भारत में कोविड-19 से जुड़े मामलों की संख्या 76 लाख से ज्यादा हो गई है। वहीं, इस बीमारी से मारे गए लोगों का आंकड़ा करीब एक लाख 16 हजार हो गया है। हालांकि कोविड-19 की वजह बने नए कोरोना वायरस को मात देने वाले लोगों की संख्या भी लगभग 68 लाख हो गई है। इससे कोविड-19 के एक्टिव मामले और कम हो कर सात लाख 40 हजार पर आ गए हैं, जो कुल कोरोना मरीजों का दस प्रतिशत से कम है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को देशभर में 54 हजार से ज्यादा नए मरीजों की पुष्टि हुई है। इसी दौरान 717 नई मौतें दर्ज की गई हैं। इस बढ़ोतरी से जहां कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या 76 लाख 51 हजार के पार चली गई है, वहीं मृतकों का आंकड़ा एक लाख 15 हजार 914 तक पहुंच गया है। इसके अलावा, 61 हजार 775 नए स्वस्थ मरीजों के साथ कोरोना मुक्त करार दिए गए लोगों की संख्या भी 67 लाख 95 हजार 103 हो गई है। इस तरह भारत में कोविड-19 का रिकवरी रेट 88.63 प्रतिशत हो गया है, जबकि मृत्यु दर 1.52 प्रतिशत पर बरकरार है।

उधर, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बताया है कि कोरोना वायरस के मरीजों की पहचान करने के लिए किए जा रहे परीक्षणों की संख्या पौने दस लाख के करीब पहुंच गई है। मंगलवार को देशभर में 10 लाख 83 हजार 608 कोविड-19 टेस्ट किए गए हैं। इससे अब तक किए गए टेस्टों की कुल संख्या नौ करोड़ 72 लाख से ज्यादा हो गई है। यह आंकड़ा इस हफ्ते दस करोड़ से आगे जा सकता है।

(और पढ़ें - कोविड-19: कोरोना वायरस को बांधने वाले मॉलिक्यूल की खोज में लगी भारतीय मूल की 14 वर्षीय अनिका चेब्रोलू ने अमेरिका की प्रमुख विज्ञान प्रतियोगिता जीती)

सात लाख के आंकड़े की ओर बढ़ता तमिलनाडु
अब तक देश के तीन राज्यों में कोरोना वायरस ने सात लाख या उससे ज्यादा लोगों को संक्रमित किया है। ये तीन राज्य महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक हैं। हालांकि यह सूची अगले दो दिनों में बढ़ सकती है। दरअसल, तमिलनाडु में कोविड-19 के मरीजों की संख्या 6.94 लाख से ज्यादा हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, गुरुवार को यहां करीब 3,100 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। इससे तमिलनाडु में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा छह लाख 94 हजार के पार चला गया है। यही सिलसिला अगले दो दिन चला तो इस दक्षिण राज्य में भी कोविड मामलों की संख्या आसानी से सात लाख से ज्यादा हो सकती है। इसके अलावा, सार्स-सीओवी-2 वायरस ने तमिलनाडु में अब तक 10 हजार 741 लोगों की जान ली है। इनमें से 47 मृतकों की पुष्टि बीते दिन ही हुई है।

अन्य दक्षिण राज्यों की बात करें तो आंध्र प्रदेश में मरीजों की संख्या सात लाख 90 हजार के करीब पहुंच गई है। मंगलवार को यहां 3,500 से ज्यादा मामलों की पुष्टि हुई है और 28 मौतें दर्ज की गई हैं। इससे आंध्र प्रदेश में कोविड-19 से मारे गए लोगों की संख्या 6,481 हो गई है। कर्नाटक में यह आंकड़ा 10 हजार 608 तक पहुंच गया है। यहां कोरोना वायरस ने लगभग सात लाख 77 हजार लोगों को संक्रमित किया है। मंगलवार को कर्नाटक में तकरीबन 6,300 नए मरीजों का पता चला है और 66 मौतों की पुष्टि की गई है। उधर, एक और दक्षिण राज्य केरल में 24 नए मृतकों का पता चला है, जबकि नए मामलों की संख्या कर्नाटक से भी ज्यादा दर्ज की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते 24 घंटों में केरल में 6,591 नए मरीजों की पुष्टि हुई है, जिससे राज्य में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या साढ़े तीन लाख के आंकड़े को पार करती हुई तीन लाख 53 हजार तक पहुंच गई है। इनमें से 1,200 से ज्यादा संक्रमितों की मौत हो चुकी है।

(और पढ़ें - भारत में कोविड-19 से बच्चों में ब्रेन नर्व डैमेज का पहला मामला सामने आया, एम्स के डॉक्टरों ने की पुष्टि)

मरीजों को 24 घंटे में टेस्ट रिजल्ट जानने का हक: हाई कोर्ट
कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका के चलते लोग बड़ी संख्या में अपना आरटी-पीसीआर टेस्ट करवा रहे हैं। हालांकि कई मामलों में इस टेस्ट का परिणाम आने में काफी समय लग रहा है। इस बारे में संज्ञान लेते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार से कहा है कि लोगों को आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाने के 24 घंटों के अंदर उसका परिणाम जानने का अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि परिणाम आने में अक्सर चार-चार दिनों तक का समय लग जाता है, जिससे लोग खुद के संक्रमण की चपेट में होने को लेकर 'गहरे अंधेरे' में रहते हैं। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि ऐसा भी अक्सर होता है कि टेस्ट नेगेटिव आने पर व्यक्ति को इसकी जानकारी ही नहीं दी जाती।

बेंच ने यह टिप्पणी दिल्ली सरकार के उस बयान पर की है, जिसमें उसने कहा था कि आरटी-पीसीआर टेस्ट से 24 घंटों में परिणाम आ जाता है। इस पर बेंच ने कहा कि परिणाम घोषित करने का समय 24 घंटों से कहीं ज्यादा है, बल्कि यह '84 घंटों' तक चला जाता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार जिन लैब्स को सैंपल भेजती है, वे अक्सर उनकी रिपोर्ट भेजने पर ध्यान नहीं देतीं, जिसके चलते टेस्ट कराने वाला व्यक्ति ज्यादा समय तक चिंता में रहता है। इसके बाद कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह इस बारे में स्टेटस रिपोर्ट सबमिट कराए, जिसमें बताया गया हो कि टेस्टिंग से जुड़ा सिस्टम किस तरह काम करता है। साथ ही यह भी कहा कि टेस्ट कराने वाले व्यक्ति को हर हाल में 24 घंटे के अंदर परिणाम की रिपोर्ट मिलनी चाहिए।

(और पढ़ें - कोविड-19 संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- भारत में स्थिति संभल रही है, लेकिन जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं)

कोविड-19 से जुड़ी अन्य बड़ी राष्ट्रीय अपडेट्स

  • 8,151 नए मामलों के साथ महाराष्ट्र में मरीजों की संख्या 16 लाख 9,516 हुई
  • भारत में रेमडेसिवीर का इस्तेमाल जारी रहने की संभावना: मीडिया रिपोर्ट
  • दिल्ली में 24 घंटों में 3,500 से ज्यादा मरीजों और 41 मौतों की पुष्टि
  • सीएसआईआर के क्लिनिकल ट्रायल से जुड़ी जानकारी के लिए वेबसाइट लॉन्च
  • पश्चिम बंगाल में करीब 3.30 लाख मामले, 4,000 से ज्यादा नए मरीजों की पुष्टि
  • कोविड वैक्सीनेशन के पहले चरण में मध्य प्रदेश को मिल सकती हैं एक करोड़ वैक्सीन
  • मध्य प्रदेश में मृतकों की संख्या 2,800 के पार, अब तक 1.62 लाख मामले सामने आए
  • डिजिटाइज्ड नेटवर्क के जरिये वैक्सीन डिलिवरी सिस्टम तैयार कर रहा भारत: पीएम मोदी
  • पंजाब में 4,037 लोगों की मौत, एक लाख 28 हजार से ज्यादा संक्रमित
  • दिल्ली: स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को को-इन्फेक्शन्स पर नजर रखने को कहा


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: भारत में 76.51 लाख से ज्यादा मरीज हुए, करीब 1.16 लाख की मौत, 67.95 लाख से ज्यादा की जान बची, एक्टिव मामलों की दर दस प्रतिशत से कम हुई है

ऐप पर पढ़ें