कोविड-19 इंफेक्शन अब तक की सबसे बड़ी वैश्विक महामारी बन चुकी है जिसने दुनियाभर के करीब 190 देशों को प्रभावित कर रखा है। आंकड़ों की मानें तो अब तक 18 लाख से ज्यादा लोग इस बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं और करीब 1 लाख 15 हजार लोगों की मौत भी हो चुकी है। चूंकि यह एक नया वायरस है इसलिए डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को इस वायरस के बारे में ज्यादा जानकारी अब तक नहीं मिल पायी है जिस वजह से अब तक इस बीमारी का कोई इलाज या टीका खोजा नहीं जा सका है। 

लॉकडाउन से लेकर फिजिकल डिस्टेंसिंग तक- सभी तरह के जरूरी और सख्त कदम उठाए जाने के बावजूद इस बीमारी को फैलने से रोकने में सफलता नहीं मिल पा रही है। भारत का ही उदाहरण लें तो यहां भी 21 दिनों के लॉकडाउन के बावजूद हर दिन कोविड-19 के सैंकड़ों केस सामने आ रहे हैं। संक्रमित मरीजों की बात करें तो कोविड-19 के कुछ मरीजों में जहां हल्के-फुल्के लक्षण जैसे- बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ की समस्या नजर आती है वहीं, कई मरीज ऐसे भी हैं जिनमें कोविड-19 के गंभीर लक्षण जैसे- सांस लेने में बेहद मुश्किल होना, सीने में लगातार दर्द रहना, भ्रम की स्थिति बने रहना और चेहरे और होंठों का रंग नीला पड़ना शामिल है।

(और पढ़ें: जानें कोविड-19 के गंभीर और हल्के लक्षणों के बारे में)

एक तरफ जहां डॉक्टर और वैज्ञानिक अब तक कोविड-19 बीमारी को समझने की कोशिश में लगे हैं, वहीं इस इंफेक्शन से जुड़ा एक नया लक्षण कई मरीजों में नजर आ रहा है और वह लक्षण है आंखों से जुड़ा हुआ। इस आर्टिकल में हम आपको यही बताने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर कोविड-19 इंफेक्शन आंखों को किस तरह से प्रभावित करता है और इस संक्रमण के बाद आंखों में किस तरह का लक्षण नजर आता है।

  1. क्या आंखों पर भी होता है कोविड-19 का असर?
  2. कोविड-19 के मरीजों में आंखों से संबंधित कौन से लक्षण दिखते हैं?
  3. कोविड-19 इंफेक्शन से आंखों को बचाने के लिए क्या करें?
  4. क्या आंखों को भी प्रभावित करता है कोविड-19 इंफेक्शन? के डॉक्टर

इस बारे में अब तक कई शोध किए जा चुके हैं, यह जानने के लिए कि क्या कोविड-19 का संक्रमण आंखों को भी प्रभावित करता है। इससे जुड़े कुछ शोध इस प्रकार हैं:

  • इससे जुड़ी पहली स्टडी जर्नल ऑफ मेडिकल विरोलॉजी नाम की पत्रिका में प्रकाशित हुई थी। इस शोध में कोविड-19 के 30 मरीजों को शामिल किया गया जो चीन के रहने वाले थे और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शोध के लिए इन मरीजों के आंसू और नेत्रश्लेष्मला स्त्राव यानी conjunctival secretion की टेस्टिंग की गई। टेस्ट के बाद आए नतीजों में से एक मरीज का सैंपल कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया। इसका मतलब है कि सार्स-सीओवी-2 वायरस का लिंक उस मरीज की आंखों से था।
  • एक दूसरी स्टडी न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुई जिसमें चीन के 30 अस्पतालों में भर्ती 1099 कोविड-19 मरीजों को शामिल किया गया था। स्टडी के नतीजों में डॉक्टरों ने बताया कि उन 1099 मरीजों में से 9 मरीज में कन्जन्क्टिवल कंजेशन के मामले सामने आए। हालांकि इन मरीजों के आंसू का सैंपल नहीं लिया गया था इसलिए इस बात की पुष्टि नहीं हो पायी कि इनके आंसूओं में वायरस मौजूद था या नहीं।
  • JAMA ऑप्थैमोलॉजी नाम की पत्रिका में 31 मार्च 2020 को प्रकाशित एक केस स्टडी में यह बात सामने आयी कि चीन के हुबेई प्रांत में कोविड-19 के 38 कंफर्म्ड मामलों में से 12 में आंखों से संबंधित समस्याएं जैसे- केमोसिस और एपिफोरा पाया गया।

(और पढ़ें: श्वसन रोग के गंभीर मरीजों में कोविड-19 बीमारी की दर बढ़ी)

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कोविड-19 के मरीजों में आंखों से जुड़े निम्नलिखित लक्षण नजर आते हैं:

कोविड-19 इंफेक्शन से अपनी आंखों को सुरक्षित रखने के लिए आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • वैसे लोग जो बीमार हैं उनसे दूरी बनाकर रखें।
  • कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक से खुद को कम से कम 1 मीटर की दूरी पर रखें क्योंकि यह बीमारी फैलने की सबसे बड़ी वजह है।
  • अपनी आंखों को गंदे हाथों से बार-बार बिलकुल न छूएं।
  • अपने हाथों को बार-बार साबुन पानी से अच्छी तरह से धोते रहें

स्वास्थ्यकर्मियों को भी अपनी आंखों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • हेल्थकेयर वर्कर्स को अपनी आंखों पर सुरक्षात्मक चश्मे लगाकर रखना चाहिए और चेहरे पर फेस शील्ड ताकि संक्रमित व्यक्ति से बनने वाले एरोसोल से वे खुद को सुरक्षित रख पाएं। खासकर संक्रमित व्यक्ति का सैंपल इक्ट्ठा करते वक्त और उन्हें इंडोट्रैचियल ट्यूब लगाते वक्त ज्यादा सावधानी बरतें।
  • अपने हाथों को साबुन पानी से धोएं बिना अपनी आंखों को बिलकुल न छूएं।

(और पढ़ें: जानें मास्क पर कितने समय तक जीवित रह सकता है कोरोना वायरस)

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