धमनीविस्फार - Aneurysm in Hindi

written_by_editorial

August 18, 2020

November 06, 2020

धमनीविस्फार
धमनीविस्फार

धमनीविस्फार का अर्थ धमनियों की दीवार में कमजोरी या फिर धमनियों में सूजन होता है। शरीर के कई अंग इस समस्या से प्रभावित हो सकते हैं। वैसे तो इस समस्या के आमतौर पर कारण स्पष्ट नहीं हैं। हालांकि, धमनीविस्फार कई प्रकार के जटिलताओं का कारक जरूर हो सकता है। दूसरे शब्दों में धमनीविस्फार को धमनियों की कमजोरी के रूप में समझा जा सकता है, जिसके कारण धमनियों में सूजन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। वैसे तो धमनीविस्फार की ज्यादातर स्थितियों में लक्षण नजर नहीं आते हैं और य​ह बहुत ज्यादा खतरनाक भी नहीं होते हैं, लेकिन यदि इस पर ध्यान न दिया जाए और स्थिति गंभीर हो जाए तो यह आंतरिक रक्तस्राव का कारण बन सकती है जो एक जानलेवा स्थिति है।

दुनियाभर में हर साल धमनीविस्फार की जटिलताओं के कारण हजारों लोगों की मौत हो जाती है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के आंकड़ों पर नजर डालें तो अमेरिका में हर साल महाधमनी विस्फार के कारण 25,000 से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। वहीं मस्तिष्क धमनीविस्फार के कारण हर साल लगभग 30,000 लोगों की जान चली जाती है। इतना ही नहीं अमेरिका में 24 घंटे के भीतर होने वाली मौतों के 40 प्रतिशत मामले धमनीविस्फार के सामने आते हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह समस्या किस कदर भयावह हो सकती है।

धमनीविस्फार की समस्या शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकती है। इसके सबसे ज्यादा मामले मस्तिष्क और हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों में दिखाई देते हैं। वहीं महाधमनी धमनीविस्फार से शरीर की मुख्य धमनी भी प्रभावित होती है। धमनियों की दीवारों को होने वाली क्षति की स्थिति में आंतरिक रक्तस्राव का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। धमनियों के फट जाने की स्थिति में सर्जरी करनी पड़ सकती है, लेकिन डॉक्टर सर्जरी का विकल्प तभी चुनते हैं जब स्थिति के भयावह और जानलेवा होने का डर हो। इस लेख में हम धमनीविस्फार के प्रकार, कारण और इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे।

धमनीविस्फार कितने प्रकार के होते हैं? - Types of Aneurysm in Hindi

धमनीविस्फार को शरीर में उसके स्थान के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। मस्तिष्क और हृदय की धमनियों में होने वाला विस्फार सबसे आम है। आइए जानते हैं यह कितने प्रकार का होता है।

महाधमनी धमनीविस्फार

महाधमनी शरीर की सबसे बड़ी धमनी है। यह हृदय के बाएं वेंट्रिकल से शुरू होकर छाती और पेट से गुजरती है। महाधमनी का व्यास सामान्य अवस्था में 2 से 3 सेमी के बीच होता है, वहीं धमनीविस्फार की स्थिति में यह बढ़कर 5 सेमी से अधिक हो जाती है। आमतौर पर इसमें लोगों को उदर महाधमनी धमनीविस्फार (एएए) की शिकायत सबसे अधिक देखने को मिलती है। यह महाधमनी के पेट वाले हिस्से में होने वाला धमनीविस्फार है। इसमें महाधमनी का व्यास 6 सेमी से अधिक हो जाता है। इस अवस्था में बिना सर्जरी के जीवित रहने की दर 20 प्रतिशत है।

वहीं दूसरी ओर थोरासिस एओरटिक (टीएए) इसका सबसे कम देखा जाने वाला रूप है। टीएए की स्थिति में बिना उपचार के जीवित रहने की दर 56 प्रतिशत और सर्जरी के बाद 85 प्रतिशत है। हालांकि, यह स्थिति दुर्लभ है।

सेरिब्रल एन्यूरिज्म या मस्तिष्क में धमनीविस्फार

मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों में होने वाले विस्फार को इंट्राक्रैनील एन्यूरिज्म के नाम से जाना जाता है। मस्तिष्क के भीतर धमनियों का फटना काफी घातक हो सकता है। मस्तिष्क में धमनियों को होने वाली क्षति के 40 फीसदी से ज्यादा मामले जानलेवा हो सकते हैं। इस स्थिति के बाद जो लोग जीवित भी बच जाते हैं उनमें कई प्रकार की विकलांगता और तमाम शारीरिक समस्याओं का खतरा बना रहता है। सामान्यत: मस्तिष्क में होने वाली इस समस्या का प्रमुख कारण स्ट्रोक होता है।

परिधीय धमनीविस्फार

परिधीय धमनी में भी धमनीविस्फार की समस्या देखने को मिलती है। परिधीय धमनीविस्फार निम्न प्रकार के हो सकते हैं।

पोपिलिटियल एन्यूरिज्म : यह घुटने के पीछे वाले हिस्से में होता है। यह सबसे आम परिधीय धमनीविस्फार है।

स्प्लेनिक आर्टरी एन्यूरिज्म : इस प्रकार का धमनीविस्फार स्प्लेनिक के पास होता है। यह बाईं ओर पेट के ऊपरी हिस्से और पसलियों के बीच का हिस्सा होता है।

मेसेंटरिक आर्टरी एन्यूरिज्म : यह आंतों में रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में होता है।

कैरोटिड आर्टरी एन्यूरिज्म : धमनीविस्फार की यह समस्या गर्दन में होती है।

आंत में धमनीविस्फार : इसमें आंतों और किडनी में रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों में सूजन आ जाता है।

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धमनीविस्फार के लक्षण क्या होते हैं? - Symptoms of Aneurysm in Hindi

धमनीविस्फार शरीर के किस अंग में हुआ है, सामान्य रूप से लक्षण उसी के आधार पर नजर आते हैं। वैसे मस्तिष्क सहित शरीर के विभिन्न अंगों में होने वाले धमनीविस्फार के लक्षण तब तक नजर नहीं आते हैं जब तक धमनियों की दीवारें टूटने नहीं लगतीं।

शरीर की सतह के पास होने वाले धमनीविस्फार की स्थिति में सूजन और दर्द जैसे लक्षण दिख सकते हैं। धमनीविस्फार की गंभीर स्थिति में इलाज न मिल पाने के कारण मौत भी हो सकती है। सामान्य रूप से निम्न लक्षणों के आधार पर धमनीविस्फार को पहचाना जा सकता है।

धमनीविस्फार के कारण क्या होते हैं? - Causes of Aneurysm in Hindi

धमनीविस्फार का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन कुछ स्थितियों को इसका प्रमुख कारक माना जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोशिकाओं को होने वाली क्षति के कारण धमनीविस्फार की समस्या आ सकती है। इसके अलावा फैट के जमने से भी धमनियों को नुकसान पहुंचता है। इस स्थिति में रक्त के संचार के लिए हृदय को और तेज गति से पंप करने की जरूरत होती है। इस बढ़ते हुए दबाव के कारण धमनियों को नुकसान पहुंच सकता है। धमनीविस्फार के लिए निम्न समस्याओं को भी जिम्मेदार माना जाता है।

एथेरोसस्क्लेरोटिक रोग

एथेरोसस्क्लेरोटिक रोग भी धमनीविस्फार का कारण बन सकते हैं। इस रोग से पीड़ित लोगों की धमनियों में प्लाक का निर्माण होने लगता है। प्लाक एक कठोर पदार्थ होता है जो धमनियों को नुकसान पहुंचाता है और रक्त के संचार को प्रभावित करता है।

हाई ब्लड प्रेशर

हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों में भी धमनीविस्फार का खतरा बना रहता है। रक्त के बहाव को धमनी की दीवारों पर पड़ रहे दबाव के आधार पर मापा जाता है। यदि दबाव सामान्य दर से अधिक हो जाता है, तो यह रक्त वाहिकाओं को कमजोर करने के साथ उनके व्यास को बढ़ा देता है। वयस्कों में 120/80 मिमी एचजी को सामान्य ब्लड प्रेशर माना जाता है।

जोखिम कारक

जीवन शैली में शामिल कई प्रकार की आदतें धमनीविस्फार की समस्या को बढ़ा सकती हैं। उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं।

  • धूम्रपान करना
  • उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन
  • आहार में पौष्टिकता की कमी
  • निष्क्रिय जीवन शैली
  • मोटापा

धूम्रपान को धमनीविस्फार का सबसे आम जोखिम कारक माना जाता है। तम्बाकू का सेवन न केवल हृदय रोग और धमनीविस्फार के जोखिम को बढ़ाता है साथ ही इसके कारण धमनियों के फटने का खतरा भी कई गुना तक बढ़ा जाता है।

धमनीविस्फार का निदान कैसे किया जाता है? - Diagnostic tools for Aneurysm in Hindi

धमनीविस्फार शरीर के किस अंग में हो रहा है, इस आधार पर परीक्षण करके धमनियों की क्षति का पता लगाया जा सकता है। कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जन इस समस्या के विशेषज्ञ होते हैं। रक्त वाहिकाओं में अनियमितताओं का पता लगाने के ​डॉक्टर सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड कराने को कह सकते हैं।

सीटी स्कैन के माध्यम से शरीर के अंदर की जांच करने के लिए एक्स-रे का प्रयोग किया जाता है। इससे रक्त वाहिकाओं की स्थिति, उसमें किसी तरह की रुकावट, सूजन आदि के बारे में जानना आसान हो जाता है।

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धमनीविस्फार का इलाज कैसे किया जाता है? - Aneurysm Treatment in Hindi

धमनीविस्फार के स्थान और यह किस प्रकार का है, इस आधार पर डॉक्टर इलाज शुरू करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपकी छाती या पेट में धमनीविस्फार का पता चलता है तो ऐसी स्थिति में सर्जरी की आवश्यकता होती है। सर्जरी के इस माध्यम को एंडोवस्कुलर स्टेंट ग्राफ्ट कहा जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाओं को ठीक करना भी शामिल है।

सामान्य रूप से धमनीविस्फार के इलाज के लिए सर्जरी सबसे आखिरी माध्यम होता है। एंडोवस्कुलर सर्जरी में कूल्हे के पास एक छोटा सा चीरा लगाकर रक्त वाहिकाओं तक पहुंचा है। वहीं स्टेंट-ग्राफ्ट सर्जरी में कैथेटर का उपयोग करते हुए चीरा के माध्यम से एक एंडोवस्कुलर ग्राफ्ट लगाया जाता है।

जिन लोगों को सर्जरी की जरूरत नहीं होती है उनमें बीमारी के कारणों के आधार पर इलाज किया जाता है। इलाज के अन्य माध्यमों में उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल का इलाज करने वाली दवाएं दी जाती हैं। रक्तचाप को कम करने के लिए कुछ प्रकार के बीटा-ब्लॉकर्स का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। रक्तचाप कम होने से धमनियों के फटने का खतरा कम हो जाता है।

धमनीविस्फार से बचाव कैसे करें? - Prevention of Aneurysm in hindi

धमनीविस्फार किस कदर भयावह हो सकता है, यह उपरोक्त बिंदुओं में स्पष्ट किया गया है। कुछ उपायों को प्रयोग में लाकर इससे बचाव जरूर किया जा सकता है। शरीर में धमनीविस्फार की स्थिति को बनने से रोकने के लिए आहार में फल, साबुत अनाज और सब्जियों को शामिल करें। खाने में प्रोटीन वाले आहारों का सेवन भी बहुत महत्वपूर्ण होता है इसके लिए मांस का सेवन किया जा सकता है। खानपान में सुधार करने के साथ जीवनशैली में परिवर्तन लाना भी विशेष महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए नियमित रूप से व्यायाम, विशेष रूप से कार्डियो व्यायाम करना अच्छा माना जाता है। इससे रक्त वाहिकाओं के माध्यम से रक्त प्रवाह को बेहतर किया जा सकता है।

धमनीविस्फार से बचने के लिए सबसे महतवपूर्ण बात है धूम्रपान को छोड़ना। यदि आप धूम्रपान कर रहे हैं तो इसे तुरंत बंद कर दें। धूम्रपान के कारण शरीर में तमाम प्रकार की समस्याओं के साथ धमनीविस्फार का खतरा भी बहुत अधिक बढ़ जाता है। इसके अलावा समय-समय पर डॉक्टर से संपर्क करते रहना चाहिए।