रमज़ान या रमदान इस्लामी कैलेण्डर का नौवा महीना होता है। मुस्लिम लोगों के लिए रमज़ान का महीना बहुत ही पवित्र माना जाता है। रमजान का महीना कभी 29 दिन का तो कभी 30 दिन का होता है। रोज़े (उपवास) के दिन सूर्योदय से पहले खाया जाता है जिसे सहरी कहते हैं। रमज़ान में दिनभर कुछ भी खाया पीया नहीं जाता है। शाम को सूर्यास्त के बाद रोज़ा खोल कर खाना खाते हैं जिसे इफ़्तारी कहा जाता है।

रमजान के दिनों में खानपान का खास ख्याल रखना भी जरूरी होता है। कई बार लोग इफ्तार के दौरान अक्सर आवश्यकता से अधिक खा लेते हैं। रमजान के दौरान भोजन सोच समझ कर खाया जाए तो रोजा रखने से सेहत को फायदा हो सकता है। बस इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। हर शाम को दावत न करें, नियमित मात्रा में खाएं और आपको भोजन में क्या खाना है उसकी एडवांस में प्लानिंग करें। इफ्तार में अधिक खा लेना ना केवल प्रार्थना के दौरान आपकी एकाग्रता को कम करता है बल्कि इससे आपको गैस, ब्लोटिंग और कब्ज की समस्या भी हो सकती है। इसलिए आइये जानते हैं डाइटीशियन से रमजान के दौरान किन बातों का ख्याल रखना चाहिए  - 

(और पढ़ें - कब्ज के लक्षण)

  1. रमज़ान के दौरान ऐसे करें आहार का चयन - How to choose your food during Ramadan in Hindi
  2. अन्य जरुरी टिप्स - Other important tips in Hindi
डाइटीशियन के अनुसार रमजान के दौरान कैसे रखें आप अपने आहार का खास ख्याल के डॉक्टर

रमज़ान के समय में हमे निर्धारित समय के अनुसार ही भोजन ग्रहण करना होता है , ऐसे में हमे अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए भोजन ग्रहण करने में ही समझदारी होती है। यहां हम कुछ आसान डाइट टिप्स बताएंगे, जिससे आप रोजों को अच्छे स्वास्थ्य के साथ कर पाएंगे-

  • सहरी के समय क्या हो आहार - सहरी के वक़्त लिया हुआ भोजन आपको दिन भर के लिए ऊर्जा देता है।  इस वक़्त के भोजन में कार्बोहायड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, पानी इन चीजों का होना बहुत जरुरी है, जिससे दिन भर थकान ना महसूस हो। इसके लिए सहरी के वक़्त दूध, भीगे बादाम एवं अखरोट, मल्टीग्रेन ब्रेड की सैंडविच या भरवा रोटी खा सकते है। लेकिन ध्यान से इस समय के भोजन को ग्रहण करें, इसे छोड़े नहीं।  इससे आप पेट में दर्द, पेट फूल जाना, गैस आदि की समस्याओं से बच पाएंगे। 

  • इफ्तार समय क्या हो आहार- इस समय सबसे पहले शरीर में पानी एवं कुछ खनिज तत्वों को संतुलित करने की आवश्यकता होती है,  इसके लिए रोजा खोलते समय निम्बू पानी (चीनी व नमक के साथ) का इस्तेमाल कर सकते है।  खजूर भी ले सकते हैं, इनमे में मौजूद कार्बोहायड्रेट एवं खनिज शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करने में मदद करते हैं। इफ़्तार के वक़्त चना चाट, फ्रूट सलाद, स्टीम्ड दही वड़ा, हमस, उबले अंडे की चाट, ग्रिल किये हुए पनीर, रोस्टेड चिकन, ग्रिल्ड फिश आदि लें, बहुत ज्यादा तेल या मसाला वाला खाने से बचें। इससे आप पेट की दिक्कतें रोक पाएंगे।  इफ़्तार के समय अधिक खाने से बचे, इससे बेहतर होगा के इस समय कम खा कर 2-3 घंटे बाद कोई हल्का भोजन लें जैसे ब्राउन राइस पुलाव, मल्टी ग्रेन चपाती एवं सोया कीमा या भरवा रोटी के साथ दही। यदि कम भूख हो तो सोते समय हल्दी वाला दूध या मिल्क शेक ले सकते  हैं।  

  • डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए खूब सारा तरल पदार्थ लें- रोजे के दौरान पुरे दिन खाना व पानी ना लेने के कारण निर्जलीकरण यानि डिहाइड्रेशन की समस्या देखी जाती है।  ऐसे में जब भी भोजन ग्रहण कर रहे हो तरल पदार्थ लेने की कोशिश करें, सिर्फ चीनी युक्त शरबत की जगह, नमकीन या गुलाब लस्सी, छाछ, नमक व चीनी युक्त जलजीरा या निम्बू पानी ले सकते हैं। 

  • देर तक पेट भरा रखने के लिए खाएं प्रोटीन-  शरीर में प्रोटीन का पाचन थोड़ा धीरे होता है, जिस कारण आपको पेट भरा भरा लगता है एवं पुरे दिन ऊर्जा का स्त्रोत बना रहता है।  इसके लिए अपने खाने में दालें, राजमा, छोले, काला चना, लोबिया, पनीर, सोया से बनी चीजें, अण्डा, कम तेल में पका चिकन, मछली आदि शामिल करें। 

  • फाइबर रखेगा पेट भरा- फाइबर हमारे शरीर में देर पचता है, जिससे पेट काफी देर तक भरा रहता है इसके लिए अपने इफ्तार एवं सहरी के समय फलों एवं सब्जियों की मात्रा बढ़ा सकते हैं। फलों में सेब, संतरा, खरबूजा, तरबूज, आड़ू, आलू बुखारा, पपीता आदि का भरपूर इस्तेमाल करें। सब्जियों में खीरा, गाजर, शिमलामिर्च, गोभी, तरोई, लौकी, बीन्स, बैंगन, पालक, सलाद पत्ता आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।  फाइबर के लिए साबूत अनाज, होल वीट ब्रेड, मल्टी ग्रेन ब्रेड, चोकर वाली रोटी आदि का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 

  • मीठी एवं तली चीजों से रखे परहेज-  मीठी एवं तली चीजों में कैलोरी, कार्बोहायड्रेट एवं वसा की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। यदि इनका प्रयोग ज्यादा मात्रा में किया जाए तो उससे कई स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याएं हो सकती है जैसे- कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, शुगर का बढ़ना, वजन का बढ़ना, हृदय सम्बंधित समस्याएं आदि। रोजों के दौरान समोसे, पकोड़े, कचौरी, नमकीन, मिठाइयां आदि ज्यादा खाये जाते है। इनकी जगह कम तेल एवं कम मीठे भोज्य पदार्थ का सेवन करें। 

  • दिनभर की शरीर में ऊर्जा बनी रहे इसके लिए खाएं ये चीजें- नट्स- जैसे बादाम, अखरोट, पिस्ता, किशमिश , खजूर, बीन्स जैसे - राजमा, काला चना, छोले की चाट, अण्डे, पनीर, दही , दूध, फ्रूट्स सलाद, सब्जियों का सलाद, मिल्कशेक, फलों या सब्जियों का जूस, पानी आदि खाद्य पदार्थों से शरीर में दिन भर ऊर्जा एवं जल की मात्रा ठीक बनी रहती है। 

  • एक बार में खूब सारा ना खाएं- दिनभर के खाने को सहरी और इफ्तार के साथ साथ 1-2 स्नैक्स में भी बांटे।  जिससे एक बार जरूरत से ज्यादा ऊर्जा यानि कैलोरी लेने से बच पाएंगे. एक बार में ज्यादा खाने से वजन बढ़ने, गैस एवं ब्लोटिंग जैसे समस्याएं होती है।

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  • दवाओं का समय डॉक्टर से जरूर पूछें-  कुछ बीमारियों की दवाएं हमे बिलकुल भी बंद नहीं करनी चाहिए जैसे- थाइरोइड, मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि। यदि आप भी किसी दवा का नियमित तौर पर सेवन कर रहे हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह ले कर उस दवा के समय या खुराक में सलाह के अनुसार परिवर्तन करें, दवाओं को बंद न करें ना ही गलत समय पर लें। इससे आप बीमारी को नियंत्रण में रख पाएंगे 

  • व्यायाम- डॉक्टरों के अनुसार, आप अपनी दिनचर्या में हलके फुल्के व्यायाम कर सकते हैं जैसे टहलना. लेकिन रोजे की स्थिति में ज्यादा शारीरिक श्रम वाले व्यायाम से बचें उससे आपको अन्य शारीरिक समस्याएं सकती हैं।
Dr. Dhanamjaya D

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पोषणविद्‍
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Dt. Surbhi Upadhyay

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Dt. Manjari Purwar

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