देश में कोविड-19 से लोगों का बीमार पड़ना और मरना जारी है। अब तक 35,000 से ज्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी हैं, जिनमें से 1,154 लोग मारे गए हैं। गुरुवार तक यह आंकड़ा 1,075 था। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, 18 अप्रैल से पहले 60 साल से कम उम्र के लोगों की मौत का आंकड़ा 25 प्रतिशत था। लेकिन अब ये बढ़कर लगभग 50 प्रतिशत हो गया है। वहीं, जिन 75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए यह बीमारी ज्यादा जानलेवा बताई गई थी, उनकी मौतों के आंकड़े में कमी दर्ज की गई है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस के संक्रमण से मारे गए इन 1,075 मृतकों में से 14 प्रतिशत ऐसे थे, जिनकी उम्र 45 साल से कम थी। वहीं, 45 से 60 साल की उम्र के बीच के मृतकों की संख्या 34.8 प्रतिशत रही। हालांकि, इस बदलाव के बावजूद मारे गए लोगों में वृद्ध आयु के लोगों की संख्या अभी भी 50 प्रतिशत से ज्यादा है। खबरों के मुताबिक, 42 प्रतिशत मृतकों की उम्र 60 से 75 साल के बीच है, जबकि इससे भी ज्यादा उम्र के मृतकों का आंकड़ा 9.2 प्रतिशत है। इसका मतलब है कि 48.8 प्रतिशत पीड़ितों की उम्र 60 साल से कम थी।

इससे पहले बीती 18 अप्रैल तक देश में कोविड-19 से 488 लोगों की मौत हुई थी। तब स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने विश्लेषण के तहत आंकड़ पेश किए थे। इनमें बताया गया था कि मृतकों में 42.2 प्रतिशत की उम्र 75 साल से ज्यादा है। वहीं, 60 से 75 साल की उम्र के मृतक 33.1 प्रतिशत हैं। 45 से 60 साल की उम्र के बीच के मृतकों का आंकड़ा 10.3 प्रतिशत है और 45 से कम उम्र के 14.4 प्रतिशत लोग कोविड-19 से मारे गए हैं। यानी ऐसे मृतक केवल 24.7 प्रतिशत थे, जिनकी आयु 60 साल के कम थी। अब यह संख्या लगभग 50 प्रतिशत हो गई है।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोरोना वायरस: मृतकों में 60 साल से कम उम्र के लोगों की संख्या बढ़ी, 25 से करीब 50 फीसदी हुआ आंकड़ा है

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