सुखासन दो शब्दों से मिलकर बना है सुख और आसन। इस आसन को करने से आत्मा को सुख व शांति मिलती है। इसलिए इस आसन को सुखासन कहा जाता है। सुखासन को करने से पूरे शरीर में रक्त संचार अच्छे से होता है।
इस लेख में सुखासन करने के तरीके व उससे होने वाले लाभों के बारे में बताया गया है। साथ ही लेख में यह भी बतायाा गया है कि सुखासन के दौरान क्या सावधानी बरतनी चाहिए।
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- सुखासन के फायदे - Sukhasana (Easy Pose) ke fayde in Hindi
- सुखासन करने का तरीका - Sukhasana (Easy Pose) karne ka tarika in Hindi
- सुखासन करने में क्या सावधानी बरती जाए - Sukhasana (Easy Pose) me kya savdhani barten in Hindi
सुखासन के फायदे - Sukhasana (Easy Pose) ke fayde in Hindi
सुखासन के लाभ कुछ इस प्रकार हैं –
- ध्यान के आसनों में सुखासन बहुत ही आरामदायक आसन है।
- जो लोग ध्यान वाले कठिन आसनों में नहीं बैठ सकते हों, वे इस आसन का उपयोग कर सकते हैं।
- यह बिना तनाव, कष्ट और पीड़ा के शारीरिक और मानसिक संतुलन प्रदान करता है।
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सुखासन करने का तरीका - Sukhasana (Easy Pose) karne ka tarika in Hindi
सुखासन करने का तरीका हम यहाँ विस्तार से दे रहे हैं, इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें -
- सबसे पहले पैरों को शरीर के सामने फैला कर बैठ जाएं।
- दाएं पैर को मोड़कर पंजे को बाई जांघ के नीचे रखें।
- बाएं पैर को मोड़कर पंजे को दाहिनी जांघ के नीचे रखें। हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें।
- सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी पर बिना कोई तनाव डाले, उन्हें सीधा रखें।
- आँखों को बंद कर लें।
- पूरे शरीर को ढीला रखें।
- इस आसन को दस मिनट तक करे।
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सुखासन करने में क्या सावधानी बरती जाए - Sukhasana (Easy Pose) me kya savdhani barten in Hindi
सुखासन में बरतने वाली सावधानियां कुछ इस प्रकार हैं –
- घुटनों को जमीन के निकट रखें। अगर ऐसा नही होता है तो इस आसन को आप लंबे समय तक नही कर पाएंगे।
- साथ ही, इससे कूल्हों पर अधिक भार पड़ने से पीठ में दर्द भी हो सकता है।
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