अर्ध का अर्थ आधा और चंद्रासन का मतलब चंद्र के समान किया गया आसन। इस आसन को करते समय शरीर का आकार अर्ध चंद्र के समान हो जाता है, इसलिए इसे अर्ध चंद्रासन कहा जाता है। इस आसन का आकार त्रिकोण के समान भी बनता है तो इसे त्रिकोणासन भी कह सकते हैं, क्योंकि दोनों आसन को करने में कोई खास अंतर नजर नहीं आता। इस आसन को खड़े होकर किया जाता है।

इस लेख में अर्ध चंद्रासन के फायदों और उसे करने के तरीको के बारे में बताया है। साथ ही इस लेख में अर्ध चंद्रासन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी जानकारी दी गई है। लेख के अंत में अर्ध चंद्रासन से संबंधित एक वीडियो शेयर किया गया है।

(और पढ़ें - कमजोरी के लक्षण)

  1. अर्ध चंद्रासन के फायदे - Ardha Chandrasana (Half Moon Pose) ke fayde in Hindi
  2. अर्ध चंद्रासन करने का तरीका - Ardha Chandrasana (Half Moon Pose) karne ka tarika in Hindi
  3. अर्ध चंद्रासन का आसान रूपांतर - Ardha Chandrasana (Half Moon Pose) ke rupantar in Hindi
  4. अर्ध चंद्रासन करने में क्या सावधानी बरती जाए - Ardha Chandrasana (Half Moon Pose) me kya savdhani barte in Hindi

अर्ध चंद्रासन के लाभ कुछ इस प्रकार हैं –

  1. यह अभ्यास संतुलन विकसित करता है और शरीर के आगे वाले भाग में खिंचाव उत्पन्न करता है।
  2. यह आसन पूरे शरीर को लचीला बनाता है।
  3. यह गर्भाशय और मूत्र नली से संबंधित स्त्री रोगों में विशेष रूप से लाभकारी होता है।
  4. यह आसन छाती और गर्दन को पर्याप्त खिंचाव प्रदान करता है, जिससे श्वसन सम्बन्धी समस्याओं, गले की खराशटॉन्सिलाइटिसखांसी और सर्दी से आराम पहुंचता है।
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अर्ध चंद्रासन करने का तरीका हम यहाँ विस्तार से दे रहे हैं, इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें –

  1. सबसे पहले घुटनों के बल खड़े हो जाएं, दोनों हाथों को साइड में रखें।
  2. बाएं पैर से एक कदम आगे बढ़ाएं।
  3. आगे की और झुकें और हथेलियों को बाएं पंजे के दोनों तरफ जमीन पर रखें।
  4. दाहिने पैर को पीछे की ओर पूरा खीचें।
  5. दाहिना घुटना, दाहिने पंजे के आगे का भाग और उंगलियां जमीन पर टिकी रहें।
  6. पीठ को धनुषाकार में बनाएं और दोनों हाथों को जोड़ते हुए पीछे की ओर ले जाएं। सिर को भी पीछे की ओर ले जाएं।  
  7. दो से तीन मिनट तक इस अवस्था को बनाये रखें।
  8. फिर हाथों को नीचे जमीन पर लायें। बाएं पैर को पीछे दाएं पैर के बगल में लाते हुए पुरानी अवस्था में लौटें और घुटनों के बल खड़े हो जाएं।

आप इस आसन को आसान तरीके से भी कर सकते हैं। बस अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें और कोहनियों को सीधा रखें। बाकि पूरी प्रक्रिया उपर बताये गए तरीकों से ही की जाएगी।

(और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढाये)  

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अर्ध चंद्रासन में बरतने वाली सावधानियां कुछ इस प्रकार हैं –

  1. अगर आपको चक्कर की समस्या रहती है तो इस आसान को न करें।
  2. लो ब्लड प्रेशर वाले इस आसन को न करें।
  3. अगर आपको कमर दर्द या गर्दन में दर्द की समस्या है तो इस आसन को नजरअंदाज करें।
  4. आसान को करते समय अगर आपको सिर दर्द महसूस होता है तो इसे तभी बंद कर दें।
  5. डायरिया से पीड़ित व्यक्ति इस आसन को न करें।
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