बेल्जियम में एक डोनर के दोनों फेफड़ों का ट्रांसप्लांटेशन मेडिकल एक्सपर्ट के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, यह व्यक्ति कोविड-19 से ग्रस्त था। हाल में उसकी मौत के बाद उसके दोनों लंग्स ट्रांसप्लांट किए गए थे। ऐसा पहली बार है जब कोविड-19 के मरीज रहे किसी व्यक्ति के फेफड़ों को दूसरे व्यक्ति में लगाया गया है। इस मामले से यह साफ हुआ है कि अगर सही डोनर का चुनाव किया जाए तो कोरोना संक्रमण से प्रभावित रहे फेफड़ों को भी सुरक्षित ढंग से ट्रांसप्लांट किया जा सकता है।
खबर के मुताबिक, बेल्जियम के लूवेन शहर स्थित एक यूनिवर्सिटी के मेडिकल एक्सपर्ट्स ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया था, जिससे जुड़ी जानकारी को अंतरराष्ट्रीय मेडिकल पत्रिका दि लांसेट ने प्रकाशित किया है। मामले से जुड़े विशेषज्ञों ने कहा है कि इस ट्रांसप्लांट से उम्मीद जगी है कि कोविड-19 से ग्रस्त होने के बाद भी किसी व्यक्ति के लंग्स रिकवर हो सकते हैं और उन्हें ट्रांसप्लांट भी किया जा सकता है। यह बात इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि अभी कोरोना वायरस से लोगों के संक्रमित होने का सिलसिला रुका नहीं है, लिहाजा संभावित ऑर्गेन डोनर भावी रूप से वायरस की चपेट में आएंगे। ऐसे में भविष्य में लंग्स ट्रांसप्लांट में कोरोना संकट के कारण आई बाधाओं को दूर करने में यह मामला मददगार साबित हो सकता है।
(और पढ़ें - कोविड-19: संक्रमण से ठीक हुए मरीजों के फेफड़ों के टिशूज में दिखी अच्छी रिकवरी- वैज्ञानिक)
इस संदर्भ में ट्रांसप्लांट फिजिशन के सामने दो सवाल खड़े होते हैं। एक, ऑर्गन डोनर (अंगदाता) से ऑर्गन रिसिपेंट (जिसके शरीर में अंग प्रत्यारोपित किया गया) में वायरस ट्रांसमिट होने का कितना खतरा होता है। दूसरा, क्या कोविड-19 से फेफड़े इतने डैमेज हो सकते हैं कि उनकी रिकवरी नहीं हो सकती और जिसके चलते उन्हें ट्रांसप्लांट नहीं किया जा सकता।
ये सवाल इसलिए जायज हैं कि क्योंकि माना जाता है कि कोविड-19 टेस्ट नेगेटिव आने के बाद भी मरीज के फेफड़ों में वायरस किसी न किसी मात्रा में मौजूद रह सकता है। यह स्थिति लंग डोनर पर भी लागू होती है। ऐसे में संभावित खतरा यह हो सकता है कि ट्रांसप्लांटेशन के बाद वायरस डोनर से लंग रिसीव करने वाले मरीज में नया संक्रमण न पैदा कर दे। इस प्रकार का इन्फेक्शन काफी खतरनाक हो सकता है, क्योंकि ट्रांसप्लांट करने के बाद रिसिपेंट को इम्यून सिस्टम को दबाने वाली दवाएं दी जाती हैं, जबकि कोरोना संक्रमण होने पर शरीर को इसकी जरूरत होती है। इसके अलावा, अलग-अलग अध्ययन यह भी बताते हैं कि कोविड-19 से जुड़ी इन्फ्लेमेशन से फेफड़ों की गुणवत्ता दीर्घकालिक रूप से प्रभावित होती है। ऐसे में पहले से कमजोर फेफड़े रिसिपेंट के लिए कितने लाभकारी होंगे कहना मुश्किल होता है।
(और पढ़ें - कोविड-19: फेफड़ों के रोगियों के लिए मास्क पहनना फायदेमंद, ऑक्सीजन की कमी का खतरा नहीं-रिसर्च)
हालांकि अगर डोनर कोरोना वायरस से मामूली रूप से संक्रमित हुआ हो तो शायद उसके लंग्स ट्रांसप्लांटेशन के योग्य हो सकते हैं। बेल्जियम में हुए ट्रांसप्लांट में यह लिंक मिलता है। यहां ट्रांसप्लांटेशन के लिए जिस डोनर के लंग्स इस्तेमाल किए गए, उसमें माइल्ड कोविड इन्फेक्शन की पुष्टि हुई थी। ट्रांसप्लांटेशन से पहले उसके फेफड़ों की जांच की गई थी, जिसमें उनकी फंग्शनल कंडीशन काफी अच्छी थी और सीटी स्कैन में किसी प्रकार के डैमेज के संकेत नहीं मिले थे। इस आधार पर ट्रांसप्लांट करने वाले सर्जन, पल्मोनोलॉजिस्ट और वायरोलॉजिस्ट ने तय किया कि इन्हें ट्रांसप्लांट करने से रिसिपेंट को कम से कम खतरा है। इसके बाद ऑपरेशन की प्रक्रिया आसानी से पूरी की गई और बाद में हुए कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट भी नेगेटिव निकली।
इस ऑपरेशन की जानकारी देते हुए यूनिवर्सिटी के लंग ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. लॉरेंस सूलेमान ने बताया, 'एक महीने बाद भी मरीज में कोई समस्या दिखाई नहीं दी और उससे अच्छे स्वास्थ्य के साथ डिस्चार्ज कर दिया गया। यह सब हुए तीन महीने से ज्यादा का समय गुजर चुका है और रिसिपेंट के फेफड़े अच्छे से काम कर रहे हैं। फिर से किए गए सीटी स्कैन में भी कोई असामान्य बात नजर नहीं आई है।'
(और पढ़ें - कोविड-19: रिकवर हुए मरीजों को स्वास्थ्य लाभ देने से फेफड़ों और हृदय की क्षति में हुआ सुधार: वैज्ञानिक)
उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें बेल्जियम में पहली बार किसी कोविड-19 मरीज के दोनों फेफड़ों को सफलतापूर्वक दूसरे व्यक्ति में ट्रांसप्लांट किया गया, मिले कई सवालों के जवाब है
- Proctosedyl BD Cream - ₹108
- Anovate Cream - ₹140
- Pilo GO Cream - ₹80
- Covifor Injection - ₹3780
- Fabiflu 200 Mg Tablet - ₹1292
- Fabiflu 400 Tablet - ₹856
- Fabiflu (Favipiravir) 400 Mg Tablet - ₹1224
- Fabiflu (Favipiravir) 200 Mg Tablet - ₹1292
- Remdesivir Injection - ₹10500
- Molusafe Capsule - ₹457
- Movfor 200 Mg Capsule - ₹2490
- Molflu 200 Mg Capsule - ₹1400
- Molulife 200 Capsule - ₹1399
- Cipmolnu 200 Mg Capsule - ₹2000
- Molxvir 200 Mg Capsule - ₹1520
- Immunocin Alpha Plus 1.6mg Injection - ₹5998
- Alzumab Injection - ₹8229
- Imualfa 1.6mg Injection 1ml - ₹2628
- Molnutor 200 Mg Capsule - ₹2000
- Sotrovimab Injection - ₹165000
- Nirmatrelvir - ₹5000
- Molnupiravir 200 Mg Capsule - ₹1400
- Covihalt 200 Tablet - ₹465
- Ciplenza Tablet - ₹646
- Itolizumab Injection - ₹8220