सर्जरी की जानकारी के लिए फॉर्म भरें।
हम 48 घंटों के भीतर आपसे संपर्क करेंगे।
  1. परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी क्या होता है? - PCNL surgery kya hai in hindi?
  2. परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी क्यों की जाती है? - PCNL surgery kab ki jati hai?
  3. परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी होने से पहले की तैयारी - PCNL operation ki taiyari
  4. परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी कैसे किया जाता है? - PCNL surgery ka procedure kya hai?
  5. परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी के बाद देखभाल - PCNL surgery hone ke baad dekhbhal
  6. परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी की जटिलताएं - Percutaneous Nephrolithotomy (PCNL) me jatiltaye

परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (Percutaneous Nephrolithotomy, PCNL) मरीज की पीठ में बनाये गए एक ट्रैक के माध्यम से गुर्दे में डाले गए नेफ़्रोस्कोप (Nephroscope के माध्यम से रोगी के मूत्र पथ से मध्यम या बड़े आकार के गुर्दे के स्टोन या गुर्दे की पथरी को हटाने की एक प्रक्रिया है। PCNL को पहली बार 1973 में स्वीडन में एक कम चीरकर या काटकर की जाने वाली प्रक्रिया (Minimally Invasive Procedure) के रूप में किया था।

(और पढ़ें - गुर्दे की पथरी की दवा)

"परक्यूटेनियस" शब्द का अर्थ है कि प्रक्रिया त्वचा के माध्यम से की जाती है। नेफ्रोलिथोटॉमी एक यूनानी शब्द है जिसका मतलब है "गुर्दा" और "काटकर स्टोन को निकालना"।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Manamrit Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को तनाव, चिंता और अनिद्रा जैसी समस्याओं में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Brahmi Tablets
₹899  ₹999  10% छूट
खरीदें

इस प्रक्रिया का उपयोग गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए किया जा सकता है जो:

  • व्यास (Diameter) में 2 cm (0.8 इंच) से बड़ी हो। 
  • आकार में बड़ी हो और संक्रमण (Staghorn Calculi) के कारण हुई है। 
  • गुर्दे से मूत्र के प्रवाह को बाहर निकलने में अवरोध उत्पन्न कर रही हो। 
  • एक्स्ट्राकोर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (Extracorporeal Shock Wave Lithotripsy, ESWL) द्वारा ब्रेक (टूट) नहीं पा रही हो। 

सर्जरी की तैयारी के लिए आपको निम्न कुछ बातों का ध्यान रखना होगा और जैसा आपका डॉक्टर कहे उन सभी सलाहों का पालन करना होगा: 

  • सर्जरी से पहले किये जाने वाले टेस्ट्स/ जांच (Tests Before Surgery)
  • सर्जरी से पहले एनेस्थीसिया की जांच (Anesthesia Testing Before Surgery)
  • सर्जरी की योजना (Surgery Planning)
  • सर्जरी से पहले निर्धारित की गयी दवाइयाँ (Medication Before Surgery)
  • सर्जरी से पहले फास्टिंग खाली पेट रहना (Fasting Before Surgery)
  • सर्जरी का दिन (Day Of Surgery)
  • सामान्य सलाह (General Advice Before Surgery)
  • ध्यान देने योग्य अन्य बातें (Other Things To Be Kept In Mind Before Surgery)
    • प्रक्रिया से पहले, आपके चयापचय परीक्षण (Metabloic Tests) किये जा सकते हैं।
    • ऑपरेशन से पहले, 24 घंटों के लिए मरीज को केवल तरल पदार्थ (चिकन या बीफ़ का सूप/ शोरबा, फलों का जूस) का सेवन करने के लिए कहा जाता है।
    • प्रक्रिया से पहले, आधी रात के बाद कुछ खाना या पीना नहीं होता। 

इन सभी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लिंक पर जाएँ - सर्जरी से पहले की तैयारी

अनिद्रा से छुटकारा पाने और अच्छी नींद के लिए Melatonin Sleep Support Tablets का उपयोग करें -
Sleeping Tablets
₹499  ₹549  9% छूट
खरीदें

स्टैंडर्ड परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (Standard PCNL)

स्टैंडर्ड परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी को आमतौर पर पूरा करने में लगभग तीन से चार घंटे लगते हैं। रोगी को एनेस्थीसिया देने के बाद, सर्जन रोगी की पीठ पर प्रभावित गुर्दे के ऊपर एक छोटा चीरा काटता है, जो लम्बाई में लगभग 0.5 इंच (1.3 सेंटीमीटर) का होता है। उसके बाद सर्जन त्वचा से गुर्दे की ओर एक ट्रैक बनाता है और टेफ्लॉन डाइलेटर (Teflon Dilator) या किसी अन्य उपकरण की मदद से ट्रैक को बड़ा करते हैं। आखिरी डाइलेटर के साथ एक म्यान (Sheath) की मदद से ट्रैक को खुला रखा जाता है।

ट्रैक को बड़ा करने के बाद, सर्जन एक नेफ्रोस्कोप (Nephroscope) डालते हैं। नेफ्रोस्कोप एक उपकरण है जिसमें एक फाइबर ऑप्टिक लाइट का स्रोत होता है और दो अतिरिक्त चैनल्स होते हैं जिनसे गुर्दे के अंदर देखा और उसे इर्रिगेट (धोया; Irrigate) किया जाता है। सर्जन छोटे स्टोन या पथरी को निकालने के लिए एक ऐसे उपकरण का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जिसके एक छोर पर एक टोकरी या बास्केट लगी होती है जिससे पथरी को पकड़ा जा सके। बड़े स्टोन या पथरी को अल्ट्रासोनिक या विद्युत हाइड्रोलिक प्रोब (Ultrasonic or Electro Hydraulic Probe) , या हॉल्मियम लेज़र लिथोट्रिप्टर (Holmium Laser Lithotriptor) से ब्रेक (तोड़ा) जाता है। हॉल्मियम लेज़र का यह फायदा होता है कि इसे हर प्रकार की पथरी में प्रयोग किया जा सकता है।

मूत्राशय से मूत्र प्रणाली को खाली करने के लिए एक कैथेटर (Cathetar) लगाया जाता है और चीरे में एक नेफ्रोस्टोमी ट्यूब (Nephrostomy Tube) लगायी जाती है जिससे गुर्दे से द्रव को ड्रेनेज बैग में निकाला जा सके। कैथेटर को 24 घंटों में हटाया जा सकता है।

मिनी-परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (Mini-Percutaneous Nephrolithotomy, MPCNL)

यह परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी की एक नयी प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया एक छोटे नेफ्रोस्कोप से की जाती है। यह प्रक्रिया 99% बार पथरी (जो आकर में 1-2.5 cm तक हों) हटाने में प्रभावशाली सिद्ध हुई है। हालांकि यह बड़े स्टोन्स और पथरी के लिए प्रयोग नहीं की जा सकती। इस प्रक्रिया में कम जटिलताएं होती हैं, सर्जरी का समय कम होता है (लगभग एक से डेढ़ घंटे) और रिकवरी में भी कम समय लगता है।

स्टैंडर्ड परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी के बाद पांच से छह दिनों के लिए अस्पताल में रहने की आवश्यकता होती है। प्रक्रिया के बाद भी कहीं कोई स्टोन या उसके टुकड़े रह तो नहीं गए इसकी जांच करने के लिए यूरोलॉजिस्ट अतिरिक्त इमेजिंग अध्ययन करने के लिए कह सकते हैं। इन्हें ज़रुरत पड़ने पर नेफ्रोस्कोप से हटाया जा सकता है। नेफ्रोस्टोमी ट्यूब को हटा दिया जाता है और चीरे को पट्टियों से ढक दिया जाता है। मरीज़ को घर में पट्टियां बदलने के लिए निर्देश दिए जाते हैं। 

सर्जरी के बाद मरीज़ को एक या दो दिन तक इंट्रावेनस (Intravenous; नसों में) ट्यूब से द्रव दिए जाते हैं। उसके बाद मरीज़ को ज़्यादा से ज़्यादा मात्रा में द्रव का सेवन करने के लिए कहा जाता है ताकि प्रतिदिन 2 qt (1.2 l) मूत्र त्याग किया जा सके। कुछ दिनों तक मूत्र में रक्त आना सामान्य है। जोखिमों और जटिलताओं का आंकलन करने के लिए रक्त और मूत्र के सैंपल लिए जाते हैं।

सर्जरी के बाद डॉक्टर द्वारा बताये गए सभी निर्देशों का पालन करें जिससे जल्द से जल्द रिकवरी हो सके। 

Badam Rogan Oil
₹539  ₹599  9% छूट
खरीदें

इस प्रक्रिया का स्टोन हटाने में एक अच्छा सफलता दर है, 98% से ज़्यादा जब स्टोन गुर्दे में थे और 88% जब स्टोन मूत्रनली में चला गया हो। हालांकि फिर भी हर प्रक्रिया की तरह इससे भी जुड़े कुछ जोखिम और जटिलताएं होती हैं।

  1. अगर प्रक्रिया के दौरान नेफ्रोस्कोप डालने के लिए ट्रैक बड़ा न किया जा सके तो यह गुर्दे की ओपन सर्जरी में बदल जाएगी। 
  2. चीरे के आसपास या गुर्दे के अंदर की रक्यत वाहिकाओं को क्षति पहुँचने से रक्तस्त्राव हो सकता है। 
  3. संक्रमण
  4. सर्जरी के बाद एक या दो दिन तक हल्का बुखार रहना सामान्य है। हालांकि अगर दो दिन के बाद भी बुखार ठीक न हो तो यह संक्रमण का लक्षण हो सकता है। अपने डॉक्टर को तुरंत सूचित करें। 
  5. चीरे के आसपास द्रव संचय हो जाना। 
  6. आर्टेरिओवेनस फिस्टुला (Arteriovenous Fistula) बन जाना (यह धमनी और नस के बीच एक जोड़ है जिससे रक्त धमनी से नस में प्रवाहित हो जाता है।
  7. आसपास के अंगों को सर्जरी के दौरान आकस्मिक क्षति पहुंचना। इस प्रक्रिया से लिवर, फेफड़े, या अग्नाशय को क्षति हो सकती है। 
  8. गुर्दे में छेद हो जाना। यह छिद्र आम तौर पर बिना उपचार के ठीक हो जाते हैं। 
  9. पेट के अन्य अंगों को क्षति। 
  10. क्षति जिससे गुर्दे की सामान्य कार्यवाही पर प्रभाव पड़े। 
  11. दुर्लभ स्थितियों में जब स्टोन का आकर बहुत बड़ा हो तो ऐसे में दुबारा उपचार की आवश्यकता भी हो सकती है।

संदर्भ

  1. Johns Hopkins Medicine [Internet]. The Johns Hopkins University, The Johns Hopkins Hospital, and Johns Hopkins Health System; Percutaneous Nephrolithonomy (PCNL)
  2. UF Health [Internet]. University of Florida Health: Department of Urology College of Medicine. Florida. US; Percutaneous Nephrolithotomy (PCNL)
  3. National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases [internet]: US Department of Health and Human Services; Symptoms & Causes of Kidney Stones
  4. Sabler IM, Katafigiotis I, Gofrit ON, Duvdevani M. Present indications and techniques of percutaneous nephrolithotomy: What the future holds?. Asian J Urol. 2018;5(4):287–294. PMID: 30364501.
  5. Matlaga BR, Krambeck AE, Lingeman JE. Surgical management of upper urinary tract calculi. In: Wein AJ, Kavoussi LR, Partin AW, Peters CA, eds. Campbell-Walsh Urology. 11th ed. Philadelphia, PA: Elsevier; 2016:chap 54.
  6. Georgescu D, Jecu M, Geavlete PA, Geavlete B. Percutaneous nephrostomy. In: Geavlete PA, ed. Percutaneous Surgery of the Upper Urinary Tract. 1st edition. Cambridge, MA: Elsevier Academic Press; 2016:chap 8.
  7. Zagoria RJ, Dyer R, Brady C. Interventional genitourinary radiology. In: Zagoria RJ, Dyer R, Brady C, eds. Genitourinary Imaging: The Requisites. 3rd ed. Philadelphia, PA: Elsevier; 2016:chap 10.
  8. Brighton and Sussex University Hospitals [internet]: NHS Foundation Trust. National Health Service. U.K.; Percutaneous-nephrolithotomy
  9. US Food and Drug Administration (FDA) [internet]. Maryland. US; Need Relief From Overactive Bladder Symptoms?
  10. National Health Service [internet]. UK; Cystoscopy
  11. Michigan Medicine: University of Michigan [internet]. US; Percutaneous Nephrolithotomy
  12. Panicker JN, DasGupta R, Batla A. Neurourology. In: Daroff RB, Jankovic J, Mazziotta JC, Pomeroy SL, eds. Bradley's Neurology in Clinical Practice. 7th ed. Philadelphia, PA: Elsevier Saunders; 2016:chap 47.
  13. Sabharwal S. Spinal cord injury (lumbosacral) In: Frontera WR, Silver JK, Rizzo TD, eds. Essentials of Physical Medicine and Rehabilitation. 4th ed. Philadelphia, PA: Elsevier; 2019:chap 158.
ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ