देर रात खाने का वजन पर कोई असर नहीं पड़ता है। एक हालिया अध्ययन के हवाले से वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है। इसके मुताबिक, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आपके खाना खाने की टाइमिंग क्या है। देर रात खाने से भी वजन पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा, बशर्ते आप खा उतनी ही कैलोरी में रहे हों, जितनी की आपको जरूरत है।

शोधकर्ताओं ने अध्ययन में 41 वयस्कों को शामिल किया था। उन्होंने इन लोगों के खानपान पर 12 हफ्तों तक नजर बनाए रखी। प्रतिभागियों को दो समूह में बांट दिया गया। इस दौरान देखा गया कि आधे प्रतिभागी अपनी अधिकतर कैलोरी दोपहर एक बजे खाते थे। बाकी के प्रतिभागी शाम पांच के बाद अधिकतर कैलोरी युक्त खाना लेते थे। पूरे अध्ययन के दौरान सभी प्रतिभागियों का खाना एक समान रूप से हेल्दी और पहले से बना हुआ था।

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स्टडी का अंत आते-आते कई प्रतिभागियों का वजन कम हो गया और उनके (हाई) ब्लड प्रेशर में भी कमी हुई। उनके खाने की टाइमिंग का इन सकारात्मक प्रभावों पर कोई असर नहीं पड़ा था। इससे वैज्ञानिक आश्वस्त हुए कि जल्दी खाने से वेट लॉस की कोशि कोई विशेष एडवांटेज नहीं मिलता है। अध्ययन से जुड़ी एक लेखक और जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीसा मारुथर ने कहा, 'अध्ययन के अंत में दोनों समूह के प्रतिभागियों का वजन कम हो गया और ब्लड प्रेशर में भी कमी हुई। उनके खाने की टाइमिंग का इस पर कोई असर नहीं पड़ा था। इससे पता चलता है कि जल्दी खाने के कोई एडवांटेज नहीं हैं, जो शोधकर्ताओं के लिए हैरान करने वाला था।'

अध्ययन को लेकर जारी की गई प्रेस रिलीज में डॉ. मारुथर कहती हैं, 'हमें लगा था कि जिन लोगों को एक समयसीमा के अंदर खाने को कहा गया ता, उनका वजन ज्यादा कम होगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हमने सभी प्रतिभागियों के वजन कम होने में कोई अंतर नहीं पाया है। चाहे उन्होंने जल्दी खाया हो या देरी से। यहां तक कि उनके ब्लड प्रेशर पर भी इसका कोई असर नहीं देखा गया।'

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हालांकि इससे पहले आए अध्ययनों में यह जरूर कहा गया था कि देर रात खाने का संबंध खराब फूड चॉइस से हो सकता है। सितंबर में आए एक अध्ययन में बताया गया था कि देर रात खाना खाने की आदत ज्यादा प्रोसेस्ड फूड कन्ज्यूम करने से जुड़ी हो सकती है, जिससे ओवरऑल कैलोरी में बढ़ोतरी होती है। ऐसे समय में स्नैक खाने की प्रवृत्ति में अल्कोहल का सेवन भी शामिल रहने की संभावना होती है और इसके काफी सबूत हैं कि नशा करने वाले लोगों में अनहेल्दी स्नैक्स और ज्यादा खाने की आदत होती है। लेकिन नया अध्ययन कहता है कि ऐसा कोई कारण नहीं है, जो बताता हो कि अनहेल्दी रहने का देर रात खाने से बुनियादी संबंध है। वहीं, जब बात वजन कम करने की आती है तो कैलोरी की मात्रा ही मायने रखती है, न कि खाने की टाइमिंग।

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डॉ. मारुथर कहती हैं, 'हम इसे लेकर काफी समय से चिंतित रहे हैं कि क्या दिनभर खाने से शरीर के खाने को इस्तेमाल करने और ऊर्जा को स्टोर करने के तरीके पर असर पड़ता है। ज्यादातर अध्ययनों में कैलोरी नंबर को कंट्रोल नहीं किया गया है। इसलिए यह साफ नहीं हो सका कि क्या जल्दी खाने वाले लोग कम कैलोरी खाते हैं। इस अध्ययन में हमने केवल खाने की टाइमिंग ही बदली (न कि कैलोरी काउंट)।' डॉ. मारुथर के दावे और अध्ययन के परिणामों को इस महीने मेडिकल जर्नल अमेरिकन हार्ड एसोसिएशन्स साइंटिफिक के नए संस्करण में प्रकाशित किया जाएगा।

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