अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों के परिणामों की घोषणा के बीच कोविड-19 के मरीजों की संख्या में एक बार फिर रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी हुई है। बुधवार को जब अमेरिका में चुनाव परिणाम सामने आ रहे थे, उसी दौरान यहां एक लाख से ज्यादा लोग नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित पाए गए। कोविड-19 महामारी के वैश्विक आंकड़ों की रियल टाइम ट्रैकिंग कर रहे वर्ल्डओमीटर के मुताबिक, चार नवंबर को अमेरिका में एक लाख 8,389 कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हुई है, जो इस वैश्विक स्वास्थ्य संकट के इतिहास में किसी देश में एक दिन में सामने आए कोविड मामलों की अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इससे पिछला रिकॉर्ड भी अमेरिका के ही नाम था। गौरतलब है कि बीती 30 अक्टूबर को यहां पहली बार कोरोना वायरस के नए मामलों की संख्या एक लाख के पार गई थी। बुधवार को यह आंकड़ा दूसरी बार इस संख्या से ज्यादा दर्ज किया गया है।

इस बढ़ोतरी से अमेरिका में कोविड-19 के मरीजों की संख्या 98 लाख से ज्यादा हो चुकी है। ऐसा लग रहा है कि इसी हफ्ते अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों की संख्या एक करोड़ हो सकती है। वहीं, मृतकों की संख्या दो लाख 40 हजार के नजदीक पहुंच गई है। बुधवार को दर्ज की गई 1,201 नई मौतों के साथ अमेरिका में कोविड-19 से मारे गए लोगों की संख्या दो लाख 39 हजार 829 हो गई है। गुरुवार को यह आंकड़ा आसानी से 2.40 लाख से आगे जा सकता है।

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अमेरिका में कोरोना वायरस किस हद तक फैल चुका है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब यहां पहले से बीमार वयस्कों और कमजोर बुजुर्गों समेत किसी भी उम्र, नस्ल व अन्य वर्ग के लोग सुरक्षित नहीं रह गए हैं। आंकड़े इसकी गवाही देते हैं। दरअसल, अमेरिकन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स और चिल्डेन्स हॉस्पिटल एसोसिएशन की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में साढ़े आठ लाख से ज्यादा बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 61 हजार 447 केस बीते हफ्ते दर्ज किए गए हैं, जो कोविड-19 की शुरुआत से अब तक अमेरिका और किसी भी देश में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए बच्चों की सबसे बड़ी संख्या है। अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, बीते अक्टूबर महीने में अमेरिका में दो लाख से ज्यादा बच्चे सार्स-सीओवी-2 की चपेट में पाए गए थे। एजेंसी ने बताया कि प्रति दस लाख की अमेरिकी आबादी में से 1,134 मामले बच्चों से जुड़े हुए हैं। इससे भी ज्यादा गंभीर बात यह है कि बच्चे न सिर्फ वायरस से बीमार पड़ रहे हैं, बल्कि कुछ की मौत भी हो रही है।

उत्तरी अमेरिका को पीछे छोड़ सकता है यूरोप
यूरोप में कोविड-19 के मरीजों की संख्या एक करोड़ दस लाख के करीब पहुंच गई है। इस मामले में वह उत्तरी अमेरिका को पीछे छोड़ सकता है, जहां अब तक एक करोड़ 16 लाख से ज्यादा लोग नए कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। उत्तरी अमेरिका में कोविड-19 संकट का सबसे ज्यादा प्रभाव अमेरिका और मैक्सिको में देखने को मिला है। यहां नौ लाख 38 हजार से ज्यादा लोग कोविड-19 से बीमार हुए हैं, जिनमें से 92 हजार 593 की मौत हो गई है। अमेरिका, ब्राजील और भारत के बाद यह किसी देश में कोरोना संक्रमण से मारे गए लोगों की सबसे बड़ी संख्या है। लेकिन बाकी उत्तरी अमेरिकी देशों में स्थिति तुलनात्मक रूप से संभली हुई है। मिसाल के लिए इस महाद्वीप में कोरोना संकट से तीसरा सबसे अधिक प्रभावित देश कनाडा है, जहां ढाई लाख से भी कम लोग सार्स-सीओवी-2 की चपेट में आए हैं। वहीं, यूरोप की बात करें तो यहां के तीन प्रमुख देशों फ्रांस, स्पेन और यूनाइटेड किंगडम (यूके) में संक्रमितों की संख्या दस लाख से ज्यादा है।

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फ्रांस में मरीजों का आंकड़ा 15 लाख 43 हजार से ज्यादा हो गया है। यहां बुधवार को 40 हजार से ज्यादा संक्रमितों का पता चला है और 385 मौतों की पुष्टि हुई है। इससे मृतकों का आंकड़ा 38 हजार 674 तक पहुंच गया है। इस मामले में केवल यूके और इटली ही फ्रांस से आगे हैं। यूके में कोरोना वायरस ने करीब 11 लाख लोगों को संक्रमित किया है, जिनमें से 47 हजार 742 की मौत हो चुकी है। यहां 25 हजार से अधिक नए मरीजों और करीब 500 मृतकों की पुष्टि हुई है। वहीं, इटली में 30 हजार 550 नए मरीजों के साथ 352 नई मौतों का पता चला है। इससे इस यूरोपीय देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा सात लाख 90 हजार से ज्यादा हो गया है, जबकि मृतकों की संख्या 39 हजार 764 हो गई है, जो जल्दी ही 40 हजार हो सकती है। उधर, यूरोप में कोविड संकट से दूसरे सबसे अधिक प्रभावित देश स्पेन में मरीजों की संख्या 13 लाख 56 हजार से ज्यादा हो गई है, जिनमें से अब तक 38 हजार 118 की मौत हो चुकी है। यहां बुधवार को 25 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं और 297 नई मौतें दर्ज हुई हैं।

ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के इस साल आने की उम्मीद कम
एक तरफ कोरोना वायरस फिर पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेता दिख रहा है तो दूसरी तरफ इसकी काट ढूंढने की कोशिशें या तो विफल हो रही हैं या उनमें देरी देखने को मिल रही है। हाल में कुछ चर्चित संभावित कोविड ट्रीटमेंट ट्रायल में फेल साबित हुए हैं, विशेषकर गंभीर कोरोना संक्रमितों के मामले में। वहीं, कई चर्चित वैक्सीनों को साल के अंत तक तैयार करने के दावे उनकी निर्माता कंपनियों द्वारा वापस लिए गए हैं। अब खबर है कि इस महामारी के खिलाफ सबसे बड़े हथियार के रूप में देखी जा रही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की चर्चित कोविड-19 वैक्सीन चडॉक्स एनसीओवी1 भी इस साल के अंत तक शायद ही पूरी तरह तैयार हो पाए। अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के ट्रायल के प्रमुख शोधकर्ता एंड्रयू पोलार्ड ने कहा है कि इस टीके के ट्रायल से जुड़े अंतिम चरण के परिणाम साल के अंत तक आ सकते हैं, लेकिन तब तक वैक्सीन को आम लोगों के इस्तेमाल के लिए तैयार नहीं किया जा सकता। पोलार्ड का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि क्रिसमस तक अंतिम परिणाम आ जाएंगे, लेकिन तब वैक्सीन के आम लोगों के इस्तेमाल के लिए तैयार होने की संभावना काफी कम है।

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गौरतलब है कि पूरी दुनिया में चार करोड़ 84 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 12 लाख 30 हजार से ज्यादा मरीज मारे गए हैं। बीते 24 घंटों में ही दुनियाभर में पांच लाख 71 हजार से ज्यादा लोग कोविड-19 से ग्रस्त पाए गए हैं। इसी दौरान 9,000 से ज्यादा मौतों की पुष्टि की गई है। यह संभवतः कोविड-19 के इतिहास में एक दिन में हुई वैश्विक मौतों की अब तक की सबसे बड़ी संख्या है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: चुनाव परिणाम के दिन अमेरिका में एक लाख से ज्यादा नए मामलों की पुष्टि है

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