अर्ध बद्ध पद्मोत्तासन का नाम चार शब्दों के मेल से बना है: अर्ध, बद्ध, पद्म, और उत्तान। अर्ध मतलब आधा, बद्ध यानी बाँधा हुआ, पद्म मतलब कमल का फूल और उत्तान मतलब खिचा हुआ।

इस लेख में अर्ध बद्ध पद्मोत्तासन को करने के तरीके और उससे होने वाले लाभों ंके बारे में बताया गया है। साथ में यह भी बताया गया है कि आसन करने के दौरान क्या सावधानी बरतें। लेख के अंत में एक वीडियो भी शेयर किया गया है।

  1. अर्ध बद्ध पद्मोत्तासन के फायदे - Ardha Baddha Padmottanasana ke fayde
  2. अर्ध बद्ध पद्मोत्तासन करने से पहले यह आसन करें - Ardha Baddha Padmottanasana karne se pehle yeh aasan kare
  3. अर्ध बद्ध पद्मोत्तासन करने का तरीका - Ardha Baddha Padmottanasana karne ka tarika
  4. अर्ध बद्ध पद्मोत्तासन का आसान तरीका - Ardha Baddha Padmottanasana ka aasaan tarika
  5. अर्ध बद्ध पद्मोत्तासन करने में क्या सावधानी बरती जाए - Ardha Baddha Padmottanasana karte samay kya savdhani barte
  6. अर्ध बद्ध पद्मोत्तासन करने के बाद आसन - Ardha Baddha Padmottanasana karne ke baad aasan
  7. अर्ध बद्ध पद्मोत्तासन का वीडियो - Ardha Baddha Padmottanasana ka video

हर आसन की तरह अर्ध बद्ध पद्मोत्तासन के भी कई लाभ होते हैं। उनमें से कुछ हैं यह:

  1. टाँगों को मज़बूत बनाता है।
  2. जिस टाँग पर आप खड़े होते हैं, उसको यह ख़ास तौर से मज़बूत बनाता है।
  3. कूल्हे और घुटने के जोड़ों में जकड़न से छुटकारा दिलाता है और लचीलापन बढ़ाता है।
  4. कंधों और छाती की मासपेशियों को खोलने में मदद करता है और उस से श्वसन में भी सुधार होता है।
  5. ध्यान रखने की क्षमता में सुधार लाता है। (और पढ़ें - ध्यान क्या है)
  6. पाचन में सुधार लाता है।
  7. आपके शारीरिक संतुलन (physical balance) को बढ़ाता है।

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अर्ध बद्ध पद्मोत्तासन करने से पहले आप यह आसन कर सकते हैं इनसे आपकी हॅम्स्ट्रिंग, कूल्हे, और जांघे पर्याप्त मात्रा में खुल जाएँगे।

  1. उत्थित पार्श्वकोणासन (Utthita Parsvakonasana or Extended Angle Pose)
  2. परिवृत्त पार्श्वकोणासन (Parivrtta Parsvakonasana or Revolved Side Angle Pose)
  3. प्रसारित पादोत्तासन (Prasarita Padottanasana or Wide-Legged Forward Bend)
  4. पर्श्वोत्तनासन (Parsvottanasana or Intense Side Stretch Pose)
  5. उत्थित हस्त पादंगुष्ठासन (Utthita Hasta Padangusthasana or Extended Hand-To-Big-Toe Pose)

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अर्ध बद्ध पद्मोत्तासन करने का तरीका हम यहाँ विस्तार से दे रहे हैं, इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें।

  1. ताड़ासन में खड़े हो जायें। श्वास अंदर लें और अपनी दाईं टाँग को उठा कर दायें पैर को बाईं जाँघ पे ले आयें बिना दर्द के जितना ऊपर ला सकें उतना ले आयें। इस मुद्रा में आपके दायें कूल्हे और घुटने पर खिचाव आएगा। अगला स्टेप करने से पहले अपना संतुलन पक्का कर लें। संतुलन बनाए रखने के लिए ध्यान अपनी बायें टाँग पर रखें। अगर पैर नीचे की ओर खिसक रहा हो तो आप उसे बायें हाथ से पकड़ सकते हैं।
  2. अब आपना दायां हाथ पीठ के पीछे से आगे की ओर ले आयें और दाए हाथ से दाए पैर का अंगूठा पकड़ लें। यह करने के बाद इस मुद्रा में एक से दो बार साँस अंदर और बाहर लें।
  3. साँस छोड़ते हुए कूल्हे के जोड़ों से झुकें — ध्यान रहे कि कमर के जोड़ों से नहीं झुकना है। नीचे झुकते समय साँस छोड़ें। याद रहे कि सभी आगे झुकने वाले आसनों की तरह उत्तानासन में उदेश्य धड़ को लंबा करना होता है। दायें हाथ को ज़मीन पर टिका लें। हाथ पैर की सिधाई में होना चाहिए।
  4. कुल मिला कर पाँच बार साँस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें। धीरे धीरे जैसे आपके शरीर में ताक़त और लचीलापन बढ़ने लगे, आप समय बढ़ा सकते हैं — 90 सेकेंड से ज़्यादा ना करें।
  5. कोशिश करें की आपकी पीठ सीधी रहे, और दाईं टाँग को सीधा रखें। अपने सिर को आराम से लटकने दें ताकि आपके गर्दन की मांसपेशियों पर ज़ोर ना पड़े।
  6. 5 बार साँस लेने के बाद आप इस मुद्रा से बाहर आ सकते हैं। आसन से बाहर निकलने के लिए साँस अंदर लेते हुए धड़ को ऊपर उठायें। ध्यान रहे कि आप अपनी पीठ को सीधा ही रखें और अपने कूल्हे के जोड़ों से ही वापिस उपर आयें। दायें पैर के अंगूठे को अभी ना छोड़ें।
  7. जब पूरी तरह सीधे खड़े हो जायें, तब आप अंगूठे को छोड़ दें। दाईं टाँग को नीचे कर लें, दोनो हाथों को भी नीचे कर लें और ताडासन में समाप्त करें।
  8. दाहिनी ओर करने के बाद यह सारे स्टेप बाईं ओर भी करें।

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  1. अगर आपका पैर पूरी तरह से जाँघ के ऊपर तक नाहों पहुँचता तो आप पैर का अंगूठा नहीं पकड़ पायेंगे। अगर ऐसा हो तो जितना पैर ऊपर आय उतना आने दें और ज़बरदस्ती उसे ऊपर ना खींचे। इस मुद्रा में ही आगे की ओर झुकें।
  2. अगर आपका हाथ पीठ के पीछे से पूरी तरह आगे नहीं आता तो आप पैर का अंगूठा नहीं पकड़ पायेंगे। अगर ऐसा हो तो हाथ को पीठ पर ही टिका कर रखें और ज़बरदस्ती उसे आगे ना खींचे। इस मुद्रा में ही आगे की ओर झुकें।
  3. अगर आपकी हैमस्ट्रिंग या कूल्हो में खिचाव कम है तो आप पूर्ण रूप से आगे नहीं झुक पाएँगे। ऐसे में आप के ब्लॉक पर हाथ को टीका सकते हैं ताकि आपको पूरा ना झुकना पड़े और सहारा भी मिल जाए। अगर इतना झुकना भी मुमकिन ना हो तो सीधे ही खड़े रहें।

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  1. जिन्हे पीठ के निचले हिस्से में दर्द की परेशानी हो, वह अर्ध बद्ध पद्मोत्तासन ना करें।
  2. जिनके घुटनों में दर्द हो, उन्हे भी अर्ध बद्ध पद्मोत्तासन नहीं करना चाहिए।
  3. अगर आपकी हॅम्स्ट्रिंग में चोट हो, तो अर्ध बद्ध पद्मोत्तासन ना करें।
  4. अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक जोर न लगायें।

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  1. उत्कटासन (Utkatasana or Chair Pose)
  2. वीरभद्रासन 1 (Virabhadrasana 1 or Warrior Pose 1)
  3. वीरभद्रासन 2 (Virabhadrasana 2 or Warrior Pose 2)
  4. दंडासन (Dandasana or Staff Pose)

(और पढ़ें - जोड़ों में दर्द क्यों होता है)  

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अर्ध बद्ध पद्मोत्तासन को ठीक से करने के लिए यह वीडियो ध्यान से देखें।

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