बांझपन ऐसा विषय है, जिसके बारे में लोग खुलासा करने से डरते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि समाज उनके स्त्रीत्व पर संदेह करेगा और सवाल उठाएगा। इसके कारण कई जोड़े इस समस्या के बारे में बात करने में संकोच करते हैं और 2-3 वर्षों तक इंतजार करते हैं। जब समय उनकी स्थिति को सही करने में असमर्थ हो जाता है, तो वे आखिरकार डॉक्टर से सलाह लेते हैं।

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इस समस्या में आप शुरुआती अवधि के दौरान घरेलू उपचार की कोशिश कर सकते हैं जो न केवल प्राकृतिक हैं बल्कि काफी सरल भी हैं। लेकिन याद रखिए इनफर्टिलिटी एक गंभीर समस्या है। इसके लिए आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। आप जितनी देर करेंगे, स्थिति उतनी ही खराब होती जाएगी। इसलिए जितना जल्दी हो आप उपचार शुरू करें। आप कुछ सरल घरेलू और आयुर्वेदिक उपायों का पालन करके उपचार प्रक्रिया को और तेज़ कर सकते हैं।

आज इस लेख में आप जानेंगे कि इनफर्टिलिटी से छुटकारा पाने के कौन-कौन से घरेलू उपाय फायदेमंद हाे सकते हैं -

  1. बांझपन दूर करने का उपाय है दालचीनी - Banjhpan ko dur karne ka upay hai cinnamon in hindi
  2. फर्टिलिटी बढ़ाने का उपाय है अनार - Fertility badhane ke tarike me kare pomegranate ka upyog in hindi
  3. प्रजनन क्षमता बढ़ाएं तिल के तेल से - Fertility badhane ke liye kare sesame oil ka upyog in hindi
  4. महिला बांझपन का उपाय है बरगद - Fertility badhane ka gharelu upay hai banyan tree in hindi
  5. बांझपन को दूर करने के घरेलू नुस्खे में करे कापीकच्चू का उपयोग - Banjhpan ko dur karne ke gharelu nuskhe kare kapikachhu se in hindi
  6. बांझपन दूर करने का उपाय है अश्वगंधा चूर्ण - Infertility ka upay hai ashwagandha powder in hindi
  7. प्रजनन क्षमता में वृद्धि करता है गोखरू - Fertility ko badhane ka upay hai gokshura in hindi
  8. महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ाने का तरीका है शतावरी - Female infertility badhane ka upay hai shatavari in hindi
  9. बांझपन दूर करे लोध्रा से - Infertility dur karne ke upay kare lodhra se in hindi
  10. बांझपन के घरेलू उपाय में करे अशोक का उपयोग - Banjhpan ko dur karne ka upay hai ashoka in hindi
  11. सारांश
बांझपन के घरेलू उपाय के डॉक्टर

पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम सबसे आम हार्मोनल विकार है जिसमें अंडाशय (महिलाएं) या वृषण (पुरुषों में) संतुलन से बाहर हो जाते हैं और प्रजनन अंगों के कार्य में बाधा डालते हैं। मासिक धर्म के दौरान यह अत्यधिक रक्तस्राव का भी कारण बनते हैं। दालचीनी का इस्तेमाल मासिक धर्म चक्र को नियमित करने के लिए महिलाओं द्वारा किया जाता है।

दालचीनी न केवल हार्मोनल विकार का इलाज करती है बल्कि महिलाओं को गर्भधारण करने में मदद करती है। इसके लिए आप एक कप गर्म पानी में एक चम्मच दालचीनी पाउडर को मिलाकर प्रतिदिन इसका सेवन करें। आप चाहें तो स्वाद के लिए शहद भी मिला सकते हैं। या फिर आप अपने भोजन के रूप में भी इसका सेवन कर सकते हैं। याद रखें, इस पाउडर का प्रतिदिन 2 चम्मच से अधिक सेवन नहीं करें।

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अनार पोषक और औषधीय गुणों से भरा हुआ है। यह महिलाओं के बांझपन के लिए एक शक्तिशाली घरेलू उपचार के रूप में उपयोग किया जाता है। बांझपन में इसकी प्रभावकारिता की मात्रा इस तथ्य से प्रमाणित होती है कि प्राचीन पर्शिया (Persia) में अनार प्रजनन के प्रतीक के रूप में देखा जाता था।

अनार का सेवन उस क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को बढ़ाकर गर्भाशय को पोषण देता है और गर्भाशय के स्तर को मोटा बनाता है और भ्रूण को पोषण करने के लिए पर्याप्त शक्ति प्रदान करता है। इसके लिए आप प्रतिदिन ताजा अनार खा सकते हैं या प्रतिदिन दो बार एक कप अनार का जूस पी सकते हैं। लेकिन इसके अधिक सेवन से बचें। अनार पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने और प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए भी उपयोगी है।

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तिल का तेल ओवुलेशन (ovulation) में बहुत लाभदायक है। प्रतिदिन तिल के तेल को गर्म करके पेट की मालिश करने से गर्भाशय में ऑक्सीजन के प्रवाह में सुधार होता है और महिलाओं को अधिक उपजाऊ बनने में मदद मिलती है। अच्छे परिणाम के लिए मालिश के बाद स्नान करना चाहिए। वीर्य की मात्रा बढ़ाने और शुक्राणुओं की गुणवत्ता और गतिशीलता बढ़ाने के लिए भी तिल का सेवन प्रभावी होता है।

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बांझपन से लड़ने के लिए बरगद के पेड़ की छाल का पाउडर आयुर्वेद में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। यह प्रजनन अंगों के विकारों को ठीक करता है और प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है। बरगद के पेड़ की छाल को अच्छी तरह से पीसकर दो चम्मच पाउडर को गर्म दूध या पानी में डाल कर लें। आप स्वाद के लिए चीनी मिला सकते हैं। अच्छे लाभ के लिए आप सुबह खाली पेट लगभग 6 महीनों के लिए इसका सेवन करें। मासिक धर्म के समय इसका सेवन नहीं करें।

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कपिकच्छु शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करता है। पुरुषों की वीर्य मात्रा को बढ़ाने के अलावा यह पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है। यह कामोत्तेजक के रूप में कार्य करता है और पुरुषों में कामेच्छा स्तर को बढ़ा कर यौन इच्छा बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा यह पुरुषों के प्रजनन अंग के निर्माण (men’s erection) से संबंधित समस्याओं के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। पुरुषों के स्वास्थ्य में इसकी बहुमुखी प्रतिभा के कारण, पुरुषों में बांझपन का इलाज करने के लिए आयुर्वेद में इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। कपिकच्छु बीज के पाउडर को 250-500 मिलीग्राम प्रतिदिन भोजन के बाद दो बार लें। 

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अल्पजननग्रंथिता (Hypogonadism) बांझपन के प्रमुख कारणों में से एक है। इस स्थिति में पुरुष का टेस्टेस (testes) ठीक से काम नहीं करता और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के बनने को रोकता है। अश्वगंधा एक बहुत ही लोकप्रिय आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। यह उन मनुष्यों के लिए बहुत अच्छी है जो इस विकार से ग्रसित हैँ। यह शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाती है और इसकी गुणवत्ता और गतिशीलता में सुधार करती है।

व्यापक रूप से एक प्राकृतिक अनुकूलन (adaptogen) के रूप में प्रयोग की जाती है और तनाव से राहत दिलाने में मदद करती है। यह महिला बांझपन में भी उपयोगी है। आप रोजाना 5 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को गर्म दूध के साथ ले सकते हैं। आप चाहें तो इसकी खुराक को प्रतिदिन कई बार में भी ले सकते हैं। 

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गोखरू एक प्रभावी कामोद्दीपक (Aphrodisiac) के रूप में कार्य करता है और शरीर में कामेच्छा (सेक्स की इच्छा) के स्तर को बढ़ाता है। यह वीर्य (semen) की मात्रा को बढ़ाने और इसकी गुणवत्ता में भी सुधार लाने में बहुत फायदेमंद है। यह यौन अंग में रक्त-प्रवाह को बेहतर बनाता है और टेस्टोस्टेरोन (testosterone) के स्तर को जागृत करने में मदद करता है।

सिंथेटिक दवाओं के विपरीत यह शरीर में हार्मोन के प्राकृतिक उत्पादन को उत्तेजित करता है और बेहतर सेक्स जीवन को प्राप्त करने में मदद करता है। इसका सेवन बांझपन जैसे यौन विकार में मदद करता है। इसके लिए आप गोक्षुरा चूर्ण के 200-300 मिलीग्राम का रोज 2-3 महीने तक सेवन करें।

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शतावरी महिलाओं के लिए एक अच्छा यौन (sexual) टॉनिक है। यह महिलाओं के बांझपन के लिए सर्वश्रेष्ठ जड़ी-बूटियों में से एक माना जाता है। शतावरी का 'शुक्र धरू' या प्रजनन के ऊतकों के स्वास्थ्य पर बहुत सकारात्मक प्रभाव दिखता है। इसलिए इसका उपयोग गर्भधारण करने के तरीके को आसान बनाने में सहायक है।

यह महिलाओं के अंडाणु को पोषण करके उनकी यौन इच्छा और प्रजनन क्षमता में सुधार करता है। यह एस्ट्रोजन (estrogen) हार्मोन उत्पादन को बढ़ाता है और मासिक धर्म को नियंत्रित करता है। यह एक अच्छा प्राकृतिक अनुकूलन (adaptogen) भी है जो तनाव को काम करता है जो महिलाओं के बांझपन का कारण हो सकता है। शतावरी पाउडर को 1-2 ग्राम प्रतिदिन दो बार लें। 

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गर्भाशय से सम्बंधित विकारों या अंडा उत्पादन की समस्या के कारण महिलाओं में बांझपन की समस्या होती है। इसलिए महिलाओं को बांझपन की समस्या से छुटकारा दिलाने में लोध्रा (Lodhra) का उपयोग किया जाता है। यह मासिक धर्म चक्र के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव को रोकता है और प्रजनन हार्मोन के उत्पादन को बढाता है। यह लगभग सभी प्रकार के योनि संक्रमण को ठीक करता है और इसके स्वास्थ्य को बढ़ाता है। यह अंडाशय को पोषण देता है और गर्भ धारण करने की संभावना को बढ़ाता है। इसके लिए लोध्रा की छाल को अच्छी तरह से पीसकर 1-3 ग्राम रोजाना लें।

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अशोक महिला प्रजनन अंगों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी जड़ी बूटी है। यह केवल बांझपन की ही समस्या में मदद नहीं करता है, बल्कि यह मासिक धर्म की समस्याओं और ल्यूकोरिया (leucorrhoea) के लिए भी बहुत अच्छा है। यह अंडाणु को पोषित करता है और उसे उपजाऊ (fertile) बनने में मदद करता है।

यह व्यापक रूप से गर्भाशय या गर्भ की आंतरिक रेखा को पोषण देता है और गर्भाशय को गर्भधारण के लिए स्वस्थ बनाता है। यह अत्यधिक रक्तस्राव को रोकता है और मासिक धर्म संबंधी समस्याओं के कारण बांझपन की समस्या से महिलाओं को छुटकारा दिलाने में मदद करता है। इस जड़ी-बूटी का अच्छे से पाउडर बनाएं और प्रतिदिन नाश्ते और रात के खाने से एक घंटे पहले एक चम्मच गाय के दूध के साथ इसका सेवन करें। 

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बांझपन की समस्या किसी भी महिला को हो सकती है। इसे छुपाने से बेहतर है कि इस बारे में खुलकर बात की जाए, क्योंकि सही उपचार मिलने से इस समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में कुछ काम के घरेलू उपाय हैं, जो इस समस्या को कम कर सकते हैं और महिला की प्रजनन क्षमता को बढ़ाकर गर्भवती होने में मदद कर सकते हैं। बांझपन की अवस्था में लोध्रा, गोखरु व शतावरी आदि का उपयोग करने से फायदा हो सकता है।

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