नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 से फैली कोविड-19 महामारी के चलते पूरा भारत लॉकडाउन से गुजर रहा है। इस बीच मरीजों की संख्या 1,250 के पार पहुंच चुकी है। इनमें से 32 लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। सब कुछ बंद है। सरकारें और प्रशासन लोगों को घरों में रहने की अपील कर रहे हैं। इस बीच राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके से आई एक खबर ने अधिकारियों में हलचल बढ़ा दी है।

दरअसल, एक मार्च से 15 मार्च के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में एक धार्मिक जलसे के आयोजन के बाद कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने की रिपोर्टें आई हैं। मीडिया में आई खबरों की मानें तो जलसे में बड़ी तादाद में लोगों ने शिरकत की थी। अब बताया जा रहा है कि जलसे में शामिल कई लोग संदिग्ध रूप से कोविड-19 से संक्रमित हो गए। इनमें से दस लोगों की अलग-अलग जगहों पर मौत भी हो चुकी है। मरने वालों में तेलंगाना के छह तो तमिलनाडु, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर का एक-एक व्यक्ति शामिल है। खबरों के मुताबिक, जलसे में कई विदेशी नागरिक भी शामिल थे। इनमें फिलीपींस से आया एक व्यक्ति शामिल था जो बीती 22 मार्च को मुंबई में बीमारी से मारा गया। वहीं, 19 अन्य विदेशी टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। बताया यह भी गया है कि कई लोग अभी धार्मिक स्थल में हो सकते हैं।

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तेलंगाना-तमिलनाडु में सैकड़ों को किया गया क्वारंटीन
मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि तेलंगाना और तमिलनाडु के कई लोगों ने निजामुद्दीन स्थित दरगाह में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की थी। लिहाजा अब दोनों राज्यों की सरकारें उन लोगों की तलाश में जुट गई है। इस सिलसिले में तेलंगाना में 194 लोगों को क्वारंटीन किया गया है। वहीं, तमिलनाडु में 980 लोगों की पहचान किए जाने की खबर है। फिलहाल इन लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।

कब और कैसे इकट्ठा हुए लोग?
जानकारी के मुताबिक, एक मार्च से 15 मार्च के बीच जलसे में देश-विदेश से करीब 1,500 लोग धार्मिक आयोजन में पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि इस दौरान इनमें से लगभग 300 लोगों में बुखार, खांसी और सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण पाए गए हैं। इसके बाद पुलिस ने इस सभी लोगों को दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में आइसोलेशन के लिए भेज दिया।

लोगों के इकट्ठा होने का कैसे पता चला?
खबरों की मानें तो जलसे में शामिल 60 वर्षीय एक बुजुर्ग की श्रीनगर में मौत हो गई थी, जिसके बाद ही प्रशासन का ध्यान इस ओर गया। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि जब उन्हें पता चला कि इस तरह का आयोजन हुआ है तो उन्होंने इस मामले में लॉकडाउन का उल्लंघन करने के लिए नोटिस जारी किया। इसके बाद आनन-फानन में लोगों को धार्मिक स्थल से निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल कम से कम 100 लोगों का टेस्ट हो चुका है, जिनकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है। वहीं, इस घटना के बाद के बाद पूरे इलाके को सील कर दिया गया है।

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संदिग्धों को कहां कराया गया भर्ती?
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, कार्यक्रम में शामिल 85 लोगों को बीते सोमवार दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि पॉजिटिव पाए गए छह अन्य लोगों को झज्जर स्थित एम्स अस्पताल में रेफर कर दिया गया है। इसके बाद 200 और लोगों को लोक नायक में भर्ती कराया गया। बता दें कि दिल्ली में सोमवार को कोरोना वायरस से संक्रमित 38 नए मामलों की पहचान की गई थी। बताया गया है कि इनमें से 18 से 24 संक्रमित मामले इसी धार्मिक स्थल में जुटे समूह के सदस्यों से जुड़े हैं।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोरोना वायरस संकट के बीच दिल्ली स्थित धार्मिक स्थल पर जुटे थे सैकड़ों लोग, दस की मौत, कई संदिग्ध रूप से बीमार है

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