स्पोरोट्रीकोसिस क्या है?

स्पोरोट्रीकोसिस त्वचा में होने वाला एक दुर्लभ फंगल संक्रमण है, जिसे "रोज गार्डनर्स डिजीज" भी कहा जाता है। त्वचा संक्रमण, इंफेक्शन का सबसे आम रूप है। आम तौर पर जब फंगस किसी की त्वचा में प्रवेश कर जाता है तब उसको स्पोरोट्रीकोसिस रोग हो सकता है।

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स्पोरोट्रीकोसिस के लक्षण क्या हैं?

स्पोरोट्रीकोसिस के लक्षण अक्सर बीमारी शुरू होने के कुछ हफ्तों तक पहले हल्के-हल्के दिखते हैं। आप त्वचा पर शुरू में एक छोटे से उभार का अनुभव करेंगे जो लाल, गुलाबी या बैंगनी रंग का हो सकता है। यह उभार संक्रमण शुरु होने वाली जगह पर दिखता है, जैसे - आपकी बांह या हाथ पर। इसका स्पर्श करने पर दर्द हो भी सकता है या नहीं भी। स्पोरोट्रीकोसिस के कोई भी लक्षण दिखने में 1 से 12 सप्ताह तक लग सकते हैं।

जैसे ही संक्रमण बढ़ता है, त्वचा का उभार अल्सर में बदल सकता है। आप को प्रभावित क्षेत्र के आसपास गंभीर चकत्ते हो सकते हैं, साथ ही साथ त्वचा पर नए उभार भी हो सकते हैं। कभी-कभी चकत्ते आपकी आंखों को भी प्रभावित कर सकते हैं और यहां तक ​​कि कंजक्टिवाइटिस का कारण बन सकते हैं, जिसे आमतौर पर पिंक आई भी कहा जाता है।

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स्पोरोट्रीकोसिस क्यों होता है?

स्पोरोट्रीकोसिस होने का कारण स्पोरोथ्रिक्स स्केन्की नामक कवक या फंगस है। यह कवक मिट्टी में और पौधे जैसे - दलदल में उगने वाली काई, गुलाब के पौधे और घास में रहता है। आस-पास के वातावरण में फैले फंगल स्पोर्स के संपर्क में आने से लोगों को स्पोरोट्रीकोसिस हो जाता है। स्पोरोट्रीकोसिस के कुछ मामलों का कारण जानवरों, खासकर बिल्ली के काटने या खरोंच मारने से जुड़ा हुआ है।

स्पोरोट्रीकोसिस का इलाज कैसे होता है?

ये संक्रमण जानलेवा नहीं होते हैं, लेकिन एंटीफंगल दवाओं से कुछ महीनों तक नियमित इलाज करवाना चाहिए। इस प्रकार के स्पोरोट्रीकोसिस के लिए सबसे आम दवा इट्राकोनाजोल है, जो मुंह से 3 से 6 महीने तक ली जाती है। सुपरसेचुरेटेड पोटेशियम आयोडाइड (एसएसकेआई) त्वचा के स्पोरोट्रीकोसिस के इलाज का एक अन्य विकल्प है। हालांकि, एसएसकेआई और एजोल दवाओं जैसे इट्राकोनाजोल का उपयोग गर्भावस्था के दौरान नहीं किया जाना चाहिए।

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स्पोरोट्रीकोसिस रोग के गंभीर मरीजों का इलाज आमतौर पर एम्फोटेरिसिन B नामक दवा से किया जाता है, जो नस के माध्यम से दी जाती है। फेफड़ों में स्पोरोट्रीकोसिस हो जाने पर रोगी के संक्रमित ऊतकों को काट कर निकालने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

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