Baidyanath Sariwadi Bati

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    • मुफ्त शिपिंग उपलब्ध
       
    • मूल का देश: India

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    Baidyanath Sariwadi Bati की जानकारी

    Baidyanath Sarivadi Vati बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः कान के रोग के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा Baidyanath Sarivadi Vati का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Baidyanath Sarivadi Vati के मुख्य घटक हैं अनंतमूल, नगकेसरा, दालचीनी, कुमुद, इलायची, त्रिफला, अभ्रक भस्म, लौह भस्म, मकोई, प्रियांगू जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Baidyanath Sarivadi Vati की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।  

    Baidyanath Sariwadi Bati की सामग्री - Baidyanath Sariwadi Bati (80) Active Ingredients in Hindi

    अनंतमूल
    • दवाएं जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करके डायबिटीज का इलाज करती हैं।
    • दवाएं जो शरीर के तापमान को कम करके बुखार का इलाज करती हैं।
    • ऐसे घटक जो हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाते हैं और एनीमिया का इलाज करते हैं।
    कुश्ता
    नागकेसर
    • दवाइयां जो बिना बेहोशी के दर्द को कम करती हैं।
    • अस्थमा के लक्षणों को ठीक करने वाली दवाएं।
    • ये दवाएं ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करती हैं।
    • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • दवाएं जो शरीर के तापमान को कम करके बुखार का इलाज करती हैं।
    • बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने और उन्हें मारने वाली दवाएं।
    दालचीनी
    • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • वो तत्व जो जीवित कोशिकाओं में मुक्त कणों के ऑक्सीकरण के प्रभाव को रोकता है।
    • क्रीम या घोल के रूप में माइक्रोबियल विकास को रोकने वाले घटक।
    • कामेच्छा को बढ़ाने के लिए उपयोगी एजेंट।
    • सूक्ष्म जीवों को खत्म करने और उन्हें बढ़ने से रोकने वाले तत्व।
    महुआ
    • दवाइयां जो बिना बेहोशी के दर्द को कम करती हैं।
    • ब्‍लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए इस्‍तेमाल होने वाली दवाएं।
    • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
    • वे दवाएं जो बुखार के दौरान शरीर के तापमान को कम करने में मदद करती हैं।
    • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
    • वे दवाएं जो लिवर को संक्रमण से बचाने और उसे बेहतर तरीके से कार्य करने में मदद करती हैं।
    कुमुद
    • ये दवाएं ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करती हैं।
    • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
    • बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने या खत्म करने वाले पदार्थ।
    इलायची
    • बुखार के उपचार में उपयोग किए जाने वाले एजेंट।
    • वे एजेंट्स जो सूक्ष्‍म जीवों को नष्‍ट या उनके कार्य को रोक कर माइक्रोबियल रेप्लिका (सूक्ष्‍म जीवों की प्रतिकृति) और इसको बढ़ने से बचाते हैं।
    त्रिफला
    • होमियोस्टैसिस (किसी अंग या प्रणाली के असामान्य कार्य को ठीक करने के लिए शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया) को बनाए रखने और तनाव की स्थिति में शारीरिक क्रियाओं को नियंत्रित करने वाले बायोएक्टिव तत्‍व।
    • दर्द को कम करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं या एजेंट।
    • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • वे दवाएं जो बुखार के दौरान शरीर के तापमान को कम करने में मदद करती हैं।
    • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
    • दवाएं जो शुगर के दौरन होने वाले ब्लड शुगर को नियंत्रित करती हैं।
    • ये दवाएं हाई ब्लड प्रेशर का इलाज करती हैं।
    अभ्रक भस्म
    • वह एजेंट या दवा जो ब्‍लड शुगर लेवल को नियंत्रित कर डायबिटीज़ से बचने या इसके इलाज में इस्तेमाल की जाती है।
    • कार्डिएक उत्‍पादन (ह्रदय से रक्‍त वाहिकाओं में रक्‍त प्रवाह का बेहतर होना) और कार्डिएक के कार्य को बेहतर करने वाले घटक।
    • लिवर के कार्य को बढ़ाने और उसे हुए नुकसान को कम करने वाले पदार्थ।
    • शरीर को पोषण प्रदान करने वाले तत्व।
    • ऐसे घटक जो हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाते हैं और एनीमिया का इलाज करते हैं।
    लौह भस्म
    • वो दवा जो खून बनाने के लिए उत्तेजित करती है और इसका उपयोग एनीमिया के उपचार में किया जाता है।
    • बैक्‍टीरिया को बढ़ने से रोकने वाली दवाएं।
    मकोय (काकमाची)
    • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
    • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
    प्रियांगू
    • ये दवाएं ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करती हैं।
    • दवाएं जो शरीर के तापमान को कम करके बुखार का इलाज करती हैं।
    • वो तत्व जो वालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में हैं) और इनवालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में नहीं हैं) मांसपेशियों की ऐंठन व दर्द के इलाज में इस्तेमाल किये जाते हैं।

    Baidyanath Sariwadi Bati के लाभ - Baidyanath Sariwadi Bati (80) Benefits in Hindi

    Baidyanath Sariwadi Bati इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -

    अन्य लाभ



    Baidyanath Sariwadi Bati की खुराक - Baidyanath Sariwadi Bati (80) Dosage in Hindi

    यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Baidyanath Sariwadi Bati की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Baidyanath Sariwadi Bati की खुराक अलग हो सकती है।

    आयु वर्ग खुराक
    व्यस्क
    • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
    • खाने के बाद या पहले: कभी भी दवा ले सकते हैं
    • अधिकतम मात्रा: 2 टैबलेट
    • लेने का तरीका: दूध
    • दवा का प्रकार: टैबलेट
    • दवा लेने का माध्यम: मुँह
    • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार
    • दवा लेने की अवधि: 3 महीने
    बुजुर्ग
    • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
    • खाने के बाद या पहले: कभी भी दवा ले सकते हैं
    • अधिकतम मात्रा: 2 टैबलेट
    • लेने का तरीका: दूध
    • दवा का प्रकार: टैबलेट
    • दवा लेने का माध्यम: मुँह
    • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार
    • दवा लेने की अवधि: 3 महीने


    Baidyanath Sariwadi Bati के नुकसान, दुष्प्रभाव और साइड इफेक्ट्स - Baidyanath Sariwadi Bati Side Effects in Hindi

    चिकित्सा साहित्य में Baidyanath Sariwadi Bati के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Baidyanath Sariwadi Bati का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।


    इस जानकारी के लेखक है -

    Dr. Braj Bhushan Ojha

    BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
    10 वर्षों का अनुभव


    संदर्भ

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 105 - 106

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No - 125 - 126

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 151 - 152

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999 : Page No 109 - 110

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 36-37

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume- IV. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No 54-56

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 70-73

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 151-152

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 4. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No 111-112