भारत समेत दुनियाभर में कोविड-19 के लाखों मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की अपनी सुरक्षा के लिए पीपीई यानी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वपमेंट को काफी महत्वपूर्ण बताया जाता रहा है। इनकी आपूर्ति में कमी हाल के समय में चर्चा का विषय रही है। इस बीच, एक नए शोध से पता चला है कि कोरोना वायरस से डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के बचाव के लिए जरूरी माने जा रहे पीपीई उन्हें त्वचा संबंधी समस्याएं दे सकते हैं।

मरीजों के इलाज के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों को वायरस बचाने के लिए पीपीई में मास्क, गॉगल्स, फेस शील्ड और गाउन दिए जाते हैं। लेकिन इनका इस्तेमाल उनकी त्वचा के लिए गंभीर रूप से खतरनाक हो सकता है। शोध के हवाले से आई खबरों के मुताबिक, कोविड-19 के मरीजों का इलाज कर रहे मेडिकल स्टाफ ने पीपीई के कारण हुई 'गंभीर स्किन इन्जरी' की शिकायत की है। 'एडवांस इन वाउंड' नाम की पत्रिका ने चीन के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन के आधार पर यह रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसके मुताबिक, पीपीई की वजह से हुए घाव मेडिकल स्टाफ में संक्रमण के खतरे को बढ़ा रहे हैं, जिनकी रोकथाम और इलाज इस समय पर्याप्त नहीं हैं।

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शोध में शामिल अध्ययनकर्ताओं ने कहा है कि वे पीपीई के कारण हो रहे घावों की जांच करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने कोविड-19 से लड़ाई में जुटे कई स्वास्थ्यकर्मियों का आठ से 22 फरवरी के बीच ऑनलाइन सर्वे किया। इसमें शोधकर्ताओं को पता चला कि स्वास्थ्यकर्मियों को तीन प्रकार की पीपीई संबंधी स्किन इन्जरी हो रही थीं। इनमें पीपीई डिवाइस के दबाव के चलते होने वाले घाव, नमी के चलते त्वचा को होने वाले नुकसान और स्किन का फटना शामिल थे।

शोधकर्ताओं ने जाना कि पीपीई पहनने के बाद बहुत ज्यादा पसीाना आने, बहुत देर तक इक्वपमेंट पहनने, ग्रेड 2 के बजाय ग्रेड 3 वाले पीपीई पहनने से स्वास्थ्यकर्मियों को इन्जरी हो रही है। इसके अलावा, पुरुष स्वास्थ्यकर्मी इस तरह की चोटों के मामले में ज्यादा संवेदनशील पाए गए हैं। मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि यह सर्वे आपातकालीन स्थिति में किया गया था, इसलिए इसकी अपनी सीमाएं थीं। मसलन, सर्वे के बाद शोधकर्ता यह पता नहीं लगा पाए कि स्वास्थ्यकर्मियों को मिल रही चोटों के क्या-क्या खतरे हो सकते हैं और उन्हें रोकने के लिए क्या तरीके और उपचार किए जाने चाहिए। ऐसे में शोधकर्ताओं ने कहा है कि इससे उन्हें इस संबंध में और ज्यादा शोध करने का अवसर मिलेगा।

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इससे पहले मार्च में आए एक अन्य शोध में बताया गया था कि लंबे समय तक फेस मास्क पहनने से स्वास्थ्यकर्मियों को समस्याएं आ सकती हैं। 'जर्नल ऑफ वाउंड केयर' नामक पत्रिका में प्रकाशित इस शोध में अध्ययनकर्ताओं ने कहा था कि जो लोग या स्वास्थ्यकर्मी फेस मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें अपनी त्वचा को साफ रखना चाहिए और (पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर) उसे हाइड्रेट रखना चाहिए। इसके अलावा मास्क पहनने से पहले क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए दिए गए पीपीई स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बने मुसीबत, त्वचा पर हो रहे घाव: शोध है

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