एंजाइम एक तरह का प्रोटीन है जो कोशिकाओं के अंदर पाया जाता है। एंजाइम मानव शरीर में कैमिकल (रसायनिक) प्रतिक्रियाओं को तेज करने में मदद करते हैं।  एंजाइम भोजन को पचाने, मांसपेशियों के बनने और शरीर में विषाक्त पदार्थ खत्म करने के साथ शरीर के हजारों कामों को करने के लिए आवश्यक होते हैं।

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एंजाइम शरीर में स्वाभाविक रूप से निर्मित होते हैं। ज्यादातर एंजाइम पेनक्रियाज (अग्नाशय), पेट और छोटी आंत में बनते हैं। इसके अलावा आपकी लार ग्रंथियां भी पाचन एंजाइम्स को बनाती हैं, जो भोजन चबाने के दौरान ही उसको पचाने की प्रक्रिया शुरू कर देते हैं। पाचन संबंधी समस्याएं होने पर आप दवा के रूप में भी एंजाइम को ले सकते हैं।

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एंजाइम के गुणों के कारण इस लेख में एंजाइम के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रहा है। तो चलिए जानते हैं एंजाइम क्या है, एंजाइम की खोज किसने की, एंजाइम के कार्य, एंजाइम के महत्व लाभ और एंजाइम के प्रकार के बारे में -

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  1. एंजाइम क्या है और किसे कहते हैं - Enzyme kya hai aur kise kahte hai
  2. एंजाइम के कार्य और महत्व - Enzyme ke karya aur mahatva
  3. एंजाइम के प्रकार - Enzyme ke prakar
  4. एंजाइम की खोज किसने की थी - Enzyme ki khoj kisne ki thi

एंजाइम प्रोटीन से बनते हैं, जो आपके पूरे शरीर में मौजूद होते हैं। जीवित रखने वाली कई कैमिकल (रसायनिक) प्रतिक्रियाएं चयापचय (मेटाबॉलिज्म) पर निर्भर करती हैं, जबकि मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया एंजाइम के कार्यों पर निर्भर होती है। एंजाइम शरीर में होने वाली रसायनिक प्रतिक्रियाओं को गति प्रदान करता है और कुछ मामलों में एंजाइम शारीर में रासायनिक प्रतिक्रियाओं को लाखों गुणा तेज कर देता है।

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एंजाइम शरीर के बड़े अणुओं (जैसे ग्लूकोज) को छोटे आकार में तोड़ने में सहायक होता है, जिससे शरीर इन अणुओं को ऊर्जा के रूप में उपयोग करता है।

आपके शरीर की प्रत्येक कोशिका में डीएनए मौजूद होता है। जब कोशिकाएं विभाजित होती हैं, तब उसको डीएनए की भी प्रतिलिपि बनाने की आवश्यकता पड़ती है। एंजाइम इस प्रक्रिया में डीएनए की प्रतिलिपि बनाने मे सहायक होता है।

आपका लिवर विषाक्त पदार्थों को कम करने का काम करता है और यह कार्य कई तरह के एंजाइम के उपयोग से ही किया जाता है।

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एंजाइम केवल कुछ विशेष स्थितियों में ही काम कर सकते हैं। शरीर में मौजूद अधिकांश एंजाइम शरीर के करीब 37 डिग्री सेल्सियस तापमान पर ही बेहतर तरह से काम करते हैं। ऐसा नहीं कि कम तापमान होने पर एंजाइम काम करना बंद कर देते हैं, लेकिन कम तापमान में उनकी कार्य करने की क्षमता धीमी हो जाती है। 

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इसके साथ ही एंजाइम केवल एक निश्चित पीएच स्तर (अम्लीय/क्षारीय को नापने का तरीका) में काम करते हैं और यह इस बात पर निर्भर करता है कि वे शरीर के किस हिस्से में पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए आंतों में एंजाइम 7.5 पीएच पर बेहतर तरह से काम करते हैं, जबकि पेट में मौजूद एंजाइम 2 पीएच स्तर पर अच्छी तरह काम कर पाते हैं, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अन्य अंगों के मुकाबले पेट में अधिक अम्ल (acid: एसिड) पाया जाता है।

यदि एंजाइम अधिक तापमान या अधिक अम्ल या क्षार के संपर्क में आते हैं, तो ये अपना आकार बदल लेते हैं। इसमें सक्रिय एंजाइम का आकार बदलता है और वह सब्सट्रेट (अन्य अणु) के साथ नहीं जुड़ पाता है।

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शरीर में हजारों एंजाइम मौजूद होते हैं, जिनमें से कुछ मुख्य के उदाहरण नीचे दिए गए हैं:

  • लिपैसीस (Lipases) – यह एंजाइम का एक समूह है, जो आंतों में वसा को पचाने में मदद करता है। (और पढ़ें - आंतों में सूजन का इलाज)
     
  • एमिलेज (Amylase) - स्टार्च को शर्करा में बदलने में मदद करता है। एमिलेज मुंह की लार में पाया जाता है। (और पढ़ें - शुगर कम करने के घरेलू उपाय)
     
  • माल्टेज (Maltase) – यह एंजाइम भी लार में पाया जाता है; जो चीनी को ग्लूकोज में बदलता है। माल्टोस आलू जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। (और  - चीनी के फायदे)
     
  • ट्राईपसीन (Trypsin) – यह एंजाइम छोटी आंत में मौजूद होता है, जो प्रोटीन को एमिनो एसिड में तोड़ने का काम है। (और पढ़ें - विटामिन ई के फायदे)
     
  • लैक्टेज (Lactase) – लैक्टेज भी छोटी आंत में पाया जाता है, यह दूध में मौजूद लैक्टोज (चीनी का प्रकार) को तोड़कर ग्लूकोज और गैलेक्टोज में बदलता है। (और पढ़ें - हल्दी दूध के फायदे)
     
  • एसिटाइलकोलेनेस्टेज (Acetylcholinesterase) - नसों और मांसपेशियों में न्यूरोट्रांसमीटर (नसों और कोशिकाओं को संकेत देने वाला) की तरह काम करने वाले कैमिकल एसिटाइलोक्लिन (Acetylcholine, दिमाग और शरीर में मौजूद कैमिकल) को तोड़ने का काम करता है।
     
  • हेलिकेज (Helicase) - डीएनए के साथ मिलकर शरीर के लिए कुछ जरूरी प्रतिक्रियाएं करता है। (और पढ़ें - विटामिन बी के फायदे)
     
  • डीएनए पोलीमरेज (DNA polymerase) – डीएनए बनने में मदद करता है।
     
  • प्रोटेज (Protease) – प्रोटेज एंजाइम प्रोटीन को एमिनो एसिड में तोड़ता है।

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फ्रांसीसी रसायनशास्त्री (Chemist: कैमिस्ट) एन्सल्मे पायन (Anselme Payne) 1833 में एंजाइम की खोज करने वाले पहले व्यक्ति थे। लेकिन इस कैमिकल के लिए 1877 में जर्मन फिजियोलॉजिस्ट विल्हेम कुह्न (Wilhelm kuhne) ने 1837-1900 में पहली बार एंजाइम शब्द का प्रयोग किया। यह शब्द यूनानी भाषा के "खमीर" से लिया गया है।

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