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अमेरिका में किडनी के मरीजों के इलाज के लिए घर में ही डायलिसिस करने से जुड़े एक कार्यक्रम के फायदे सामने आने लगे हैं। इस कार्यक्रम का नाम मेडिकेयर है, जिसे अमेरिका के सोशल सिक्यॉरिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने 1966 में शुरू किया था। अब इसका संचालन अमेरिकी सरकार की एक एजेंसी सेंटर्स फॉर मेडिकेयर एंड मेडिकेड सर्विसेज द्वारा किया जाता है। मेडिकेयर के तहत किडनी की परेशानी से जूझ रहे लोग अब होम डायलिसिस का विकल्प चुन रहे हैं, जिससे उन्हें हर हफ्ते तीन बार खून साफ कराने के लिए अस्पताल या केयर सेंटर नहीं जाना पड़ता। कार्यक्रम के तहत दी जाने वाली ट्रेनिंग के कुछ समय बाद पीड़ित का परिवार ही उसका पेरिटोनियल डायलिसिस करने के लिए अच्छे से प्रशिक्षित हो जाता है। अमेरिकी अखबार दि न्यूयॉर्क टाइम्स (एनवाईटी) ने बताया है कि कैसे अमेरिका में मेडिकेयर प्रोग्राम की मदद से लोग घर में ही डायलिसिस करवा पा रहे हैं और अब उन्हें हर हफ्ते अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ रही।

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अमेरिका के नॉर्थ कैरोलाइना स्थित चैपल हिल इलाके की रहने वाली मैरी प्रोचास्का एडवांस क्रॉनिक किडनी डिजीज से पीड़ित हैं। 73 साल की मैरी को अभी भी किडनी ट्रांसप्लांट होने का इंतजार है। तब तक वे अपने शरीर के रक्त को साफ रखने के लिए डायलिसिस पर निर्भर हैं। हालांकि इसके लिए उन्होंने हर हफ्ते अस्पताल जाना बंद कर दिया है। वे घर पर ही पेरिटोनियल डायलिसिस करवाती हैं, जिसके लिए उन्हें कुछ हफ्तों की ट्रेनिंग दी गई थी। इसमें उनके पति उनकी मदद करते हैं। एक सर्जन ने मैरी के पेट के साइड में एक ट्यूब लगा दी थी, जिसके बाद उनके पेट की परत ही फिल्टर की तरह काम करती है।

एनवाईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेनिंग और सर्जरी के बाद मैरी ने डायलिसिस के लिए एक मशीन मंगवाई थी, जिसे साइकलर कहा जाता है। यह मशीन रक्त से अतिरिक्त तरल पदार्थों और गंदगी को निकालने का काम करती है। होम डायलिसिस को मुमकिन बनाने वाली इस मशीन के बारे में बताते हुए मैरी कहती हैं, 'रात में सोते समय यह मशीन अपनेआप पांच बार पंपिंग इन और पंपिंग आउट का काम करती है। जब आप सोकर उठते हैं, तब तक काम पूरा हो जाता है। ऐसा लगता है आप एक सामान्य जीवन ही जी रहे हैं।' मैरी ने एनवाईटी को बताया है कि इस प्रोसेस के चलते अभी तक उन्हें केवल एक साइड इफेक्ट झेलना पड़ा है। उनकी मानें तो वे अक्सर थकान महसूस करती हैं, जिसके चलते कभी-कभी उन्होंने दोपहर में आराम करना पड़ता है।

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बहरहाल, अमेरिका में ट्रूब्लू लॉजिस्टिक्स नाम की एक कंपनी है, जो पेरिटोनियल डायलिसिस में इस्तेमाल होने वाले सलूशन के खोल, ट्यूब और अन्य प्रकार की चीजें सप्लाई करती है। इन सामानों की लागत का खर्च मेडिकेयर द्वारा कवर किया जाता है, जो अस्पताल में होने वाले डायलिसिस से सस्ते माने जाते हैं। मेडिकेयर प्रोग्राम के तहत अमेरिका में क्रॉनिक किडनी डिजीज का इलाज कराने वाले लाभार्थियों की संख्या बढ़ रही है। इनमें ज्यादातर मरीज बुजुर्ग आयु के हैं। डायलिसिस कराने वाले ज्यादातर मरीजों की उम्र 65 साल बताई जाती है। उधर, स्वास्थ्य मामलों के कई जानकार और नेफ्रोलॉजिस्ट ऐसे मरीजों को होम डायलिसिस के लिए प्रोत्साहित करते हैं। हालांकि साल 2017 में बहुत कम लोगों को मैरी प्रोचास्का की तरह पेरिटोनियल डायलिसिस का फायदा मिल सका था।

इसके मद्देनजर और अमेरिकी हेल्थ सिस्टम में बदलाव के लिए मेडिकेयर ने होम डायलिसिस को अनिवार्य कार्यक्रम करार दिया। इसकी वजह से होम डायलिसिस का लाभ लेने वाले एडवांस क्रॉनिक किडनी डिजीज वाले लाभार्थियों की दर 30 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो 2017 में 10 प्रतिशत ही थी। प्रोग्राम के तहत आगामी एक जनवरी से पेमेंट बोनस और बाद में पेनल्टी लगाने जैसी व्यवस्था भी की जाएगी ताकि होम डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के लाभार्थियों की संख्या में और इजाफा किया जा सके। स्थानीय मेडिकल विशेषज्ञों ने इसे 1972 के बाद से किडनी के मरीजों के लिए सबसे अच्छा बदलाव करार दिया है।

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