विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यह साफ कर दिया है कि नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 से जुड़े जितने भी प्रमाण उपलब्ध हैं, उनसे यही लगता है कि इस विषाणु की उत्पत्ति जानवरों में ही हुई है, ना कि चीन की किसी लैब में इसे बनाया गया या इसमें बदलाव किए गए। डब्ल्यूएचओ का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कोरोना वायरस के अस्तित्व से जुड़े विवाद ने एक बार फिर जोर पकड़ा हुआ है। एक तरफ अमेरिका, चीन के वुहान शहर स्थित लैब में जाकर वायरस से जुड़ी जांच करना चाहता है, तो दूसरी तरफ हाल ही में फ्रांस के नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक ल्यूक मॉन्टैग्नियर ने दावा किया कि नया कोरोना वायरस, एचआईवी वायरस के संक्रमण के खिलाफ लैब में तैयार किया गया रोगाणु है। अब डब्ल्यूएचओ के बयान के बाद देखना होगा कि इस बहस पर विराम लगता है या नहीं।

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अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता फडेला कैब ने कहा है, 'सभी उपलब्ध साक्ष्य बताते हैं कि यह वायरस किसी जानवर से आया है और किसी लैब या कहीं और बनाया या मैनिप्युलेट नहीं किया गया है।' प्रवक्ता ने कहा कि हालांकि यह अभी साफ नहीं है कि वायरस जानवरों से इन्सानों में कैसे फैला, लेकिन इतना 'निश्चित रूप से' कहा जा सकता है कि ऐसा किसी अन्य जानवर के जरिये ही हुआ है। खबर के मुताबिक, फडेला कैब ने कहा, 'ज्यादा संभावना यही है कि यह (कोरोना वायरस) चमगादड़ों में पैदा हुआ, लेकिन उनसे यह इन्सानों में कैसे फैला यह अभी भी पता लगाना बाकी है।'

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हालांकि, डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता ने इस सवाल का विस्तार से जवाब नहीं दिया कि क्या यह संभव है कि कोई वायरस लैब से अनजाने में निकलकर बाहर के वातावरण में फैल जाए। गौरतलब है कि इस पूरे विवाद के केंद्र में रही 'वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वाइरॉलजी' की प्रयोगशाला इस तरह के सवालों और अफवाहों को खारिज करती रही है। वहीं, हाल में अमेरिका के रक्षा मुख्यालय पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने भी नए कोरोना वायरस के प्राकृतिक होने की ज्यादा संभावना जताई थी। ब्रिटेन के चर्चित अखबार ‘द गार्डियन’ में प्रकाशित एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, पेंटागन के शीर्ष जनरल मार्क मिले ने कहा था कि उन्हें ऐसे कई सबूत मिले हैं जो बताते हैं कि नया कोरोना वायरस किसी लैब में नहीं, बल्कि प्राकृतिक रूप से अस्तित्व में आया है।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें क्या विश्व स्वास्थ्य संगठन के इस बयान के बाद नए कोरोना वायरस के अस्तित्व से जुड़ा विवाद खत्म होगा? है

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