दिल की धड़कन तेज होना (टैकीकार्डिया) - Tachycardia in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

March 31, 2018

September 10, 2021

दिल की धड़कन तेज होना
दिल की धड़कन तेज होना

टैकीकार्डिया क्या है?

टैकीकार्डिया (Tachycardia) दिल की धड़कन के अनियमित होने (हृदय अतालता) से संबंधित एक आम डिसऑर्डर (विकार / गड़बड़ी) है। इसमें आपके आराम की स्थिति में होने के बावजूद हृदय की गति सामान्य से बहुत ज्यादा तेज होती है।

व्यायाम के दौरान हृदय दर में वृद्धि होना आम बात है। इसके अलावा तनाव या बीमारी के समय दिल की धड़कन सामान्यतः तेज हो सकती है। लेकिन टैकीकार्डिया की स्थिति में शारीरिक कार्य या मानसिक तनाव न होने पर भी हृदय की दर अधिक होती है। इस समस्या में हृदय के ऊपरी और निचले कक्ष तीव्र गति से चलते हैं।

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सामान्य रूप से हृदर दर दिल के ऊतकों में भेजे गए विद्युत संकेतों द्वारा नियंत्रित होती है। हृदय में होने वाली असामान्यताओं के कारण जब विद्युतीय संकेतों का उत्पादन हृदय गति को तेज करता है, तब टैकीकार्डिया होता है। वैसे एक स्वस्थ व्यक्ति का ह्रदय आराम करने की स्थिति में लगभग 60 से 100 बार प्रति मिनट धड़कता है। इससे अधिक होने की स्थिति को टैकीकार्डिया कहा जा सकता है।

कुछ मामलों में, टैकीकार्डिया किसी भी तरह के लक्षण और जटिलताओं का कारण नहीं होता है। लेकिन अगर इस समस्या का उपचार समय रहते नहीं किया जाए, तो यह हृदय के कार्य को बाधित कर कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता हैं। इन समस्याओं को निम्नतः बताया जा रहा है।

टैकीकार्डिया होने के लिए जिम्मेदार कारकों और हृदय दर को नियमित करने के लिए दवाओं और सर्जरी की मदद ली जा सकती है।

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टैकीकार्डिया के प्रकार - Types of Tachycardia in Hindi

कई अलग-अलग प्रकार के असामान्य टैकीकार्डिया होते हैं। दिल की धड़कनों के तेज होने की शुरूआत और कारणों के अनुसार इनको वर्गीकृत किया जाता है। सामान्य प्रकार के टैकीकार्डिया में निम्न शामिल होते हैं।

  1. आट्रियल फिब्रिलेशन (Atrial fibrillation) -
    हृदय में गड़बड़ी और हृदय के ऊपरी कक्ष (आट्रिया/ atria) में विद्युत तंरगों में होने अंसतुलन होने के कारण आट्रियल फिब्रिलेशन होता है। इस स्थिति में आट्रिया में तेज, अनियमित और हल्का दबाव होने लगता है।

    आट्रियल फिब्रिलेशन अस्थायी होती है, लेकिन इसके होने की निरंतरता को समाप्त करने के लिए इलाज का सहारा लिया जाता है।

    आट्रियल फिब्रिलेशन एक सामान्य प्रकार का टैकीकार्डिया होता है। आट्रियल फिब्रिलेशन से पीड़ित अधिकांश लोग को हृदय रोग और उच्च रक्तचाप से संबंधित कई समस्याएं हो सकती है। हृदय के वाल्व संबंधी विकार, हाइपरथायरायडिज्म (थायराइड का कम होना) और ज्यादा शराब पीना आट्रियल फिब्रिलेशन होने के अन्य कारणों में शामिल होते हैं। (और पढ़ें - थायराइड कम करने के घरेलू उपाय)
     
  2. आट्रियल फ्लटर (Atrial flutter) -
    ​हृदय के ऊपरी कक्ष (आट्रिया/ atria) का नियमित और तेज रूप से धड़कने के स्थिति को आट्रियल फ्लटर कहते हैं। इसमें आट्रिया के तेज होने से धड़कने की प्रक्रिया पूर्ण नहीं होती है।
    आट्रिया में अनियमित होती विद्युतीय तरंगों के कारण आट्रियल फ्लटर होता है। इस समस्या के लगातार होने पर, इसे दूर करने के लिए आपको इलाज की आवश्यकता होती है। जिन लोगों को आट्रियल फ्लटर होता है वह आगे चलकर आट्रियल फिब्रिलेशन से भी ग्रसित हो सकते हैं। (और पढ़ें - हृदय वाल्व रोग)
     
  3. सुप्रावेंट्रिक्युलर टैकिकार्डिया (Supraventricular tachycardiya/svt/एसवीटी)
    हृदय के निचले हिससे हिस्से में ऊपरी भाग में शुरू होने वाली असामान्य तेज धड़कने सुप्रावेंट्रिक्युलर टैकिकार्डिया की स्थिति होती है। यह हृदय में असामान्य विद्युतीय तरंगों के कारण होता है, जो आम तौर पर जन्म के समय हो सकता है। इसमें संकेत अनियमित हो सकते हैं। (और पढ़ें - दिल में छेद)
     
  4. वेंट्रीक्युलर टैकिकार्डिया (Ventricular tachycardia)
    हृदय के निचले कक्षों में विद्युत संकेतों के असामान्य होने से हृदय गति के तेज होने को वेंट्रीक्युलर टैकिकार्डिया कहा जाता है। इसमें तीव्र हृदय गति के कारण हृदय के निचले कक्ष शरीर से पर्याप्त रक्त पंप करने का कार्य सुचारू रूप से नहीं कर पाते हैं।

    कई मामलों में वेंट्रीक्युलर टैकिकार्डिया की स्थिति कुछ ही सेकंड के लिए हो सकती है। इसमें आपको हानि नहीं होती है। लेकिन वेंट्रीक्युलर टैकिकार्डिया नियमित और कुछ सेकंड से अधिक होने पर आपके जीवन के लिए खतरनाक आपात चिकित्सीय स्थिति बना सकती है।
     
  5. वेंट्रीक्युलर फिब्रिलेशन (Ventricular fibrillation) -
    वेंट्रिक्युलर फिब्रिलेशन तब होता है जब विद्युत तरंगों में अनियमति रूप से तेजी आ जाती है। इसके कारण हृदय शरीर से रक्त को पंप नहीं कर पाता है। जिससे हृदय के निचले भाग पर दबाव पड़ने लगता है। यदि आपके हृदय को बिजली के झटके देने वाली मशीन (defibrillation)  के द्वारा बिजली के झटकों से  कुछ ही मिनटों में नियमित न किया जाए, तो यह स्थिति आपके लिए घातक हो सकती है।
    दिल के दौरे के दौरान या इसके बाद वेंट्रिक्युलर फिब्रिलेशन हो सकता है। हृदय रोग और आकाशीय बिजली गिरने वाले अधिकतर लोगों को वेंट्रिक्युलर फिब्रिलेशन की समस्या होती है।

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संदर्भ

  1. National Heart, Lung, and Blood Institute [Internet]: U.S. Department of Health and Human Services; Arrhythmia
  2. Merck Manual Professional Version [Internet]. Kenilworth (NJ): Merck & Co. Inc.; Overview of Arrhythmias
  3. American Heart Association. Prevention and Treatment of Arrhythmia. [Internet]
  4. American Heart Association. Tachycardia: Fast Heart Rate. [Internet]
  5. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Arrhythmias

दिल की धड़कन तेज होना (टैकीकार्डिया) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Tachycardia in Hindi

दिल की धड़कन तेज होना (टैकीकार्डिया) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।