एकॉस्टिक न्यूरोमा - Acoustic Neuroma in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

October 26, 2018

March 06, 2020

एकॉस्टिक न्यूरोमा
एकॉस्टिक न्यूरोमा

एकॉस्टिक न्यूरोमा क्या है?

एकॉस्टिक न्यूरोमा एक ऐसी समस्या है, जिसमें दिमाग से लेकर कान के अंदर की तरफ जाने वाली नस के छोर पर एक ट्यूमर हो जाता है। ये ट्यूमर कैंसर का ट्यूमर नहीं होता है और धीरे-धीरे बढ़ता है। इस ट्यूमर के कारण आपका संतुलन और सुनने की क्षमता प्रभावित होती है। एकॉस्टिक न्यूरोमा को "वेस्टिब्यूलर शवानोमा" (Vestibular schwannoma) भी कहा जाता है।

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एकॉस्टिक न्यूरोमा के लक्षण क्या हैं?

इसके कारण होने वाले लक्षण आमतौर पर बहुत हल्के होते हैं और उन्हें बढ़ने में कई साल लग जाते हैं। इससे आमतौर पर संतुलन बनाने में दिक्कत और सुनने की क्षमता में कमी जैसे लक्षण होते हैं। (और पढ़ें - बहरेपन का इलाज)

एकॉस्टिक न्यूरोमा के कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि ट्यूमर होने से रोकने वाली जींस में हल्के से बदलाव के कारण ये ट्यूमर होता है।

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एकॉस्टिक न्यूरोमा क्यों होता है?

शुरूआती चरणों में इसका निदान करना मुश्किल होता है क्योंकि इसके लक्षण कम होते हैं और धीरे-धीरे बढ़ते हैं। हालांकि, लक्षण अनुभव होने पर इसके निदान के लिए सुनने का परीक्षण, एमआरआई और सीटी स्कैन किए जाते हैं।

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एकॉस्टिक न्यूरोमा का इलाज कैसे होता है?

एकॉस्टिक न्यूरोमा के इलाज के लिए डॉक्टर ट्यूमर की समय-समय पर जांच करते रहते हैं, जिससे उसके बढ़ने के तरीके का पता चलता रहता है। चूंकि ये ट्यूमर बहुत धीरे बढ़ते हैं, इसीलिए इनके लिए तुरंत इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। इसके बाद ट्यूमर के लिए सर्जरी की जाती है और उसे निकाल दिया जाता है। कुछ मामलों में ट्यूमर के लिए रेडिएशन थेरेपी करने की सलाह भी दी जाती है।

अगर एकॉस्टिक न्यूरोमा का सही समय पर उचित इलाज न किया जाए, तो इसके कारण सुनने की क्षमता खो जाना, कान बजना, चेहरा कमजोर व सुन्न होना और संतुलन बनाने में दिक्कत होने जैसी जटिलताएं होती हैं।

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