रेट सिंड्रोम क्या है?

रेट सिंड्रोम (आरटीटी) तंत्रिका तंत्र का एक दुर्लभ विकार है, जो कि ज्यादातर लड़कियों को प्रभावित करता है। इस बीमारी की वजह से बच्चों में विकास संबंधी समस्याएं होती हैं। ये स्थिति लैंग्वेज स्किल्स (बोलने, सुनने, पढ़ने और लिखने की क्षमता) और हाथ को इस्तेमाल करने की क्षमता को प्रभावित करती है।

इस बीमारी के लक्षण आमतौर पर दो साल की उम्र में दिखाई देते हैं। हालांकि, इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन शुरुआत में ही इस बीमारी की पहचान व उपचार से प्रभावित बच्चे की मदद की जा सकती है। कुछ समय पहले तक इसे ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर का हिस्सा माना जाता था, लेकिन अब यह पता चल चुका है कि यह स्थिति ज्यादातर जेनेटिक होती है।

रेट सिंड्रोम के लक्षण

  • सांस लेने में तकलीफ, यह स्थिति तनाव होने पर और खराब हो सकती है
  • विकास में देरी या कोई बदलाव
  • अत्यधिक लार आना 
  • बांह और टांग की मांसपेशियों की त्वचा लटकना, जो अक्सर इस बीमारी का पहला संकेत होता है
  • बौद्धिक क्षमता में कमी और सीखने में कठिनाई आना
  • रीढ़ की हड्डी में टेढ़ापन
  • पैर की अंगुली के बल चलना 
  • 5 से 6 महीने की उम्र में सिर का विकास धीमा होना
  • नींद के नॉर्मल पैटर्न में दिक्कत (एक ही समय पर सोने का समय)
  • हाथों से जुड़ी गतिविधियों में दिक्कत होना
  • लोगों से बात न कर पाना
  • गंभीर रूप से कब्ज होना 
  • लैंग्वेज से संबंधित समस्याएं 

रेट सिंड्रोम का कारण

रेट सिंड्रोम एक दुर्लभ अनुवांशिक विकार है जो कि विशेष जेनेटिक गड़बड़ी के कारण होता है। आमतौर पर यह समस्या एमईसीपी2 नामक जीन में गड़बड़ी की वजह से होती है।

एमईसीपी2 जीन एक विशेष प्रोटीन (एमईसीपी2) के उत्पादन के लिए जिम्मेदार होता है। यह प्रोटीन मस्तिष्क के विकास के लिए जरूरी होता है। इस जीन में गड़बड़ी आने पर मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाएं ठीक तरह से काम नहीं कर पाती हैं। 

केवल कुछ मामलों में यह आनुवांशिक विकार परिवार में किसी सदस्य के इस बीमारी से ग्रस्त होने के कारण होता है। हालांकि, इस बीमारी के सटीक कारण का पता नहीं चल पाया है और अभी भी इस विषय पर अध्ययन किया जा रहा है।

रेट सिंड्रोम का इलाज

इस बीमारी का अब तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है, लेकिन ऐसे उपचार उपलब्ध हैं जो इसके लक्षणों में सुधार कर सकते हैं। प्रभावित बच्चों को जीवनभर इन उपचारों को लेना चाहिए। रेट सिंड्रोम के इलाज के लिए निम्न विकल्प उपलब्ध हैं:

  • स्टैंडर्ड मेडिकल केयर व दवाइयां (एक निश्चित प्रकार की बीमारी के लिए डॉक्टर द्वारा उचित उपचार के रूप में दिया जाने वाला इलाज)
  • फिजियोथेरेपी जिसका उद्देश्य शरीर की अधिकतम कार्य क्षमता को विकसित करना, जीवन भर कायम रखना और सुधारना है।
  • स्पीच थेरेपी (किसी भाषा को समझने और व्यक्त करने की चिकित्सा)
  • पोषण
  • बिहेवियरल थेरेपी (अनुचित व्यवहार को पहचानने और ठीक करने में मदद करने वाली थेरेपी)

विशेषज्ञों का मानना है कि रेट सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों व उनके माता-पिता को थेरेपी से मदद मिल सकती है। कुछ बच्चे स्कूल जाने और लोगों से बात करने में सक्षम हो सकते हैं।

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