ब्लड प्रेशर को नियंत्रण करने में काम आने वाला एक ड्रग कैंसर मरीजों के इम्यूनोथेरेपी रेस्पॉन्स को बेहतर करने में मदद कर सकता है। अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित रोजवेल पार्क कॉम्प्रेहेन्सिव कैंसर सेंटर के शोधकर्ताओं ने कैंसर ट्रीटमेंट को और ज्यादा प्रभावी बनाने के तरीकों की खोज करने की कोशिश करते हुए यह जानकारी हासिल की है। इस संबंध में उनके अध्ययन को मेडिकल पत्रिका क्लिनिकल कैंसर रिसर्च में प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला बेटा-ब्लॉकर 'प्रोप्रेनोलॉल' कैंसर मरीजों में इम्यूनोथेरेपी के रेस्पॉन्स को बढ़ा सकता है।

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अध्ययन के परिणामों के हवाले से शोधकर्ताओं का कहना है कि पेम्ब्रोलिजुमैब दवा के साथ कॉम्बिनेशन ड्रग के रूप में प्रोप्रेनोलॉल, 'केट्रूडा' नामक इम्यूनोथेरेपी के लिए सुरक्षित है। यह एडवांस या मेटास्टेटिक मेलानोमा (स्किन कैंसर) के नए-नए मरीजों के लिए एक स्टैंडर्ड थेरेपी मानी जाती है। शोधकर्ताओं की मानें तो उन्हें अध्ययन में इसके भी सबूत मिले हैं कि कॉम्बिनेशन के रूप में ये दोनों ड्रग्स ट्यूमर सेल्स के खिलाफ इम्यून सिस्टम को तैयार करने का काम करते हैं। इस बारे में न्यूयॉर्क स्थित रिसर्च संस्थान में ऑनकोलॉजी की असिस्टेंट प्रोफेसर शिप्रा गांधी कहती हैं, 'हम जानते हैं कि तनाव से स्वास्थ्य पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। लेकिन इस बारे में अभी इतनी जानकारी नहीं है कि तनाव की कौन सी सीमा कैंसर थेरेपी के नतीजों को (नकारात्मक रूप से) प्रभावित कर सकती है।'

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कैंसर के इलाज में प्रोप्रेनोलॉल की संभावित भूमिका के बारे में जानने के लिए रोजवेल पार्क के वैज्ञानिकों ने पहले चरण का एक छोटा अध्ययन किया। इसके तहत मेटास्टेटिक मेलानोमा के नए मरीजों को इस दवा के हेवी डोज दिए, जिससे स्ट्रेस हार्मोन की कोशिकाओं से इंटरेक्ट करने की क्षमता ब्लॉक हो जाती है। वैज्ञानिकों ने एंटी-पीडी-1 चेकपॉइंट इनहिबिटर ड्रग पेमब्रोलिजुमैब के साथ दिए जाने वाले स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट में अतिरिक्त दवा के रूप में प्रोप्रेनोलॉल का इस्तेमाल किया। जांच में उन्होंने पाया कि दोनों दवाओं का इस्तेमाल सुरक्षित है और उन्होंने हाई एंटीकैंसर रेस्पॉन्स पैदा कर बीमारी के खिलाफ अप्रत्याशित भरोसेमंद संकेत दिए हैं। परिणामों से यह भी पता चला है कि तनाव में कमी होने से भी मरीज का इम्यून सिस्टम अपनी सबसे अधिक क्षमता के साथ सक्रिय होकर ट्यूमर की ग्रोथ को कम कर सकता है।

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इन परिणामों पर रोजवेल पार्क के हेमोटोलॉजिस्ट और ऑन्कोलॉजिस्ट मनु पांडे का कहना है, 'प्रोप्रेनोलॉल माइग्रेन हेडेक और हृदय से जुड़ी कई समस्याओं की रोकथाम या इलाज में इस्तेमाल होता रहा है। इस अध्ययन में हमने इसका मेलानोमा के इलाज में इस्तेमाल किया है। इसमें हमें उल्लेखनीय जानकारियां मिली हैं कि कैसे कैंसर से पीड़ित लोगों में स्ट्रेस को मैनेज (या कम) किया जा सकता है।'

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