दुनिया के बाकी देशों की तुलना में सबसे ज्यादा मौत हो चुकी है। वहीं, अमेरिका में अब तक सबसे ज्यादा कोविड-19 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। अमेरिका में 1 लाख, 80 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जो कि चीन से काफी ज्यादा हैं, जहां से इस बीमारी की शुरुआत हुई थी। इन देशों की तुलना भारत की बात करें तो हमारे देश में अब तक कोविड-19 के पॉजिटिव मामलों की संख्या काफी कम है। लेकिन यह इसलिए भी है, क्योंकि हमारे देश में अब तक काफी कम लोगों की टेस्टिंग हुई है। 30 मार्च 2020 को भारत सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों की मानें तो अब तक भारत में सिर्फ 38 हजार 442 टेस्ट ही हुए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO और भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से कई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि इस बीमारी को भारत में ज्यादा से ज्यादा फैलने से रोका जा सके। इसके लिए लोगों को कहा जा रहा है कि वे दूसरों से दूरी बनाकर रखें, पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखें, नियमित रूप से हाथों को धोते रहें और अगर खुद में फ्लू जैसे लक्षण दिखें तो मास्क जरूर पहनें।
भारत की 130 करोड़ जनसंख्या के बीच इस बीमारी का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन न हो, इसे रोकने के मकसद से ही 25 मार्च 2020 से देशभर में 21 दिनों के लिए संपूर्ण लॉकडाउन कर दिया गया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR की मानें तो कोविड-19 महामारी भारत में इस वक्त स्टेज-2 में है और इस संक्रामक बीमारी को स्टेज 3 जिसे कम्यूनिटी ट्रांसमिशन भी कहते हैं में पहुंचने से रोकने के लिए ही देशभर में लॉकडाउन की घोषणा की गई है, ताकि सभी लोग अपने घरों से बाहर न निकलें।
- सार्स-सीओवी-2 और सतह पर इसका प्रसार
- सार्स-सीओवी-2 वायरस की स्टडी में कई और बातें सामने आयी
- कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए क्या करें?
- और आखिर में
सार्स-सीओवी-2 और सतह पर इसका प्रसार
ये नया कोरोना वायरस जिसे सार्स-सीओवी-2 नाम दिया गया है और जो इंसानों को बड़ी तेजी से संक्रमित कर रहा है के फैलने का एकमात्र जरिया इंसान से इंसान के बीच संपर्क नहीं है। पहले ऐसा माना जा रहा था कि यह वायरस सिर्फ एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ही फैल सकता है। यानी जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता है, छींकता है या बात करता है तो उसके मुंह या नाक से छोटी-छोटी बूंदें बाहर निकलती हैं, जिसमें वायरस होता है और वह उस व्यक्ति के संपर्क में आने वाले स्वस्थ व्यक्तियों को भी संक्रमित कर देता है। इतना ही नहीं अगर कोई व्यक्ति जिसके हाथ में वायरस चिपका हो अगर वह अपने या किसी और के चेहरे को छू दे तो उससे भी वायरस का संक्रमण हो सकता है।
हालांकि, अब इस वायरस के बारे में जो जानकारी सामने आ रही है, उसके मुताबिक सार्स-सीओवी-2 वायरस सतहों पर कई-कई घंटों तक जीवित रह सकता है। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक सर्वे में यह बात कही गई है।
सर्वे में शामिल अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि नया कोरोना वायरस इंफेक्शन कोविड-19 जिस वायरस की वजह से होता है वह एरोसॉल यानी हवा के कणों में करीब 3 घंटे तक, तांबा या इस तरह के दूसरे धातु वाली सतहों पर 4 घंटे तक और कार्डबोड जैसी चीजों पर 24 घंटे तक जीवित रह सकता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि प्लास्टिक या स्टील जैसी सतहों पर यह वायरस 2 से 3 दिन तक एक्टिव रह सकता है, जीवित रह सकता है। अनुसंधानकर्ताओं की इसी खोज से पता चला कि यह वायरस सिर्फ इंसान से इंसान के बीच फैलता है यह बात सच नहीं है।
जिन सतहों पर यह वायरस पूरी तरह से एक्टिव रहता है वे हैं -
- हवा में 3 घंटे तक
- तांबे पर 4 घंटे तक
- कार्डबोर्ड पर 24 घंटे तक
- प्लास्टिक और स्टील पर 2 से 3 दिन तक
सार्स-सीओवी-2 वायरस की स्टडी में कई और बातें सामने आयी
वैज्ञानिकों ने इस नए कोरोना वायरस की लैबोरेटरी कंडिशन में जांच की थी, लेकिन हकीकत की दुनिया में जब परिस्थितियां अलग होती हैं उस दौरान यह वायरस अलग-अलग सतह पर अलग-अलग समय के लिए जीवित रह सकता है। यह स्टडी आपको सिर्फ ये बताने के लिए थी कि यह वायरस कितना मजबूत है कि यह बिना किसी के संपर्क में आए या बिना किसी मेजबान या वाहक के भी इतने घंटों तक जीवित रह सकता है।
इन टेस्ट्स के नतीजों से यही पता चलता है कि अलग-अलग सतहों पर वायरस कितनी देर तक जीवित रह सकता है, साथ ही इस बात की भी जानकारी मिली कि कोई व्यक्ति सिर्फ किसी संक्रमित व्यक्ति के ही नहीं बल्कि किसी संक्रमित सतह के संपर्क में आने की वजह से भी कोविड-19 इंफेक्शन से संक्रमित हो सकता है।
हालांकि, वैज्ञानिकों ने इस नए कोरोना वायरस और इससे पहले हुए इसके रूप परिवर्तन (mutation) जो साल 2002 में सार्स महामारी के नाम से फैला था, में कई समानताएं पायी हैं। लेकिन वैज्ञानिक इस मौजूदा महामारी की वजह से हो रहे नुकसान को लेकर पूरी तरह से घबराए हुए हैं। साल 2002 में हुए सार्स इंफेक्शन की वजह से 2 साल के दौरान दुनियाभर में 8 हजार लोगों की मौत हुई थी, जबकी इस नए वायरस ने महज 3 महीने के अंदर ही सार्स की तुलना में करीब 5 गुना से भी ज्यादा लोगों की जान ले ली है।
वैज्ञानिक इन निरिक्षणों को बेहद अहम मान रहे हैं, क्योंकि इसके जरिए ही उन्हें इस नए वायरस के रूप परिवर्तन को समझने में मदद मिल रही है और आगे की जांच करने में भी इससे मदद मिलेगी। साथ ही वैज्ञानिकों का समुदाय भी इस वक्त पूरी कोशिश कर रहा है कि किसी भी तरह कोविड-19 का इलाज और टीका खोजा जा सके ताकि दुनियाभर में हर दिन संक्रमित हो रहे लोगों की संख्या में कुछ कमी आ सके।
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए क्या करें?
यह कोविड-19 इंफेक्शन जितनी तेजी से फैल रहा है, उससे जुड़ी हर तरह की खोज और जानकारी की मदद से ही वैज्ञानिकों का समुदाय आधारभूत सुरक्षात्मक उपाय खोजने की कोशिश कर रहा है, ताकि लोगों को सुरक्षित रखा जा सके और इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके।
- घर में मौजूद जिन चीजों और सतहों को आप सबसे ज्यादा बार छूते हैं उन्हें वाइप्स, क्लीनिंग स्प्रे या फिर कीटाणुनाशक का इस्तेमाल करते हुए नियमित रूप से साफ करते रहें।
- अपने घर की जमीन, बाथरूम, किचन और कई दूसरी सतहों को भी कीटाणुनाशक का इस्तेमाल कर साफ करते रहें।
- दरवाजे का हैंडल या कुंडी, लैपटॉप, कीबोर्ड, रिमोट कंट्रोल, टेबल, कुर्सी और किचन काउंटर जैसी जगह जिन पर सभी लोगों का हाथ लगता है उन्हें बार-बार छूने से बचें। अगर आप इन्हें छूते हैं तो उसके बाद अपने हाथों को साबुन पानी से साफ कर लें या फिर इन चीजों को भी नियमित रूप से साफ करते रहें।
- जब तक कोई बेहद जरूरी काम न हो घर के बाहर न जाएं। अगर जाना जरूरी हो तो एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर को हमेशा अपने साथ रखें। घर वापस आने के बाद अपने हाथों को साबुन पानी से साफ कर लें।
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने से बचें।
- जब भी खांसी या छींक आए तो अपने चेहरे को टिशू पेपर या फिर अपनी कोहनी से ढक लें। इस्तेमाल किए गए टिशू को दोबारा यूज न करें और तुरंत डस्टबिन में फेंक दें।
- अगर आप बीमार हैं तो घर पर ही रहें और अगर बाहर निकलना जरूरी हो तो अपने मुंह और नाक को मास्क से ढक लें।
और आखिर में
दुनियाभर के ज्यादातर देशों में लॉकडाउन की वजह से वहां रहने वाले लोगों की गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है, जिसकी वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पूरी तरह से अपने घुटनों पर आ गई है। लेकिन ये बेहद कठोर कदम सिर्फ इसीलिए उठाए जा रहे हैं, ताकि इस इंफेक्शन को और फैलने से रोका जा सके और तेजी से बढ़ते मौत के ग्राफ पर अंकुश लगाया जा सके।
भारत जैसा देश जहां की आबादी बेहद सघन है, उनके लिए इस तरह की बीमारी को फैलने से रोकने का प्रयास करना और भी मुश्किल है। ऐसे में संपूर्ण लॉकडाउन सिर्फ एक तरीका है, ताकि इस महामारी को आबादी के एक बड़े हिस्से में फैलने से रोका जा सके। बाहरी सतहों पर यह वायरस कितनी देर तक जीवित रहता है इस बात की खोज से ही पता चलता है कि यह बीमारी दुनिया में कितनी तेजी से फैल रही है। ऐसे में बचाव के तरीकों को अपनाकर ही कोविड-19 से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या को कम किया जा सकता है।
शहर के इन्फेक्टीओलॉजिस्ट खोजें
अलग-अलग सतहों पर कितनी देर जीवित रह सकता है कोरोना वायरस, जानें के डॉक्टर

Dr Rahul Gam
संक्रामक रोग
8 वर्षों का अनुभव

Dr. Arun R
संक्रामक रोग
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Neha Gupta
संक्रामक रोग
16 वर्षों का अनुभव

Dr. Anupama Kumar
संक्रामक रोग
उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें अलग-अलग सतहों पर कितनी देर जीवित रह सकता है कोरोना वायरस, जानें है
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संदर्भ
- Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; How Coronavirus Spreads
- Health Harvard Publishing: Harvard Medical School [Internet]. Harvard University, Cambridge. Massachusetts. USA; Coronavirus Resource Center..
- Van Doremalen et al. Aerosol and Surface Stability of SARS-CoV-2 as Compared with SARS-CoV-1. The New England Journal of Medicine. 2020 Mar 17. [Internet]
- NIH: National Institutes of Health; [Internet]. U.S. Department of Health & Human Services. Bethesda, Maryland, USA. Study suggests new coronavirus may remain on surfaces for days
- NIH: National Institutes of Health; [Internet]. U.S. Department of Health & Human Services. Bethesda, Maryland, USA. New coronavirus stable for hours on surfaces
- World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Modes of transmission of virus causing COVID-19: implications for IPC precaution recommendations