क्या ऑफिस से वापस आने के बाद आपका पहला काम रेफ्रिजरेटर की ओर दौड़कर अपनी प्यास बुझाने और दिन की थकावट को मिटाने के लिए ठंडे पानी की एक बोतल हथियाना है? कौन इस कर्कश गर्मी में ठंडी राहत नहीं चाहता है? हर रोज बढ़ते पारे के साथ, जितना संभव हो, उतनी बार बर्फीले-ठंडे पानी की ज़रूरत लगती है। लेकिन क्या आपको पता है, यह बर्फीला ठंडा पानी आपके पाचन तंत्र के लिए परेशानी पैदा कर सकता है?

चाहे कितनी ही गर्मी क्यों ना हो लेकिन आयुर्वेद ठंडा पानी पीने की सलाह नहीं देता है। आयुर्वेदिक गृह उपचार की पूर्ण पुस्तक (The Complete Book Of Ayurvedic Home Remedies) में अस्वस्थ खाने की आदतों के तहत यह कहा गया है कि भोजन के दौरान या किसी भी समय बहुत ठंडा पानी पीना गैस्ट्रिक रस के सामान्य कामकाज और संतुलन को बिगाड़ सकता है। किताब के अनुसार भोजन के दौरान किसी भी आइस ड्रिंक का सेवन करने के बजाय भोजन के बीच में एक घूँट गुनगुना पानी पिएं।

यहाँ कुछ कारण बताए गये हैं कि क्यों आपको ठंडा पानी पीने की बजाए सामान्य तापमान के पानी को पीना चाहिए -

  1. ठंडा पानी है पाचन की परेशानी का कारण - Cold Water Inhibits Digestion in Hindi
  2. ठंडा पानी पीने का नुकसान है गले में खराश - Icy Cold Water Causes Sore Throat in Hindi
  3. कोल्ड वाटर बढ़ाए अवांछित चर्बी को - Drinking Cold Water Increases Fat in Hindi
  4. चिल्ड वाटर करे हृदय गति को कम - Chilled Water Reduces Heart Rate in Hindi
  5. ठंडा पानी पीने से हो सकता है पेट में दर्द - Cold Water Causes Stomach Pain in Hindi

विशेषज्ञों का दावा है कि ठंडा पानी और यहां तक कि ठंडे पेय पदार्थ आपकी रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ देते हैं, जिससे पाचन में रुकावट आ सकती है। यह पाचन के दौरान पोषक तत्वों को अवशोषित करने की प्राकृतिक प्रक्रिया को भी बाधित करता है। इससे शरीर का ध्यान पाचन से हटकर शरीर के तापमान नियमित करने की कोशिश करता है जिससे शरीर में में पानी की कमी हो सकती और आप निर्जलित महसूस कर सकते हैं। शरीर का सामान्य तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है और जब आप कुछ भी बहुत ही कम तापमान वाली चीज़ों का सेवन करते हैं, तो आपका शरीर इस तापमान को नियमित करने के लिए ऊर्जा खर्च करके क्षति को पूरी करता है। लेकिन इस अतिरिक्त ऊर्जा का उपयोग मूल रूप से पाचन और अवशोषित पोषक तत्वों की प्रक्रिया में उपयोग किया जाता है। यही कारण है कि कमरे के तापमान पर रखे पानी को पीने की हमेशा सलाह दी जाती है। 

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ठंडा पानी ना पीने का एक और स्पष्ट कारण है आपके गले में खराश और बंद नाक की बढ़ती संभावनाएं जिसके लिए आपके बुजुर्ग भी ठंडे पानी को पीने से रोकते हैं। ठंडा पानी पीने से, विशेष रूप से भोजन के बाद अतिरिक्त श्लेष्म (excess mucus) का निर्माण होता है  जिससे श्वसन पथ की सुरक्षात्मक परत बनती है। हालांकि, जब श्वसन पथ रुक जाता है तो यह कई सूजन संक्रमणों का कारण बन जाता है। 

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विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि यदि आप अपने भोजन के बाद ठंडा पानी पीते हैं, तो ठंडा तापमान आपके द्वारा खाए गये खाद्य पदार्थों से निकली वसा को मजबूत कर देगा जिससे आपके शरीर में अवांछित चर्बी को कम करना मुश्किल हो सकता है। वैसे भी भोजन के तुरंत बाद पानी पीने सुझाव नहीं दिया जाता है। बैंगलोर स्थित पोषण विशेषज्ञ डॉ अंजू सूद भोजन के बाद 30 मिनट तक पानी ना पीने की सलाह देती हैं।

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कुछ अध्ययनों से यह भी पता चला है कि ठंडा पानी आपकी हृदय गति को कम करने में भूमिका निभाता है। बर्फ का पानी दसवें कपाल तंत्रिका (tenth cranial nerve) को उत्तेजित करता है। यह तंत्रिका शरीर की स्वायत्त तंत्रिका तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह हृदय गति को कम करने में मदद करती है। जब आप ठंडे पानी का सेवन करते हैं, तो पानी का कम तापमान तंत्रिका को उत्तेजित करता है जिससे दिल की दर बढ़ जाती है। 

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वर्कआउट के बाद भी ठंडे पानी को पीने की सलाह भी नहीं दी जाती है। जिम विशेषज्ञ कसरत के बाद एक गिलास गुनगुना पानी पीने का सुझाव देते हैं। जब आप कसरत करते हैं, तो आपके शरीर में बहुत गर्मी उत्पन्न होती है और यदि आप वर्कआउट के तुरंत बाद ठंडा पानी पीते हैं तो तापमान का ये बेमेल संयोजन आपके पाचन तंत्र के लिए रुकावट पैदा कर सकता है। इसके अलावा, आपका शरीर ठंडा पानी को अवशोषित नहीं कर सकता है। कुछ लोग वर्कआउट के ठीक बाद ठंडे पानी के सेवन के कारण बार बार पेट में दर्द की शिकायत करते हैं। इसका कारण यह है कि बर्फ का ठंडा पानी आपके शरीर के लिए एक सदमे के रूप में आता है।

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इन कारणों का मतलब यह नहीं है कि आप अपने पानी की खपत पर पूरी तरह से कटौती कर लें। गर्मी के बढ़ते तापमान में यह आपके शरीर को हर समय हाइड्रेटेड रखने के लिए आवश्यक है। अपने शरीर में पानी की मात्रा को बढ़ाने और तेज पाचन के लिए कमरे के तापमान या गुनगुने पानी का सेवन करें। गर्म पानी आसानी से भोजन को तोड़ता है और आपकी आँतो के कार्यों को बढ़ाता है। यह एक प्राकृतिक रक्त शोधक के रूप में भी कार्य करता है और आपके शरीर की प्राकृतिक विषाक्तता प्रक्रियाओं को बढ़ाता है।

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