इटली के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 से ग्रस्त मरीजों के हृदय में नए कोरोना वायरस के पार्टिकल्स (सूक्ष्म कण) मिलने का दावा किया है। इटली की मिलान यूनिवर्सिटी के इन वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के उन मरीजों की जांच की थी, जो इस बीमारी की चपेट में आने के बाद रेस्पिरेटरी फेलियर (फेफड़ों का खराब होना) से मारे गए थे, लेकिन उनमें हृदय में गड़बड़ी के कोई भी लक्षण नहीं दिखे थे। खबर के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने ऐसे छह मरीजों के हृदय की मांसपेशी में सार्स-सीओवी-2 कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन के आरएनए के एक्टिव वायरल ट्रांसक्रिप्शन का पता लगाया है। यहां स्पष्ट कर दें कि इस जांच से जुड़ा अध्ययन अभी तक किसी मेडिकल पत्रिका में प्रकाशित नहीं हुआ है। इसकी समीक्षा होना बाकी है। फिलहाल इसे मेडिकल शोधपत्र ऑनलाइन मुहैया कराने वाले प्लेटफॉर्म 'मेडआरकाइव' पर जाकर पढ़ा जा सकता है।
इटली के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन में पता चला है कि नए कोरोना वायरस के चलते हृदय से संबंधित होने वाली दीर्घकालिक परेशानियां 2002-03 में आए सार्स-सीओवी-1 कोरोना वायरस से होने वाली समस्याओं से मिलती-जुलती हो सकती हैं। इस आधार पर टीम ने चेतावनी दी है कि उस समय सार्स-सीओवी-1 से संक्रमित हुए 40 प्रतिशत रिकवर मरीजों में 12 साल तक के फॉलोअप के दौरान हृदय संबंधी समस्याएं दिखाई दी थीं। ऐसे में इटली के वैज्ञानिकों का नया दावा नए कोरोना वायरस के प्रभाव से जुड़ी जानकारियों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। पूरी दुनिया में इस वायरस से बीमार हुए लोगों में 20 से 40 प्रतिशत में हृदय से संबंधित लक्षण दिखाई दिए हैं। इनमें सीने में दर्द से लेकर हृदय अतालता (दिल का अनियमित रूप से धड़कना) और कार्डियोजेनिक शॉक (हार्ट अटैक का एक लक्षण) जैसी कंडीशन शामिल हैं।
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हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि कोरोना वायरस के चलते दिल को होने वाले नुकसान का संबंध कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने से है या ऐसा अतिसक्रिय इम्यून रेस्पॉन्स के कारण होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि गंभीर श्वसन संकट सिंड्रोम यानी आर्ड्स से भी मायोकार्डियल इंजरी हो सकती है और यह कंडीशन कोविड-19 के कई मरीजों में भी देखने को मिल चुकी है।
बहरहाल, कोविड-19 के छह मृत मरीजों के दिल में कोरोना वायरस को डिटेक्ट करने के लिए इटली के इन वैज्ञानिकों ने चिप आधारित पीसीआर टेस्ट का इस्तेमाल किया। जांच के दौरान उन्हें इन सभी मरीजों के हृदय के ऊतकों के सैंपल के रूप में लिए गए कार्डियोमायोसाइट्स में वायरस का वायरल आरएनए मिला है। इसके अलावा कोशिकाओं में घुसने के लिए वायरस की मदद करने वाले स्पाइक प्रोटीन की भी डिटेक्ट किया गया है। शोधकर्ताओं की मानें तो इलेक्ट्रोन माइक्रोस्कोपी से इन वायरस पार्टिकल्स की मौजूदगी की संपूर्ण पहचान की गई है।
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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: इटली के वैज्ञानिकों ने मृत मरीजों के हृदय में कोरोना वायरस के पार्टिकल्स मिलने का दावा किया है
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- Anovate Cream - ₹140
- Pilo GO Cream - ₹80
- Covifor Injection - ₹3780
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- Nirmatrelvir - ₹5000
- Molnupiravir 200 Mg Capsule - ₹1400
- Covihalt 200 Tablet - ₹465
- Ciplenza Tablet - ₹646
- Itolizumab Injection - ₹8220