भ्रम रोग - Delusional Disorder in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

September 17, 2018

September 06, 2021

भ्रम रोग
भ्रम रोग

भ्रम रोग क्या होता है ?

भ्रम रोग एक ऐसा मनोविकार है जिसमें व्यक्ति वास्तविक और काल्पनिक में अंतर नहीं कर पाता है। इस रोग में व्यक्ति काल्पनिक चीज़ों पर विश्वास करता है। भ्रम कई मानसिक रोगों का एक लक्षण हो सकता है लेकिन भ्रम रोग उसे कहते हैं जब व्यक्ति को मुख्य रूप से भ्रम की समस्या हो रही हो। भ्रम रोग ऐसी स्थिति है जिसमें रोगी एक महीने या उससे अधिक समय के लिए एक या एक से अधिक विषय के बारे में भ्रमित रहता है।

(और पढ़ें - मानसिक रोग का इलाज)

भ्रम रोग से ग्रस्त व्यक्ति अपने सामान्य कार्य करता रहता है और कोई अजीब व्यवहार नहीं करता। हालांकि, वह भ्रम से इतना अधिक प्रभावित हो जाता है कि इससे उसके सामान्य जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है।

भ्रम रोग के परीक्षण के लिए एक मनोचिकित्सक व्यक्ति के लक्षणों की जांच करते हैं। इसके इलाज के लिए दवाओं और काउंसलिंग (परामर्श) की आवश्यकता होती है। लम्बे समय तक भ्रम रोग से ग्रस्त रहने से रोगी को कानूनी और आर्थिक समस्याएं हो सकती हैं क्योंकि वह अपने भ्रम के कारण मुसीबत में फंस सकते हैं।

(और पढ़ें - मनोचिकित्सा क्या है

भ्रम रोग के प्रकार - Types of Delusional Disorder in Hindi

भ्रम रोग के प्रकार कितने होते हैं ?

भ्रम रोग के कुछ प्रकार होते हैं और हर प्रकार के भ्रम का अलग विषय होता है। यह प्रकार निम्नलिखित हैं -

  • सोमैटिक (Somatic) - सोमैटिक प्रकार के भ्रम रोग में व्यक्ति को ऐसा लगता है कि उन्हें कुछ महसूस हो रहा है या उन्हें कोई शारीरिक अक्षमता है। जैसे - दुर्गन्ध आना और ऐसा लगना जैसे उनकी त्वचा पर या उसके अंदर कीड़े रेंग रहे हैं।
  • पर्सिक्यूटरी (Persecutory) - पर्सिक्यूटरी प्रकार के भ्रम रोग में व्यक्ति को ऐसा लगता है कि -
  1. उन्हें धोखा दिया जा रहा है,
  2. उनकी जासूसी की जा रही है, (और पढ़ें - मतिभ्रम का इलाज)
  3. उनका पीछा किया जा रहा है,
  4. उन्हें ड्रग्स दिए जा रहे हैं,
  5. उन्हें बदनाम किया जा रहा है या
  6. किसी भी तरह से उनके साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है।

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  • ग्रेन्डिओस (Grandiose) - ग्रेन्डिओस प्रकार के भ्रम रोग में व्यक्ति को ऐसा लगता है कि उसके पास कोई खास योग्यता, विशेष पहचान, ज्ञान या शक्ति है या उनका किसी मशहूर व्यक्ति या भगवान के साथ रिश्ता है।
  • जेलेस (Jealous) - जेलेस प्रकार के भ्रम रोग में व्यक्ति को ऐसा लगता है कि उसका साथी उसके साथ वफादार नहीं है। (और पढ़ें - बाइपोलर डिसआर्डर के लक्षण)
  • एरोटोमैनिक (Erotomanic) - एरोटोमैनिक प्रकार के भ्रम रोग में व्यक्ति को ऐसा लगता है कि कोई उनसे बेहतर व्यक्ति उनसे प्यार करता है।
  • मिक्स्ड (Mixed) - मिक्स्ड प्रकार के भ्रम रोग में व्यक्ति को ऊपर दिए गए अलग-अलग प्रकारों के लक्षण साथ में होते हैं।
  • अनस्पेसिफाइड (Unspecified) - अगर किसी व्यक्ति के भ्रम रोग के लक्षण ऊपर दिए गए किसी भी प्रकार में नाहीं आते हैं, तो वह अनस्पेसिफाइड प्रकार होता है।

(और पढ़ें - व्यक्तित्व विकार के लक्षण)

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भ्रम रोग के लक्षण - Delusional Disorder Symptoms in Hindi

भ्रम रोग के लक्षण क्या होते हैं ?

भ्रम रोग के शुरूआती लक्षण निम्नलिखित हैं -

  • खुद को शोषण का शिकार समझना (और पढ़ें - यौन शोषण)
  • दोस्तों की वफादारी और विश्वसनीयता के लिए संदेह
  • अच्छी बातों या छोटी-मोटी घटनाओं के भी डराने वाले मतलब निकालना
  • मन में शिकायतें रखना
  • किसी भी बात पर तुरंत प्रतिक्रिया देना

(और पढ़ें - यौन उत्पीड़न क्या है)

भ्रम रोग से ग्रस्त लोगों को दूसरे लोगों पर शक करने और विश्वास न करने की आदत बड़े होने पर शुरू हो जाती है और अंत तक रहती है।

मनोसामाजिक लक्षण

  • आसानी से उत्तेजित हो जाना
  • मानसिक खतरों से बचते हुए खुद को नुकसान पहुंचाना
  • मानसिक विकार की शुरुआत होना या उसका बढ़ना
  • सामाजिक रिश्तों में समस्याएं (और पढ़ें - रिश्तों को बेहतर और मजबूत कैसे बनाये)
  • प्रेम संबधों में कड़वाहट
  • भ्रम के कारण लोगों से लड़ना
  • जानबूझकर खुद को अकेला रखना
  • काम करने में कठिनाई होना

(और पढ़ें - मानसिक रोग दूर करने के उपाय)

व्यावहारिक लक्षण

  • दूसरों के प्रति आक्रामक व्यवहार
  • हमेशा सामने वाले व्यक्ति के विपरीत बोलना
  • अजीब व्यवहार करना, जैसे - लगातार खंरोचते रहना
  • दफ्तर में ठीक से काम न कर पाना
  • भ्रम का विषय न होने पर अमूमन सामान्य व्यवहार करना

(और पढ़ें - आटिज्‍म के लक्षण)

भ्रम रोग के कारण और जोखिम कारक - Delusional Disorder Causes & Risk Factors in Hindi

भ्रम रोग के कारण क्या होते हैं ?

कई अन्य मानसिक विकारों की तरह ही भ्रम रोग के कारणों का भी अभी तक पता नहीं चल पाया है। इसके लिए अनुवांशिक, जैविक और पर्यावरणीय कारकों को जिम्मेदार माना जाता है।

  • अनुवांशिक कारण
    भ्रम रोग उन लोगों में अधिक आम है जिनके परिवार में किसी को भ्रम रोग या स्किज़ोफ्रेनिया है, इसीलिए इससे यह समझा जाता है कि अनुवांशिकता भ्रम रोग का एक कारण हो सकती है। ऐसा माना जाता है कि भ्रम रोग होने की प्रवृत्ति माता-पिता से बच्चों में आती है।
     
  • जैविक कारण
    शोधकर्ता इस बात पर खोज कर रहे हैं कि कैसे मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में नुकसान पहुंचने से भ्रम रोग हो सकता है। दिमाग में कुछ पदार्थों के असंतुलन को भी भ्रम रोग का कारण माना जाता है।
    (और पढ़ें - डर लगने का कारण)

भ्रम रोग होने का खतरा कब बढ़ जाता है ?

भ्रम रोग के निम्नलिखित जोखिम कारक हो सकते हैं -

  • चिंता (स्ट्रेस) (और पढ़ें - चिंता का इलाज)
  • शराब व ड्रग्स लेना (और पढ़ें - नशे की लत)
  • जो लोग अकेले रहते हैं, जैसे - बाहर से आए लोग, कम सुनने या देखने वाले लोग, आदि उन्हें भ्रम रोग होने का जोखिम अधिक होता है। 

(और पढ़ें - सुनने में परेशानी के घरेलू उपाय)

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भ्रम रोग से बचाव - Prevention of Delusional Disorder in Hindi

भ्रम रोग से बचाव कैसे होता है ?

भ्रम रोग से बचने का कोई उपाय नहीं है। हालांकि, इसका जल्दी पता चलने और इलाज होने से व्यक्ति के जीवन, परिवार और दोस्तों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम किया जा सकता है।

(और पढ़ें - ऑटिज्म का इलाज)

भ्रम रोग का परीक्षण - Diagnosis of Delusional Disorder in Hindi

भ्रम रोग का परीक्षण कैसे होता है ?

अगर आपको भ्रम रोग के लक्षण अनुभव हो रहे हैं, तो डॉक्टर आपको पहले हुई समस्याओं की जांच करेंगे और आपका एक शारीरिक परीक्षण भी करेंगे।

  • हालांकि भ्रम रोग का पता लगाने के लिए कोई परीक्षण उपलब्ध नहीं है, लेकिन आपके डॉक्टर एक्स रे और ब्लड टेस्ट जैसे टेस्ट से आपके लक्षणों के शारीरिक कारण का पता लगाएंगे। (और पढ़ें - क्रिएटिनिन टेस्ट क्या होता है)
  • अगर परीक्षणों से भ्रम रोग की किसी शारीरिक वजह का पता नहीं चल पाता है, तो आपके डॉक्टर आपको मनोचिकित्सक या मनोविज्ञानी के पास भेज सकते हैं जो मानसिक बीमारियों की वजह का पता लगाते हैं। (और पढ़ें - पैप स्मीयर टेस्ट)
  • यह मनोचिकित्सक व्यक्ति के लक्षणों व व्यवहार के आधार पर भ्रम रोग का निदान करते हैं और उनसे कुछ सवाल जवाब भी करते हैं। इसके लिए विशेष तौर से तैयार किए गए प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनके उत्तरों के आधार पर रोगी की स्थिती का अनुमान लगाया जाता है। इस दौरान मनोचिकित्सक और मनोविज्ञानी रोगी के बर्ताव पर निगाह रखते हैं और इसी के आधार पर रोगी की स्थिती के बारे में निष्कर्ष निकाले जाते हैं।  (और पढ़ें - एसजीपीटी टेस्ट)
  • इसी निष्कर्ष के आधार पर यह देखा जाता है कि रोगी को किस श्रेणी की दिक्कत है और किस स्तर की दिक्कत है जिसके आधार पर इलाज मुहैया करवाया जाता है।  (और पढ़ें - लैप्रोस्कोपी क्या होता है)
  • एक महीने तक भ्रम बना रहने और इसके साथ कोई अन्य मनोवैज्ञानिक दिक्कत न होने पर इसे भ्रम रोग ही माना जाता है। (और पढ़ें - सीआरपी ब्लड टेस्ट)
  • भ्रम रोग का पता लगाना तब अधिक मुश्किल होता है जब रोगी अपने विचारों को छुपाता है। रोगी को ऐसा लगता है कि उसके विचार वास्तविक हैं, इसीलिए वह इलाज लेने के लिए तैयार नहीं होता। (और पढ़ें - एचएसजी टेस्ट क्या है)
  • रोगी के दोस्तों और परिवार के सदस्यों से बात करने से भ्रम रोग का पता लगाने में मदद मिल सकती है।  (और पढ़ें - ब्रोंकोस्कोपी टेस्ट)
  • कुछ दुर्लभ मामलों में, अगर भ्रम रोग के लिए तंत्रिकाओं या कोई चिकित्सक समस्या पर संदेह होता है, तो आपके डॉक्टर इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राम (Electroencephalogram), एमआरआई और सीटी स्कैन जैसे परीक्षण कर सकते हैं।

 (और पढ़ें - बोन डेंसिटी टेस्ट)

भ्रम रोग का इलाज - Delusional Disorder Treatment in Hindi

भ्रम रोग का इलाज कैसे होता है ?

भ्रम रोग के इलाज के लिए आमतौर पर दवाओं और मनोचिकित्सा (Psychotherapy) का उपयोग किया जाता है, हालांकि, केवल दवाओं से भ्रम रोग ठीक नहीं हो पाता है। ऐसे लोग जिनके लक्षण गंभीर हैं और वह अपने आप को या दूसरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, उन्हें उनकी स्थिति सामान्य होने तक अस्पताल में रखा जा सकता है।

  • मनोचिकित्सा
    मनोचिकित्सा भ्रम रोग का मुख्य इलाज होता है। इस दौरान सुरक्षित माहौल में रोगी अपने लक्षणों के बारे में बताता है। कई प्रकार की मनोचिकित्सा से रोगी के व्यवहार और मानसिक समस्याओं को ठीक किया जा सकता है। इससे व्यक्ति अपने लक्षणों को नियंत्रित करना सीख सकता है और इससे बचने के उपाय भी जान सकता है।
  1. व्यक्तिगत मनोचिकित्सा से रोगी अपने उन विचारों को जान और बदल पाता है जिनसे उसे भ्रम रोग की समस्या होती है।
  2. व्यवहार थेरेपी से व्यक्ति अपने उन व्यवहारों को जानता और बदलता है जिससे भ्रम रोग की समस्या होती है।
  3. परिवार थेरेपी से रोगी के परिवार के सदस्यों को यह सिखाया जाता है कि वह रोगी के साथ प्यार से पेश आएं।

(और पढ़ें - परिवार चिकित्सा क्या है)

  • दवाएं
    भ्रम रोग का इलाज करने के लिए मुख्य दवाओं को एंटी-सायकॉटिक्स कहा जाता है। भ्रम रोग के लिए निम्नलिखित दवाओं का उपयोग किया जाता है -
  1. पहले के समय से दी जा रहीं एंटी-सायकॉटिक्स दवाएं मस्तिष्क में मौजूद भ्रम उत्पन्न करने वाले डोपामाइन (Dopamine) नामक न्यूरोट्रांसमीटर के कार्य को रोकती हैं।
  2. नई दवाएं भ्रम रोग का इलाज करने में अधिक सफल मानी जाती हैं। यह दवाएं डोपामाइन (Dopamine) और सेरोटोनिन (Serotonin) नामक न्यूरोट्रांसमीटर को रोकती हैं जो भ्रम का कारण बनते हैं।
  3. ट्रैंक्विलाइज़र (Tranquilizers: मस्तिष्क की गड़बड़ी को रोकने के लिए दी जाने वाली दवाएं) और एंटी-डिप्रेसेंट (Anti-depressant) दवाओं से भी भ्रम रोग का इलाज किया जा सकता है।

(और पढ़ें - मस्तिष्क संक्रमण का इलाज)

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भ्रम रोग की जटिलताएं - Delusional Disorder Risks & Complications in Hindi

भ्रम रोग से क्या समस्याएं होती हैं ?

भ्रम रोग से निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं -

  • भ्रम रोग से होने वाली समस्याओं से रोगी डिप्रेशन में जा सकता है।
  • अपने भ्रम को वास्तविक मानने से रोगी का व्यवहार आक्रामक हो सकता है और उसे कानूनी समस्याएं भी हो सकती हैं। उदारहण के तौर पर किसी (अ को) को किसी (ब के लिए) के लिए कोई भ्रम है और वे (अ) उनका (ब का) पीछा करते रहते हैं तो शिकायत किए जाने पर उनकी (अ की) गिरफ्तारी तक हो सकती है। 
  • भ्रम रोग से रोगी अकेला पड़ सकता है, खासकर अगर भ्रम रोग के लक्षण उसके रिश्तों को प्रभावित कर रहे हैं। (और पढ़ें - लिव इन रिलेशनशिप)
  • पैसों की समस्याएं।
  • जॉब चले जाना।

भ्रम रोग से ग्रस्त लोग यह समझ ही नहीं पाते हैं कि उन्हें कोई समस्या है जिसे उपचार की आवश्यकता है। उन्हें इलाज लेने में शर्म भी आ सकती है और डर भी लग सकता है। इलाज न लेने से भ्रम रोग पूरे जीवनभर रहने वाली समस्या बन सकती है।

(और पढ़ें - मनोवैज्ञानिक परीक्षण के प्रकार)



संदर्भ

  1. Stein Opjordsmoen et al. Delusional Disorder as a Partial Psychosis. Schizophr Bull. 2014 Mar; 40(2): 244–247. PMID: 24421383
  2. Cleveland Clinic. [Internet]. Cleveland, Ohio. Delusional Disorder: Management and Treatment
  3. Alistair Munro. Delusional Disorder: Paranoia and Related Illnesses. Cambridge University Press, 1999. 261 pages
  4. National Health Service [Internet]. UK; Cognitive behavioural therapy (CBT)
  5. Chandra Kiran, Suprakash Chaudhury. Understanding delusions. Ind Psychiatry J. 2009 Jan-Jun; 18(1): 3–18. PMID: 21234155

भ्रम रोग की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Delusional Disorder in Hindi

भ्रम रोग के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।