भारत में हाल ही के दिनों में कोरोना वायरस के संक्रमित मामलों में बेशक कमी आई हो, लेकिन कोविड-19 महामारी का प्रकोप अब तक जारी है। देश में कोरोना वायरस के कुल संक्रमित मरीजों की तादाद (19 अक्टूबर तक) साढ़े 75 लाख के पार पहुंच गई है, जबकि मरने वालों का आंकड़ा करीब एक लाख 15 हजार (114,642) हो गया है। हालत यह है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने देश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात को स्वीकार किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई महीनों के इनकार के बाद डॉ. हर्षवर्धन ने रविवार को स्वीकार किया कि भारत में नए कोरोना वायरस का "कम्युनिटी ट्रांसमिशन" देखने को मिल रहा है। हालांकि, उनका मानना है कि यह अभी केवल कुछ ही राज्यों के सीमित जिलों तक सीमित है। 

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सीमित राज्यों के कुछ जिलों में कम्युनिटी ट्रांसमिशन
दरअसल बीते सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि बंगाल में सामुदायिक स्तर पर सार्स-सीओवी-2 वायरस फैलना शुरू हो गया है। ममता बनर्जी के बयान के बाद ही स्वास्थ्य मंत्री ने यह माना है कि बंगाल समेत कुछ राज्यों के जिलों में संक्रमण के सामुदायिक स्तर पर फैलने के प्रमाण मिले हैं। खासकर के घने क्षेत्रों में। हालांकि, पूरे देश में कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है। हर्षवर्धन ने अपने संडे संवाद के दौरान यह जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने आश्वासन भी दिया कि भारत में अभी तक कोरोना वायरस का कोई भी उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) नहीं पाया गया है, जो अधिक संक्रामक या अधिक रोगजनक हो।

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डॉ. हर्षवर्धन ने दोहराते हुए कहा कि समाचार पत्र अब भी सुरक्षित हैं, क्योंकि ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है, जिससे यह साबित होता हो कि समाचार पत्रों (न्यूज़ पेपर) के माध्यम से नया कोरोना वायरस फैल सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि अखबार पढ़ना कोविड-19 महामारी के दौरान भी पूरी तरह सुरक्षित है।

लापरवाही से संक्रमण फैलने का जोखिम
मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि हाल ही में केरल राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसका जिक्र करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 मामलों की संख्या में अचानक वृद्धि के लिए ओणम त्योहार के दौरान केरल राज्य की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है। यही वजह है कि केरल अपनी घोर लापरवाही की कीमत चुका रहा है। बता दें कि केरल के प्रसिद्ध पर्व ओणम के दौरान बड़ी संख्या में भीड़ जुटी थी, लेकिन लोगों की भारी संख्या को देखते हुए वहां पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी।

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डॉ. हर्षवर्धन के मुताबिक केरल में 30 जनवरी और 3 मई के बीच नए कोरोना वायरस से जुड़े महज 499 मामले सामने आए थे, जबकि संक्रमण के चलते केवल दो मरीजों की मौत हुई थी। राहत की बात यह थी कि उस समय केरल के कुछ जिलों तक वायरस का प्रसार था। हालांकि, इसके बाद संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी देखने को मिली। हर्षवर्धन ने कहा कि राज्य के अंदर और बाहर यात्रा शुरू होने से मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: देश के कुछ जिलों में कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन के मिले सबूत- डॉ. हर्षवर्धन है

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