देश के सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में से एक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास में कोविड-19 के कम से कम 183 मामले सामने आए हैं। इसके चलते सोमवार को आईआईटी मद्रास के कैंपस में स्थायी रूप से लॉकडाउन लगा दिया गया। मामले में ताजा खबर यह है कि मंगलवार को कैंपस में 79 छात्र और स्टाफ सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इससे पहले सोमवार को 33 नए मामले सामने आए थे, जिससे संक्रमित छात्रों और स्टाफ सदस्यों की संख्या 104 पहुंच गई थी। मंगलवार को इसमें बड़ा उछाल देखने को मिला है। यह खबर लिखे जाने तक तमिलनाडु का स्वास्थ्य विभाग और आईआईटी मैनेजमेंट इस संकट के स्रोत का पता नहीं लगा पाए थे। इसे देखते हुए कैंपस में एहतियातन लॉकडाउन लगा दिया गया है। उधर, तमिलनाडु की सरकार ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, स्थानीय रिपोर्टों में बताया गया है कि कैंपस में कोरोना वायरस फैलने से पहले आईआईटी मद्रास के भोजनालय में लंबे समय से काफी ज्यादा भीड़ आ रही थी। अनुमान लगाया है कि शायद इसी के चलते संस्थान में इतनी बड़ी संख्या में छात्र और स्टाफ सदस्यों के कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव निकले हैं। यह भी कहा जा रहा है कि राज्य सरकार द्वारा सात दिसंबर से शैक्षणिक संस्थानों को फिर से चलने की अनुमति दिए जाने के बाद यह चेन्नई में कोरोना संक्रमण के कुछ सबसे बड़े इन्फेक्शन क्लस्टर्स में से एक के रूप में सामने आया है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार से पहले बीते दस दिनों में आईआईटी मद्रास में 71 लोगों के कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव पाए गए थे। वहीं, अकेले सोमवार को 33 छात्र व स्टाफ सदस्य वायरस की चपेट में पाए गए हैं। मंगलवार को यह संख्या दोगुना से भी ज्यादा होते हुए 80 के करीब पहुंच गई। इस बारे में पत्रकारों को संबोधित करते हुए तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा, 'हमनें अब तक 447 सैंपल लिए हैं। पॉजिटिविटी रेट 20 प्रतिशत के आसपास रहा है। (लेकिन) लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। हम तेजी से टेस्टिंग कर रहे हैं और ट्रांसमिशन को फैलने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं।'
स्वास्थ्य सचिव ने आगे कहा, 'किंग्स इंस्टीट्यूट में भर्ती लोगों की हालत अब स्थिर है। हमने भोजनालय को बंद करने का आदेश दिया है। छात्रों से कहा गया है कि वे अपने कमरों से बाहर न निकलें। मैनेजमेंट उन्हें खाना और अन्य जरूरी चीजें उनके कमरे तक मुहैया कराएगा। सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे राज्य के बाकी सभी शिक्षा संस्थानों की निगरानी शुरू करें। खाने की जगह पर संक्रमण के फैलने की दर ज्यादा है। इसलिए मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे खाते समय (एक-दूसरे से) दूरी बनाए रखें।'
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तमाम घटनाक्रम और हालात को देखते हुए आईआईटी मद्रास के शीर्ष मैनेजमेंट ने संस्थान के सभी विभागों को अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है। इनमें सभी सेंटर, लैब और लाइब्रेरी शामिल हैं। इसके अलावा, संस्थान ने एक बयान भी जारी किया है। इसमें लिखा है, 'इंस्टीट्यूट छात्रावास के केवल दस प्रतिशत छात्रों के साथ सीमित क्षमता में चल रहा है। जैसे ही कुछ छात्रों की तरफ से (कोविड-19 से जुड़े) सिम्प्टोमैटिक मामलों की जानकारी दी गई, संस्थान ने सरकारी अधिकारियों से संपर्क कर राय ली और सभी छात्रावास में रह रहे छात्रों के टेस्ट करने के इंतजाम किए। एहतियात के तहत छात्रों को अपने-अपने कमरे में ही रहने की सलाह दी गई है। उन्हें पैकेट बंद खाना दिया जा रहा है।'
रिपोर्ट में बताया गया है कि आईआईटी मद्रास के कैंपस में इस समय 700 छात्र रह रहे हैं। इन्हें कैंपस के नौ छात्रावासों में 20 प्रतिशत क्षमता के साथ रखा गया है। मैनेजमेंट का कहना है कि चूंकि सरकार ने छात्रों को वापस आने की अनुमति दे दी है, लिहाजा उन्हें क्वारंटीन करने की कैपेसिटी को बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। बहरहाल, आईआईटी मद्रास में कोरोना वायरस के 180 से ज्यादा मामले ऐसे समय में सामने आए हैं, जब तमिलनाडु में कोविड-19 संकट पहले से काफी कम हो गया है।
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आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में अब तक सार्स-सीओवी-2 की चपेट में आए लोगों की संख्या आठ लाख के पार चली गई है। लेकिन इनमें से सात लाख 78 हजार से ज्यादा संक्रमितों को बचा लिया गया है, जो कुल मामलों का 97 प्रतिशत से भी ज्यादा है। वहीं, बीमारी की मृत्यु दर डेढ़ प्रतिशत है। बता दें कि तमिलनाडु में 11 हजार 900 से ज्यादा लोग कोविड-19 के चलते मारे गए हैं।
उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें आईआईटी मद्रास में कोविड-19 संकट, 183 से ज्यादा छात्र और स्टाफ सदस्य संक्रमित है
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