एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म - Abdominal Aortic Aneurysm in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

November 26, 2020

September 06, 2021

एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म
एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म

महाधमनी, हमारे शरीर की सबसे बड़ी रक्त वाहिका होती है। यही हमारे हृदय से रक्त लेकर सिर बाहों, पेट, पैर और पेल्विक तक पहुंचाती है। कुछ ऐसी स्थितियां हैं जिसके कारण महाधमनी की दीवारों में छोटे गुब्बारे की तरह सूजन या उभार हो जाते हैं, ऐसे में धमनी की दीवारें धीरे धीरे कमजोरी पड़ने लगती है। यही स्थिति यदि महाधमनी के निचले हिस्से यानी पेट के पास में हो जाए तो यह एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म या उदर महाधमनी धमनीविस्फार (एएए) कहलाती है।

महाधमनी शरीर की सबसे बड़ी रक्त वाहिका है। पेट के हिस्से में होने वाली यह समस्या कई बार रक्तस्राव का कारण बनती है जो जानलेवा भी हो सकती है। धमनीविस्फार का आकार और यह कितनी तेजी से बढ़ रही है, इसके आधार पर उपचार और आपातकालीन स्थिति में सर्जरी की आवश्यकता होती है। यहां पर एक बात गौर करने वाली है कि एएए की हर स्थिति जानलेवा नहीं होती है। इसमें समस्याएं तभी बढ़ती हैं जब धमनीविस्फार के कारण धमनी की दीवारें टूट जाती हैं। यही कारण है कि जिन लोगों में एएए का निदान होता है, डॉक्टर उनकी बारीकी से निगरानी करते हैं।

इस लेख में हम एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म के ​लक्षण, कारण और इलाज की प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म के प्रकार - Types of abdominal aortic aneurysm in Hindi

एएए का वर्गीकरण मुख्यरूप से उसके आकार और बढ़ने की गति के आधार पर होता है। 

छोटे (5.5 सेंटीमीटर से कम) या धीमी गति से बढ़ने वाले एएए में धमनी की दीवारों के टूटने का बहुत कम जोखिम होता है। इस स्थिति में डॉक्टर नियमित रूप से पेट के अल्ट्रासाउंड के साथ समस्या पर गंभीरता से गौर करते हैं।

बड़े (5.5 सेंटीमीटर से अधिक) या तेजी से बढ़ते एएए में धमनी की दीवारों के टूटने का खतरा बहुत अधिक होता है। महाधमनी के टूटने के कारण आंतरिक रक्तस्राव और अन्य गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। धमनीविस्फार का आकार जितना बड़ा होता है, उसमें सर्जरी की जरूरत बढ़ती जाती है। यदि इस स्थिति में रक्तस्राव या जटिलताएं होती हैं तो शीघ्र इलाज की आवश्यकता हो सकती है।

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एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म के लक्षण - Abdominal Aortic Aneurysm Symptoms in Hindi

एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म में आमतौर पर कोई भी स्पष्ट लक्षण नजर नहीं आते हैं। केवल स्क्रीनिंग या किसी अन्य विकार की पहचान के लिए किए गए परीक्षणों के दौरान ही व्यक्ति में एएए की स्थिति का निदान हो सकता है। सामान्य रूप से एएए वाले लोगोंं में निम्न लक्षण देखने को मिल सकते हैं।

यदि एएए फट जाता है, तो ऐसी स्थिति में निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं।

एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म का कारण- Abdominal Aortic Aneurysm Causes in Hindi

महाधमनी के ​किसी भी हिस्से में धमनीविस्फार की समस्या हो सकती है। हालांकि, पेट के हिस्से में इसके सबसे ज्यादा मामले देखने को मिलते हैं। कुछ ऐसी स्थितियां हैं जो व्यक्ति में एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म का कारक बन सकती हैं।

धमनियों का सख्त होना (एथेरोस्क्लेरोसिस): रक्त वाहिका के अस्तर पर फैट या अन्य पदार्थों के जमने के कारण धमनियां सख्त हो जाती हैं। इस स्थिति में एएए की समस्या का खतरा बढ़ जाता है।

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या : जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है उनकी महाधमनियों की दीवारों को कमजोरी या क्षति पहुंचने का खतरा बहुत ज्यादा होता है।

रक्त वाहिका के रोग : ये ऐसी बीमारियां हैं जिनकी वजह से रक्त वाहिकाओं में सूजन आ सकती है।

महाधमनी में संक्रमण : बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन के कारण एएए की समस्या होने का खतरा होता है। हालांकि, ऐसे मामले बहुत कम देखने को मिलते हैं।

ट्रॉमा : दुर्घटनाओं के कारण भी एएए की समस्या हो सकती है।

एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म के जोखिम कारक - Risk factors of abdominal aortic aneurysm in Hindi

एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म की समस्या को बढ़ाने वाले जोखिम कारक निम्नलिखित हो सकते हैं।

तंबाकू का सेवन : धूम्रपान करने वाले या तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन करने वाले लोगों में एएए का जोखिम बहुत अधिक होता है। यह महाधमनी की दीवारों को कमजोर कर सकता है, जिससे न केवल महाधमनी धमनीविस्फार का खतरा बढ़ जाता है, साथ ही उनके टूटने का भी खतरा बढ़ जाता है।

उम्र : 65 और उससे अधिक उम्र के लोगों एएए की समस्या अधिक होती है।

पुरुष : महिलाओं की तुलना में पुरुषों को एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म होने का डर अधिक होता है।

सफ़ेद त्वचा : श्वेत त्वचा वाले लोगों को भी एएए की समस्या का डर अधिक होता है।

फैमिली हिस्ट्री : यदि आपके परिवार में किसी को एएए की समस्या रह चुकी हो तो दूसरे लोगों में भी इसका खतरा बढ़ जाता है।

धमनीविस्फार के अन्य प्रकार : किसी अन्य बड़ी रक्त वाहिकाओं में धमनीविस्फार होने की स्थिति में एएए की समस्या का खतरा रहता है। यदि आपको घुटने के पीछे धमनी की या छाती में महाधमनी विस्फार की समस्या है तो आपमें एएए का खतरा अधिक हो सकता है।

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एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म का निदान - Diagnosis of abdominal aortic aneurysm in Hindi

सामान्य तौर पर यदि एएए की स्थिति में धमनी फटी नहीं है तो इसका पता नहीं चल पाता है। किसी अन्य बीमारी के निदान के लिए किए गए परीक्षण के दौरान ही इसकी पुष्टि होती है।

यदि डॉक्टर को संदेह है कि व्यक्ति को एएए की समस्या हो सकती है तो व​ह पेट को छूकर पता करते हैं कि वहां किसी प्रकार की कठोरता या अन्य समस्या तो नहीं है? इसके अलावा पैरों में रक्त के प्रवाह की जांच करने से भी एएए का पता लग सकता है। आमतौर पर इस​ स्थिति में समस्या के निदान के लिए जिन परीक्षणों को प्रयोग में लाया जाता है वह हैं -

एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म का इलाज - Abdominal Aortic Aneurysm Treatment in Hindi

एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म की समस्या कितनी बड़ी है इसी आधार पर इसका इलाज किया जाता है। यदि एएए के फटने का खतरा कम हो तो इसमें सीधे तौर इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। एएए के आकार के आधार पर इलाज की निम्न प्रक्रियाओं को प्रयोग में लाया जा सकता है

छोटे आकार का एएए (3सेमी से 4.4सेमी तक)-

इस आकार के एएए से पीड़ित रोगियों को अल्ट्रासाउंड स्कैन कराने की सलाह दी जाती है। इससे यह पता लगाया जा सकता है कि इसका आकार बढ़ तो नहीं रहा है? इसके अलावा रोगी को स्वस्थ जीवन शैली को प्रयोग में लाने की सलाह दी जाती है ताकी इसे बढ़ने से रोका जा सके।

मध्यम आकार के एएए (4.5 सेमी से 5.4 सेमी)-

इस आकार के एएए से पीड़ित रोगियों को हर तीन माह में अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा रोगी को स्वस्थ जीवन शैली को प्रयोग में लाने की सलाह दी जाती है।

बड़े आकार का एएए (5.5 सेमी या उससे अधिक)-

इस आकार के एएए से पीड़ित रोगियों में धमनी को फटने से बचाने के​ लिए जल्द से जल्द सर्जरी कराने की सलाह दी जाती है।



एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म के डॉक्टर

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