आजकल गैस लोगों की रोजमर्रा की परेशानियों में से एक है, लेकिन अत्यधिक गैस असहज और शर्मनाक हो सकती है। सौभाग्य से, योग ने इन परेशानियों से आपको बचाया हुआ है। कई विशिष्ट योग से गैस और सूजन को आपके पाचन तंत्र से दूर करने में मदद मिलती है।
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तो चलिए आपको बताते हैं ऐसे पांच योग जो आपकी पेट की गैस को छूमंतर कर देंगें।
- पवनमुक्तासन के फायदे - Pawanmuktasana for stomach gas pain in Hindi
- सुप्त मत्स्येन्द्रासन के फायदे - Supta Matsyendrasana for gas relief in Hindi
- अनंदा बालासन के फायदे - Ananda Balasana releases gas from stomach in Hindi
- मार्जारी आसान के फायदे - Marjariasana relieves gas pain in Hindi
- वज्रासन के फायदे - Gas problem solution is Vajrasana in Hindi
- सारांश
पवनमुक्तासन के फायदे - Pawanmuktasana for stomach gas pain in Hindi
यह मुद्रा विशेष रूप से पाचन तंत्र में फंसी गैस को निकालने के लिए ही बनायीं गयी है। इस आसन को करने से आपके पेट पर दबाव बनता है और गैस को निकलने में आसानी होती है।
कैसे करें - अपनी पीठ के बल लेट जाइये और पैरों को साथ में जोड़ लें। दाएँ घुटने को आप अपनी दाईं छाती के पास लाएं और घुटने को हाथों से पकड़ते हुए पेट पर दबाएँ। ध्यान रहे आपके कंधे ज़मीन से छूने चाहिए। दोबारा से एक लंबी गहरी साँस लें और छोड़ते हुए अपने बाएं ओर भी यही प्रक्रिया करें। दोनों तरफ की प्रक्रियाओं को उसी स्तिथि में करने के बाद आखिर में दोनों पैरों के घुटनों को एक साथ छाती के पास लायें और छाती पर दबाव बनाएँ। शरीर को छोड़ते हुए पेट से लम्बी गहरी सांस लें और विश्राम करें।
(और पढ़ें - पवनमुक्तासन करने का तरीका और फायदे)
सुप्त मत्स्येन्द्रासन के फायदे - Supta Matsyendrasana for gas relief in Hindi
इस मुद्रा में आप धड़ को मोड़ते वक़्त एक गहरी सांस लेते हैं जिस वजह से आपकी आँतों पर दबाव बनता है और एक प्रकार की मालिश होती है। ये योगासन करने से आपके पेट में गैस नहीं बनती।
कैसे करें - पीठ के बल आप ज़मीन पर सीधा लेट जाइये। अब अपने दोनो हाथों को कंधों की सिधाई में दोनो ओर फैला लीजिये। दाएं पैर को घुटने से मोड़ें और ऊपर की तरफ उठायें। दाईं टांग को अब बायें घुटने पर टिकायें। अब साँस को छोड़ते हुए अपने दायें कूल्हे को उठायें, पीठ को बाईं तरफ मोड़ें और दायें घुटने को नीचे की ओर जाने दीजिये। इस प्रक्रिया को करते समय दोनो हाथ ज़मीन पर टिके रहने चाहिए। कोशिश करें कि दायां घुटना पूरी तरह शरीर के बाईं तरफ ज़मीन पर टिका रहे। सिर को दाईं तरफ घुमाइये। अब आप सुप्त मत्स्येन्द्रासन की मुद्रा में हैं। अब गहरी सांस लें और छोड़ दें, फिर इस प्रक्रिया को दुबारा बाएं ओर भी करें।
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अनंदा बालासन के फायदे - Ananda Balasana releases gas from stomach in Hindi
इस आसन के नाम से ही आपको संकेत मिल गया होगा कि ये आसन आपको कितनी ख़ुशी दे सकता है जब आप पेट की गैस से निजात पा लेंगे।
कैसे करें - सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएँ। अब सांस को छोड़ें और घुटनों को पेट के करीब लाएं। अब गहरी सांस लें और पैरों के तलवों को हाथों से पकड़ें। इसे धीरे-धीरे उपर की तरफ ले जाएँ और घुटनों के बीच दूरी बनाएं। अब हाथों से पैरों को नीचे की तरफ थोड़ा खीचें जिस वजह से आपकी मांसपेशियों में दबाव बनेगा और गैस को निकलने में आसानी होगी। अब धीरे-धीरे वापस सीधे हो जाएँ और विश्राम करें।
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मार्जारी आसान के फायदे - Marjariasana relieves gas pain in Hindi
अगर जड़ से आपको अपनी पेट की गैस का इलाज करना है तो ये आसन आपके लिए बहुत लाभकारी है।
कैसे करें : सबसे पहले घुटनों के बल बैठें। अपने शरीर को आगे की तरफ ले जाकर हथेलियों को ज़मीन से टिका दें। गहरी सांस लेते हुए पेट को अपने ज़मीन की तरफ झुकाएं और कूल्हों को उपर की तरह उठायें। शरीर को इसी अवस्था में कुछ देर के लिए रोके रखें। अब सांस छोड़ते हुए ये प्रक्रिया उलटी करें। गर्दन को नीचे की तरफ ले जाएँ और कूल्हों को झुका दें। इस प्रक्रिया को आप बार-बार दोहराएं।
(और पढ़ें - मार्जरी आसन करने का तरीका और फायदे)
वज्रासन के फायदे - Gas problem solution is Vajrasana in Hindi
वज्रासन करने से आपकी पाचन शक्ति अच्छी होती है और किसी भी प्रकार की गैस या जलन का बनना नामुमकिन है।
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कैसे करें - सबसे पहले बैठ जाइये और टांगो को सीधा कर लीजिये। अब अपने दोनों पैरों को एक-एक कर कूल्हों के नीचे रख लें। दोनों पैरो के अंगूठों को आपस में मिलाएं और एडियों के बीच थोड़ी दूरी बनाएं रखें। शरीर का पूरा भार अपने पैरों पर रख दें। अब आराम से अपने दोनों हाथो को जांघो पर रखें। कमर को एकदम सीधी रखें। इसी अवस्था में दस मिनट तक रहना है और लम्बी-लम्बी सांसे लेनी हैं।
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सारांश
पेट की गैस की समस्या के लिए योग अत्यंत प्रभावी समाधान हो सकता है। योग के विभिन्न आसनों और प्राणायाम (सांस की तकनीकों) से पेट की मांसपेशियों की मालिश होती है, पाचन तंत्र मजबूत होता है और गैस को बाहर निकालने में सहायता मिलती है। पवनमुक्तासन, वज्रासन, और अर्ध मत्स्येन्द्रासन पेट के गैस को कम करने में विशेष रूप से सहायक होते हैं। ये आसन न केवल गैस को बाहर निकालने में मदद करते हैं, बल्कि पाचन तंत्र को भी सुधारते हैं। नियमित योग अभ्यास से पेट की गैस की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है और पाचन स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है। इसके साथ ही, योग तनाव को कम करता है, जो पाचन संबंधी समस्याओं का एक प्रमुख कारण है।