ग्रोथ हार्मोन बच्चों के शारीरिक विकास में बेहद ही महत्वपूर्ण होता है। साथ ही यह पूरी जिंदगी आपके ऊतकों और अंगों को स्वस्थ बनाए रखने में भी मदद करता है। ग्रोथ हार्मोन मस्तिष्क में स्थित पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा बनता है। 40 से 60 की आयु में पिट्यूटरी ग्रंथि धीरे-धीरे ग्रोथ हार्मोन बनाना कम कर देती है।

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वहीं कई लोगों का मानना है कि ग्रोथ हार्मोन से युवावस्था व आयु संबंधी अन्य परेशानियों को ठीक किया जा सकता है। लेकिन ऐसा समझना गलत है। विशेषज्ञ बताते हैं कि व्यस्क होने पर आयु संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए ग्रोथ हार्मोन लेना ठीक नहीं है।

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  1. ग्रोथ हार्मोन की आवश्यकता किन व्यस्कों को होती है? - Growth hormone ki avashyakta kin adults ko hoti hai
  2. ग्रोथ हार्मोन बढ़ाने के उपाय - Growth hormone badhane ke upay
  3. सारांश

व्यस्कों के शरीर में ग्रोथ हार्मोन की आवश्यकता होती है। व्यस्कों में ग्रोथ हार्मोन की कमी का कारण यदि अधिक उम्र न हो, तो डॉक्टर उनको सिंथेटिक ग्रोथ हार्थोन (synthetic growth hormone) लेने की सलाह दे सकते हैं। पिट्यूटरी ग्रंथि में "बिनाइन ट्यूमर" (benign tumour: ट्यूमर जिसमें कैंसर न हो) ग्रोथ हार्मोन की कमी का कारण हो सकता है। इसके अलावा एडिनोमा के इलाज के लिए सर्जरी और रेडियोथेरेपी के इस्तेमाल से भी ग्रोथ हार्मोन की कमी हो सकती है।

जिन व्यस्कों में ग्रोथ हार्मोन की कमी होती है, वह निम्न स्थितियों में इस हार्मोन का इंजेक्शन ले सकते हैं -

व्यस्कों में एड्स और एचआईवी के द्वारा मांसपेशियों को होने वाली क्षति के इलाज के लिए ग्रोथ हार्मोन को दिया जाता है।

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ग्रोथ हार्मोन बढ़ाने के लिए वजन कम करें - Growth hormone badhane ke liye vajan kam kare

आपके शरीर में मौजूद वसा (फैट) का सीधा संबंध ग्रोथ हार्मोन के बनने से होता है। जिन लोगों के शरीर और पेट में फैट अधिक होता है, उन लोगों में ह्युमन ग्रोथ हार्मोन बनने की प्रक्रिया बिगड़ सकती है। साथ ही ऐसे लोगों में बीमारी होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती है।

एक अध्ययन में,  सामान्य से तीन गुना मोटे व्यक्तियों में दुबले व्यक्ति के मुकाबले ग्रोथ हार्मोन की मात्रा आधी से भी कम पाई गई।

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एक रिसर्च से पता चला कि खासकर पुरुषों के शरीर में फैट का ज्यादा होना ग्रोथ हार्मोन के स्तर को प्रभावित करता है। हालांकि, शरीर का वजन कम होना पुरुष और महिला दोनों के लिए ही महत्वपूर्ण होता है।

एक अन्य अध्ययन में मोटे लोगों में आईजीएफ-1 (IGF 1: यह एक प्रोटीन होता है, जिसको इंसुलिन-लाइक ग्रोथ फैक्टर 1/ Insulin-like growth factor 1 कहा जाता है) और ग्रोथ हार्मोन का स्तर कम पाया गया। लेकिन जब इन लोगों ने अपना वजन कम किया तो दोनों ही हार्मोन्स का स्तर दोबारा से सामान्य हो गया। 

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पेट की चर्बी शरीर में एकत्रित होने वाली चर्बी के मुकाबले बेहद ही हानिकारक होती है। इससे आपको कई तरह के रोग हो सकते हैं। पेट की चर्बी को कम करके आप ग्रोथ हार्मोन को आसानी से बढ़ा सकते हैं और इससे आपको कई अन्य तरह के फायदे भी मिलते हैं।

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ग्रोथ हार्मोन को बढ़ाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग करें - Growth hormone ko badhane ke liye vrat ka yah tarika apnaye

इंटरमिटेंट फास्टिंग (intermittent fasting) व्रत की एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसमें कम खाने का तरीका बताया जाता है। इस प्रक्रिया को अपनाने के कई तरीके हैं। पहले तरीके में आपको पूरे दिन 8 घंटों के लिए खाने और 16 घंटे भूखे रहने की सलाह दी जाती है, जबकि दूसरे तरीके में सप्ताह में मात्र दो दिन 500 से 600 कैलोरी लेने के लिए कहा जाता है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग कई तरह से ग्रोथ हार्मोन को बढ़ाने में सहायक होती है। इससे आपके शरीर के फैट को कम होने में मदद मिलती है, जिसका सीधा प्रभाव ग्रोथ हार्मोन के बनने पर पड़ता है।

पूरा दिन भूखे रहने से इंसुलिन का स्तर कम हो जाता है, क्योंकि खाने के बाद ही इंसुलिन स्त्रावित होना शुरू होती है। रिसर्च के अनुसार इंसुलिन बढ़ने से ग्रोथ हार्मोन के बनने की प्रक्रिया में गड़बड़ी होती है।  

(और पढ़ें - इंसुलिन टेस्ट कैसे होता है)

ग्रोथ हार्मोन को बढ़ाने के लिए आर्जिनाइन सप्लीमेंट लें - Growth hormone ko badhane ke liye arginine supplement le

अधिकतर लोग एक्सरसाइज के दौरान एमीनो एसिड जैसे आर्जिनाइन का इस्तेमाल करते हैं। अध्ययन से पता चला कि इससे ग्रोथ हार्मोन के स्तर पर बेहद थोड़ा या कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।  

दो अन्य अध्ययन से इस बात का पता चला है कि एक्सरसाइज के साथ आर्जिनाइन लेने या मात्र एक्सरसाइज करने से ग्रोथ हार्मोन में किसी भी तरह का कोई अंतर नहीं होता है। हालांकि जब आप बिना एक्सरसाइज के आर्जिनाइन लेते हैं तो इससे ग्रोथ हार्मोन में बढ़ोतरी होती है।

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अन्य बिना एक्सरसाइज वाले अध्ययन भी आर्जिनाइन के इस्तेमाल को सही बताते हैं।

एक अन्य अध्ययन में आर्जिनाइन की अलग-अलग मात्रा के प्रभावों को देखा गया। इसमें पहले लोगों को उनके शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम, 100 से 250 मिलीग्राम आर्जिनाइन दिया गया और बाद में इन्हीं लोगों को 6 से 10 या 15 से 20 ग्राम प्रतिदिन आर्जिनाइन दिया गया। इसमें आर्जिनाइन की कम खुराक लेने से ग्रोथ हार्मोन पर कोई भी प्रभाव नहीं देखा गया, जबकि आर्जिनाइन की अधिक खुराक लेने के बाद ग्रोथ हार्मोन में 60 प्रतिशत बढ़ोतरी देखने को मिली।

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ग्रोथ हार्मोन को बढ़ाने के लिए चीनी कम लें - Growth hormone ko badhane ke liye chini kam le

शरीर में इंसुलिन बढ़ने से ग्रोथ हार्मोन में कमी आती है। रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और चीनी खाने से इंसुलिन का स्तर तेजी से बढ़ता है, इसलिए ग्रोथ हार्मोन को नियंत्रण में रखने के लिए आपको चीनी कम मात्रा में खानी चाहिए। 

एक अध्ययन से पता चला कि डायबिटीज वाले लोगों के मुकाबले बिना डायबिटीज वाले लोगों में ग्रोथ हार्मोन का स्तर 3 से 4 गुना ज्यादा होता है।

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इंसुलिन को सीधे तौर पर प्रभावित करने के साथ ही ज्यादा चीनी लेने से वजन और मोटापा भी तेजी से बढ़ता है और इसका प्रभाव ग्रोथ हार्मोन के स्तर पर पड़ता है।

कभी-कभार चीनी लेने से आपके ग्रोथ हार्मोन के स्तर पर कोई प्रभाव नहीं होता है।

आप ज्यादा से ज्यादा स्वस्थ और संतुलित आहार लेने का प्रयास करें। आप जो भी आहार लेते हैं, उसका अधिकतर प्रभाव आपके स्वास्थ्य, हार्मोन और शरीर की बनावट पर पड़ता है।

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ग्रोथ हार्मोन बढ़ाने के लिए सोने से पहले ज्यादा न खाएं - Growth hormone badhane ke liye sone se pahle jayda na khaye

आपका शरीर निश्चित मात्रा में ग्रोथ हार्मोन जारी करता है। खासकर रात के समय इसके स्त्रावित होने की प्रक्रिया सामान्य होती है।

आप जब भी खाना खाते हैं तो इससे इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है, इसलिए कुछ विशेषज्ञ सोने से पहले ज्यादा खाना न खाने की सलाह देते हैं।

अधिक कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन वाला आहार इंसुलिन को बढ़ा देता है और रात के समय जारी होने वाले ग्रोथ हार्मोन को रोक देता है। फिलहाल इस विषय पर रिसर्च कम है। खाने के दो से तीन घंटे बाद इंसुलिन का स्तर कम हो जाता है, लेकिन तब भी आपको रात को अधिक कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन युक्त आहार लेने से बचना चाहिए।

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ग्रोथ हार्मोन बढ़ाने के लिए टिप्स - Growth hormone badhane ke tips

  • गाबा सप्लीमेंट (Gaba supplement: बिना प्रोटीन वाला अमीनो एसिड होता है, जो मस्तिष्क को संकेत प्रदान करने वाले न्यूरोट्रांसमीटर की तरह कार्य करता है)
  • एक्सरसाइज करें।
  • पर्याप्त नींद लें। 
  • मेलाटोनिन सप्लीमेंट्स लें।

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ग्रोथ हार्मोन शरीर में वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण हार्मोन है। इसे बढ़ाने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना आवश्यक है, जिसमें नियमित व्यायाम, विशेष रूप से उच्च-तीव्रता वाले वर्कआउट, और पर्याप्त नींद शामिल हैं। प्रोटीन युक्त आहार का सेवन, जिसमें अमीनो एसिड, जैसे आर्गिनिन और ग्लूटामाइन, शामिल हैं, भी सहायक हो सकता है। तनाव कम करना और उचित हाइड्रेशन बनाए रखना भी ग्रोथ हार्मोन के स्तर को बढ़ाने में सहायक होता है। इसके अतिरिक्त, intermittent fasting और कम चीनी का सेवन ग्रोथ हार्मोन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लाभकारी हो सकते हैं। इन उपायों को अपनाकर, प्राकृतिक तरीके से ग्रोथ हार्मोन के स्तर को बढ़ाया जा सकता है, जिससे समग्र स्वास्थ्य और फिटनेस में सुधार होता है।

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